7 साल पुरानी तस्वीर कृषि बिल के खिलाफ किसानों के आंदोलन की बताकर वायरल-FACT CHECK

कृषि सुधार बिलों के संसद में पास होने के बाद किसान संगठनों और विपक्ष ने देश भर में 25 सितंबर को भारत बंद का एलान किया है. इस बीच किसानों के विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें भी तमाम जगहों से आ रही हैं. ऐसे में लगभग 7 साल पुरानी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है जिसे ज्यादातर कांग्रेस समर्थित संगठनों और नेताओं ने शेयर किया है. तस्वीर में पुलिस का जवान एक वृद्ध व्यक्ति पर पिस्तौल ताने हुए दिखाई देता है. बुजुर्ग व्यक्ति के हाथ में पत्थर है. तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा गया है.’’ मत मारो गोलियों से मुझे मैं पहले से एक दुखी इंसान हूं…मेरी मौत की वजह यही है कि मैं पेशे से इंसान हूं   ‘’

इसी तरह कांग्रेस नेताओं के कुछ और पोस्ट आप नीचे देख सकते हैं.

छत्तीसगढ़ यूथ कांग्रेस ने भी इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा ”जिस-जिस ने अपने अधिकार की आवाज उठाई मोदी जी आपने सभी पर लाठियां बरसाईं”

कुछ और पोस्ट आप यहां, यहां औऱ यहां देख सकते हैं.

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क्या अमेरिका के कोलंबिया में बसों पर डॉक्टर अंबेडकर और उनकी पत्नी की तस्वीर लगाई गई है ?

फैक्ट चेक

गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर कई मीडिया संगठनों की वेबसाइट पर ये तस्वीर नजर आती है. तस्वीर के साथ रिपोर्ट भी है. रिपोर्ट से पता चलता है कि ये घटना साल 2013 की यूपी के मेरठ जिले की है.पायनियर, इंडियन एक्सप्रेस, हिन्दू समेत कई अखबारों ने ये रिपोर्ट 30 सितंबर 2013 को प्रकाशित की थी. रिपोर्ट के अनुसार मेरठ के खेरा गांव में पुलिस और ग्रामीणों के बीच टकराव की घटना की ये तस्वीर है.मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के बाद ग्रामीणों ने खेरा गांव में महापंचायत बुलाई थी. प्रशासन ने महापंचायत की अनुमति नहीं दी थी जिसके चलते ये घटना हुई थी.

मुजफ्फरनगर दंगों के सिलसिले में बीजेपी विधायक संगीत सोम पर प्रशासन ने एनएसए लगाकर गिरफ्तार कर लिया था. विधायक के समर्थन में ये ग्रामीण यहां एकत्रित हुए थे.

निष्कर्ष

वायरल तस्वीर का किसान आंदोलन से कोई लेना देना नहीं है. य़े तस्वीर 7 साल पुरानी मेरठ जिले में पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुए टकराव की घटना के दौरान ली गई थी.

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Meenu Chaturvedi

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