सऊदी अरब में रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत 22 मार्च से हो रही है। इस बीच कुछ भारतीय मीडिया संस्थानों(न्यूज़ 18, इंडिया टीवी, लाइव हिंदुस्तान, ऑप इंडिया ) ने अपनी रिपोर्ट प्रकाशित कर सऊदी अरब में रमजान से पहले मस्जिदों पर लाउडस्पीकर लगाने को लेकर प्रतिबंध लगाने की बात कही है। इसके बाद यह दावा सोशल मीडिया पर भी वायरल होने लगा। RSS के मुखपत्र पांचजन्य ने भी यही दावा करते हुए ट्वीट के कैप्शन में लिखा – “सऊदी अरब में मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाने पर लगा बैन !! इसपर क्या होगी आपकी टिप्पणी ? कमेंट कर जरूर बताएं।” आर्काइव
वहीं द इंटरनेशनल इंटरेस्ट के संस्थापक सामी हम्दी ने क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान की आलोचना करते हुए एक वीडियो में उन पर रमजान को प्रतिबंधित करने का दावा किया। जिसमें उन्होंने लाउडस्पीकर पर भी पाबंदी लगाए जाने की बात कही। आर्काइव
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और RSS समर्थक मेजर सुरेन्द्र पूनिया ने रमजान के अवसर पर प्रतिबंध लगाने की सूची गिनाते हुए लाउडस्पीकरों के प्रतिबंध का दावा किया। आर्काइव
इस दावे को फेसबुक पर यहां , यहां ,यहां ,यहां ,यहां और यहां देखा जा सकता है। साथ ही वायरल दावे का एक फोटो कोलाज भी देखें।
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लाउडस्पीकर बैन का सच
गूगल पर साधारण कीवर्ड सर्च करने पर हमें हाल ही में प्रकाशित middleeastmonitor और english.almayadeen.net की रिपोर्ट पढ़ने को मिलीं। इनमें बताया गया कि “सऊदी अरब ने इस साल रमज़ान की प्रथाओं को कुछ नियमों और प्रतिबंधों के द्वारा सीमित किया है”।
इसके बाद हमें सऊदी अरब सरकार के द्वारा रमजान के लिए जारी की गई सूची मिली जिसमें कुछ नियमों और प्रतिबंधों का जिक्र किया गया है।
रमजान पर सऊदी अरब के नए दिशा-निर्देश
इस्लामिक मंत्रालय ने इस साल पवित्र महीने के उत्सव पर 10 दिशानिर्देशों और सीमाओं की एक नियमावली जारी की, जिसमें मस्जिदों में स्वच्छता पर जोर, नमाज़ के प्रसारण/कवरेज पर रोक, मस्जिद में बच्चों को लाने पर रोक और मस्जिदों में इफ्तार पर प्रतिबंध शामिल हैं। इस सूची में कहीं पर भी लाउडस्पीकर के बैन किए जाने की बात नहीं कही गई है।
4 मार्च 2023 को प्रकाशित Gulf News की रिपोर्ट भी इन दिशानिर्देशों की जानकारी देती है लेकिन इसमें भी कहीं पर मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने पर बैन लगाने वाली कोई बात नहीं कही गई।
हालांकि जनवरी 2023 में प्रकाशित Siasat Daily , Saudi Gazette और Gulf News की रिपोर्ट के अनुसार मस्जिदों में नमाज़ अदा करने के लिए लाउडस्पीकरों की संख्या को 4 तक जरूर सीमित कर दिया गया है जिनका उपयोग मस्जिदों में नमाज अदा करने के लिए किया जाएगा।
सऊदी अरब में नागरिकों के शिकायत पर मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों की ध्वनि को लेकर अक्सर दिशानिर्देश जारी होते रहे हैं। लेकिन लाउडस्पीकर के बैन लगाने वाली बात निराधार है।
निष्कर्ष
इंडिया चेक ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को झूठा पाया है। सऊदी अरब में लाउडस्पीकरों की संख्या को 4 तक जरूर सीमित कर दिया गया है लेकिन वहां मस्जिदों पर लाउडस्पीकरों के बैन जैसा कोई दिशा-निर्देश नहीं दिया गया है।
दावा – सऊदी अरब में रमजान से पहले मस्जिदों पर लाउडस्पीकर लगाने पर बैन
दावा किसने किया – भारतीय मीडिया, सामी हम्दी, पांचजन्य और सुरेन्द्र पूनिया ने
सच – दावा झूठा है