india Check एक व्हाटसएप फॉरवर्ड मिला है जिसमें ये पूछा गया है कि इसमें दी गई जानकारी सही है या गलत । ये एक नोटिस है जिसमें लोगों के हिदायत दी गई है कि चुनावी पोस्ट,तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर ना करें। अगर ऐसा किया गया तो चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है। ये नोटिस क्राइम प्रिवेंशन काउंसिल ऑफ इंडिया के लेटर हेड पर जारी की गई है।
सोशल मीडिया से जुड़े Facebook, Twitter, Instagram, WhatsApp और Other Networks के माध्यम से कोई भी व्यक्ति आगामी चुनाव 2019 के दौरान चुनाव प्रचार सम्बन्धित पोस्ट, फोटो, बैनर आदि को एक दूसरे को न भेजें ! लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो चुकी है। चुनाव आयोग की जिला स्तरीय Special Surveillance Team द्धारा कार्रवाई भी की जा सकती है।”
इस नोटिस को आप यहां पढ़ सकते हैं।
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क्राइम प्रिवेंशन काउंसिल ऑफ इंडिया, एक एनजीओ है। जिसकी www.cpcindia.com नाम से एक वेबसाइट भी है। ये नोटिस इस वेबसाइट पर नहीं जारी की गई थी। इंडिया चेक ने संगठन के मुखिया डा एसके पांडेय से बात की। उन्होने बताया की कि चुनावी पोस्ट शेयर ना करने संबंधी पत्र उनके एक सदस्य द्धारा गलती से जारी हो गया था। संगठन को इसकी जानकारी नहीं थी। नरेंद्र सिंह नामके उस व्यक्ति को उनके पद से हटा दिया गया है। इस आशय का एक स्पष्टीकरण भी संस्था की तरफ से जारी किया गया है।
हमारी पड़ताल में ये नोटिस फर्ज़ी है। चुनाव आयोग की तरफ से इस तरह की कोई नोटिस जारी नहीं की गई है।
निष्कर्ष
दावा- किसी भी तरह की चुनावी पोस्ट सोशल मीडिया पर डालने से रोक
दावा करने वाले- व्हाटस एप, शेयर चैट, कुछ वेबसाइट, एनजीओ
सच- ये दावा पूरी तरह से झूठा है