एक हफ्ते से सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल है जिसमें कुछ धर्मगुरू कांग्रेस का झंडा पकड़े हुए हैं। तस्वीर के साथ एक संदेश है जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस ही देश को जोड़े रख सकती है। हिंदू,मुस्लिम,सिख,ईसाई सबके साथ कांग्रेस का हाथ। कांग्रेस समर्थित फेस बुक पेजों पर इसे शेयर किया जा रहा है।
60 साल कांग्रेस के साथ, प्रियंका गांधी जैसे फेसबुक पेजों पर इसे काफी शेयर किया गया । ट्विटर पर गुजरात कांग्रेस के हैंडल से टवीट किया गया।
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कांग्रेस का झंडा पकड़े धर्मगुरुओं की तस्वीर की पड़ताल
हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिए इस फोटो को ढूढ़ां तो 2016 में इससे मिलती जुलती एक तस्वीर दिखाई दी।जिसमें स्वामी दीपांकर,आचार्य लोकेश मुनि,सुशी गोस्वामी,डा. इलियासी और परमजीत सिंह चंडोक सहित अन्य संतो ने राष्ट्रीय झंडे के साथ वाघा बार्डर पर मार्च किया था। सभी धर्मगुरू हाथ में राष्ट्रीय ध्वज लिेए हुए हैं। स्वामी दीपांकर ने उस समय इस तस्वीर को टविटर पर पोस्ट भी किया था।
मतलब साफ है कि धर्मगुरूओं की ऑरिजनल तस्वीर जिसमें वे तिरंगा लिए हुए हैं उसको फोटोशॉप किया गया है। नीचे दोनों तस्वीरों में अंतर आप देख सकते हैं।
निष्कर्ष
हमारी जांच में पाया गया कि सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर को फोटोशॉप किया गया है। राष्ट्रीय झंडे की जगह कांग्रेस का झंडा बना दिया गया।
दावा-धर्मगुरुओं का कांग्रेस का झंडा लेकर मार्च की तस्वीर
दावा करने वाले- फेसबुक औऱ टविटर यूज़र
सच-दावा झूठा है।