कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की एक फोटो अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट की है जिसमें वो दावा कर रहे हैं कि ये तस्वीर साल 1954 के दौरान उनके अमेरिकी दौरे की है. इस फोटो में इंदिरा गांधी भी उनके साथ हैं. एक खुली जीप में दोनों सवार हैं और सड़क के दोनों और काफी लोग उनको देखने के लिए उमड़ पड़े हैं. अंग्रेज़ी में किए अपने ट्वीट में थरूर कहते हैं ”साल 1954 में अमेरिका में नेहरू औऱ इदिरा गांधी. देखिए, बिना किसी पीआर कैंपेन, एनआरआई क्राउड मैनेजमेंट और मीडिया पब्लिसिटी के बड़ी संख्या में अमेरिका के लोग उत्साहित होकर उनको देखने के लिए उमड़ पड़े”
ये तस्वीर सोशल माडिया पर वायरल हो रही है. कांग्रेस समर्थित संगठनों ने भी इसे पोस्ट किया और तमाम सोशल मीडिया यूजर इसको शेयर कर रहे हैं. तस्वीर के साथ हिन्दी में भी संदेश है जिसमें कहा जा रहा है ”ये बात सन 1954 की है जब नेहरू जी और इंद्रा जी अमरीका के दौरे पर थे, न कोई चुनाव प्रचार था न कोई वोटों लालच था, फिर भी अमरीका और भारत के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया इसी लिए आज भी विश्व में गाँधी परिवार के नाम का डंका बजता है। पूरा विश्व गाँधी की विचारधारा पंसद करता है”
दरअसल ये तस्वीर हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका के ह्यूस्टन में हुए howdy मोदी कार्यक्रम पर तंज करने के लिए शेयर की जा रही है. ह्युस्टन में हुए कार्यक्रम में मोदी के साथ राष्ट्रपति ट्रंप ने भी भाग लिया था.
फैक्ट चेक
ये तस्वीर कब की है ?
शशि थरूर की पोस्ट की गई नेहरू की तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च कराने पर बहुत से रिज़ल्ट सामने आते हैं. जिनसे ये पता चलता है कि ये तस्वीर अमेरिका की नहीं उस समय के सोवियत संघ यानि ussr की साल 1955 की है
11जुलाई 2015 को द हिन्दू अखबार ने नेहरू की सोवियत रूस की इस यात्रा पर एक लेख प्रकााशित किया था जिसमें उस दौरान भारत-सोवियत संघ के बीच संबंधों का जिक्र किया गया था. आजांदी के बाद भारत के प्रधानमंत्री के रूप में नेहरू की सोवियत संघ की ये पहली आधिकारिक यात्रा थी. इस यात्रा में उनके साथ इंदिरा गांधी भी गई थीं. 7 जून 1955 से लेकर 23 जून 1955 तक नेहरू सोवियत संघ में थे.
ये तस्वीर मॉस्को की नहीं है
इस दौरान उन्होने वहां के कई शहरों का दौरा ये जानने के लिए कि कैसे सोवियत संघ विकास के पथ पर आगे बढ़ा. इसी सिलसिले में उन्होने सोवियत संघ के मैगनीतोगोर्स्क (Magnitogorsk) , स्वेर्दलोवस्क (Sverdlovsk) , लेनिनग्राद (Leningrad), ताशकंद (Tashkent), अशख़ाबाद (Ashkhabad), याल्ता (Yalta), रुस्तावी (Rustavi) और मॉस्को समेत क़रीब 12 बड़े शहरों का दौरा किया था. सोशल मीडिया पर नेहरू और इंदिरा गांधी की जो तस्वीर अब वायरल हो रही है वो मैगनीतोगोर्स्क (Magnitogorsk) नाम के शहर की है.ये शहर औद्योगिक क्रांति के लिए काफी मशहूर था. नेहरू की इस यात्रा के बारे में रूसी भाषा में कई लेख वहां के लोकल अखबारों में छपे हैं.
भारत-और रुस के बीच संबंधों में नेहरू की इस यात्रा को मील का पत्थर समझा जाता है. लगभग 17 दिन लंबी यात्रा में नेहरू ने सोवियत संघ की प्रगति को जानने समझने के लिए वहां स्कूल, कॉलेज, उद्योगों का विस्तार से दौरा किया. 2 जुलाई 2015 में rbth.com नाम की वेबसाइट ने लिखा है कि नेहरू के इस शहर में पहुंचने पर वहां की फैक्ट्रियों में काम करने वाले औऱ स्थानीय लोग उनको देखने के लिए सड़क पर आ गए थे. शशि थरूर ने इस तस्वीर को 1954 का बताया वो भी गलत है. सोशल मीडिया पर कई यूजर्स और कई फैक्ट चेक वेबसाइट ने इसे मॉस्को और साल 1956 का बताया जो कि गलत जानकारी है. बाद मे थरूर ने ये बात मानी कि कि ये तस्वीर अमेरिका की नही है लेकिन साथ में इसको सही भी ठहराने की कोशिश की. उन्होने ट्वीट करके कहा “मुझे ये पता चाला कि ये तस्वीर सोवियत संघ की है, तो भी मेरा कहने का मतलब वही है कि पहले भी भारत के प्रधानमंत्रियों को विदेशों में लोगों का प्यार और सम्मान मिलता रहा है. नरेंद्र मोदी को सम्मान मिलने का मतलब देश के प्रधानमंत्री को सम्मान मिलना है. ये भारत का सम्मान है.”
निष्कर्ष
ये तस्वीर साल 1955 में नेहरू की सोवियत संघ यात्रा के दौरान की है. सोवियत संघ के औद्योगिक शहर मैगनीतोगोर्स्क (Magnitogorsk) में इसे लिया गया था. इस तस्वीर को कैमरे में कैद करने वाले का हम पता नहीं लगा पाए हैं. जैसे ही जानकारी मिलेगी हम अपडेट करेंगे.
दावा- साल 1956 में भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू औऱ उनकी बेटी इंदिरा गांधी की अमेरिका में तस्वीर जिसमें लोग उन्हे देखने के लिए सड़क पर उमड़ पड़े
दावा करने वाले- शशि थरूर, कांग्रेस समर्थित पसंगठन और सोशल मीडिया यूज़र
सच- दावा गलत है, तस्वीर उस समय के सोवियत संघ के मैगनीतोगोर्स्क (Magnitogorsk) शहर की है. इसे 1955 में लिया गया था.