हाल ही में टीएमसी से पहली बार सांसद बनी नुसरत जहां की संसद के भीतर शपथ ग्रहण समारोह के दौरान एक तस्वीर काफी चर्चा में रही. तस्वीर के चर्चा में रहने की वजह बनी नुसरत का पहनावा. पहनावे में भी मंगलसूत्र और सिंदूर. चर्चा इसलिए हुई की मेनस्ट्रीम मीडिया ने बताया कि नुसरत के मंगलसूत्र पहनने और सिंदूर लगाने के खिलाफ दारुल उलूम देवबंद के उलेमाओं ने फतवा जारी कर दिया है.
दारूल उलूम देवबंद मुसलमानों का काफी प्रतिष्ठित शिक्षा का संस्थान है. ये यूपी के सहारनपुर ज़िले के देवबंद में स्थित है. इस खबर की शुरूआत हुई मुफ्ती असद कासमी के एक बयान से जो उन्होने ABP न्यूज़ चैनल को दिया था. कासमी ने अपने बयान में कहा “ मुझे मीडिया से पता चला कि वो संसद में सिंदूर लगाकर आईं थी. मुझे जानकारी मिली कि उन्होने किसी जैन से शादी की है.इस्लाम कहता है कि मुस्लिम सिर्फ मुस्लिम से शादी कर सकता है. कासमी आगे कहते हैं कि मैं वही बता रहा हूं जो शरियत में लिखा है.
दरअसल हाल ही में नुसरत ने नितन जैन नामके एक कारोबारी से शादी की है। ना तो चैनल की स्टोरी में फतवे का ज़िक्र था और ना ही ये कहा गया कि दारुल उलूम देवबंद इस बयान में शामिल है. ज्यादातर चैनलों ने कासमी के बयान के आधार पर ही स्टोरी दिखाई लेकिन इसमें फतवा शब्द अपनी तरफ जोड़ दिया गया. TIMES NOW ने असद कासमी के बयान को आधार बनाते हुए स्टोरी चलाई कि “शपथग्रहण में TMC सांसद नुसरत जहां के सिंदूर लगाने और मंगलसूत्र पहनने के कई दिनों बाद देवबंद के उलेमाओं ने फतवा जारी किया. फतवे में कहा गया कि मुसलमान सिर्फ मुसलमान से ही विवाह कर सकते हैं.”
ज़ी न्यूज़ ने भी फतवा जारी करने की बात कही लेकिन ये कहीं नहीं दिखाया कि फतवा शब्द आया कहां से. ना तो फतवा जारी करने का कोई लिखित बयान और ना ही ओरल स्टेटमेंट. इसी तरह न्यूज़ 18 भी फतवे का ज़िक्र करता रहा.देवबंद का नाम लेता रहा. असद कासमी का बयान का हवाला देता रहा लेकिन कहीं से इस बात की तस्दीक नहीं हुई की फतवा शब्द आया कहां से.. INDIA TODAY औऱ आजतक ने भी यही काम किया.
टीवी के अलावा अख़बारों ने भी इस ख़बर को बिना जांच पड़ताल के चलाया. भास्कर, अमर उजाला सहित हिन्दी औऱ अंग्रेज़ी के अख़बारों ने ये ख़बर प्रकाशित की.
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मुफ्ती असद कासमी कौन हैं?
अब आइए जरा बात कर लेते हैं असद कासमी की. मुफ्ती असद कासमी देवबंद के रहने वाले हैं. यूपी के सहारनपुर के पास देवबंद एक जगह का नाम है। वहीं पर दारूल उलूम स्थित है. इसलिए इसको दारुल उलूम देवबंद कहा जाता है. दारुल उलूम के मीडिया रिलेशन के इंचार्ज अशरफ उस्मानी का कहना है कि ”असद कासमी का इस संस्थान से कोई संबंध नहीं है”. उस्मानी कहते हैं कि ”दारुल उलम नुसरत जहां की शादी के मसले में किसी तरह से शामिल नहीं है. औऱ ना ही उनके खिलाफ कोई फतवा ज़ारी किया गया है. मीडिया के द्धारा रिपोर्ट की गई इस फर्ज़ी खबर की हम निंदा करते हैं.” इस खबर का फैक्ट चेक पहले ALT NEWS कर चुका है.
निष्कर्ष
दावा- TMC सांसद नुसरत जहां की शादी, सिंदूर लगाने,मंगलसूत्र पहनने के खिलाफ दारुल उलूम देवबंद ने फतवा ज़ारी किया
दावा करने वाले – मेनस्ट्रीम मीडिया
सच- दावा झूठा साबित हुआ
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