पाकिस्तानी मूल के कनेडियन लेखक तारिक फतेह ने ट्विटर पर एक फोटोशॉप्ड तस्वीर शेयर करते हुए मुस्लिम समुदाय का मजाक उड़ाया है. तारिक फतेह की पोस्ट की गई तस्वीर में देखा जा सकता है कि सड़क पर, मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा कर रहे हैं औऱ उनके ठीक पीछे साइकिलें खड़ी हुई हैं। तारिक फतेह ने फोटो के साथ कैप्शन में दावा किया ”यह हलाल साइकिल स्टैंड है या फिर मोमिनों को नमाज पढ़ते समय साइकिल चोरी होने का डर है” आर्काइव

तारिक फतेह अक्सर गुमराह करने वाली खबरे फैलाते पाए गए हैं. इंडिया चेक ने कई बार उनके दावों को गलत साबित किया है. खासतौर से वो मुस्लिम विरोधी पोस्ट शेयर करते हैं जिसकी वजह से वो भारत के दक्षिणपंथियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं.

सच क्या है? 

तारिक फतेह के द्वारा शेयर की गई तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने उसे गूगल रिवर्स इमेज सर्च पर डाला लेकिन हमें कोई भी परिणाम देखने को नहीं मिला इसके बाद हमने इसे यान्डेक्स पर सर्च किया। इस दौरान हमें दो तस्वीरों का एक फोटो कोलाज देखने को मिला। पहली तस्वीर वही है जिसे तारिक फतेह ने ट्वीट किया लेकिन दूसरी तस्वीर में एक लड़की को साइकिल की दायीं तरफ खड़े हुए देखा जा सकता है एक बात और वहां पर केवल एक ही साइकिल खड़ी है और वह भी नमाज़ी से थोड़ी दूरी पर है। हमनें इन दोनों तस्वीरों की तुलना की और पाया कि वायरल तस्वीर से छेड़छाड़ की गई है यह संकेत लेते हुए कि मूल तस्वीर कुछ अलग हो सकती हमनें पड़ताल जारी रखी।

TinEye पर तस्वीर को सर्च करने पर हमें इस तरह की एक तस्वीर दिखी। जिसमें एक सड़क पर नमाजियों को नमाज अदा करते हुए देखा जा सकता है लेकिन इस तस्वीर में कहीं पर भी साइकिलें नहीं खड़ी हुई हैं। TinEye पर मौजूद इस तस्वीर के नीचे Shutterstock की वेबसाइट का लिंक दिखा जिस पर क्लिक करने पर हमें यहां भी वही तस्वीर  मिली इसमें भी कहीं पर साइकिलें देखने को नहीं मिलीं। 

हमनें मूल तस्वीर को गूगल लेंस पर डाला तो istockphoto.com पर यह फोटो मिली इसके कैप्शन में लिखा है -Marrakesh, Morocco – August 8, 2010: Muslim men pray on a street in Marrakesh. Islam is the largest religion in Morocco.(हिन्दी अनुवाद – मारकेश, मोरक्को – 8 अगस्त, 2010: मुस्लिम पुरुष मारकेश में एक सड़क पर प्रार्थना करते हैं। मोरक्को में इस्लाम सबसे बड़ा धर्म है।) वहीं dreamstime.com पर भी यह तस्वीर कुछ इसी कैप्शन के साथ मौजूद है।

निष्कर्ष

इंडिया चेक ने अपनी पड़ताल में तारिक फतेह के द्वारा शेयर की गई तस्वीर को भ्रामक पाया है। फतेह ने छेड़छाड़ की गई तस्वीर को ट्विटर पर शेयर किया है जबकि मूल तस्वीर अलग है उसमें नमाजियों के पास साइकिलें नहीं खड़ी हुई हैं। 

दावा – मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नमाज के दौरान साइकिल चोरी होने के डर के कारण अपनी साइकिलें अपने पास ही खड़ी कर लीं।

दावा करने वाले – पाकिस्तानी मूल के वरिष्ठ स्तंभकार और टीवी पैनलिस्ट तारिक फतेह

सच – दावा गलत है तस्वीर एडिटेड है

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