पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ज़िले के जियागंज इलाके में हुई पति,पत्नी और बेटे की निर्मम हत्या को लेकर सबसे ज्यादा गर्मी सोशल मीडिया पर है. दिल को हिला देने वाली इस घटना के बारे में दावा किया जा रहा है ये हत्या राजनैतिक बदले की भावना के चलते की गई है. और कुछ लोग इसे सांप्रदायिक रंग भी दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि मारे गए व्यक्ति बंधु प्रकाश पाल स्थानीय स्कूल में एक शिक्षक थे और RSS से जुड़े हुए थे इसलिए पत्नी, बच्चे समेत उनकी हत्या कर दी गई.
हम इस घटना का वीडियो नहीं दिखा रहे हैं क्योंकि इसके विजुअल काफी वीभत्स हैं.
लेखिका और बीजेपी समर्थक शेफाली वैद्या ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि ये हत्या इसलिए की गई कि मृतक RSS से जुड़ा था.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी इसे राजनैतिक एंगल देते हुए एक ट्वीट किया जिसमें उन्होने ये जताया कि मारे गए व्यक्ति के आरएसएस से जुड़े होने की वजह से लिबरलस इस घटना का विरोध नहीं कर रहे हैं.
कई टीवी चैनलों ने भी इसे राजनैतिक हत्या का रंग देने की कोशिश की.जी न्यूज़ ने अपने बुलेटिन में ‘सियासत का रक्त चरित्र’ एंगल इस स्टोरी को दिया.
फैक्ट चेक
इस घटना पर सबसे पहले हमने पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष से बात की तो उन्होने कहा कि वो इस घटना में शामिल सभी लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई चाहते हैं. उन्होने इसमें किसी राजनैतिक या सांप्रदायिक एंगल होने से इंकार किया.घोष ने ये भी बताया कि बंधु प्रकाश पाल आरएसएस की शाखाओं में आते रहते थे लेकिन परमानेंट सदस्य नहीं थे. हमने कोलकाता शहर के आरएसएस के सह प्रचार प्रमुख देबाशीष चौधरी भी किसी राजनैतिक दुश्मनी से इंकार करते हैं. मुर्शिदाबाद पुलिस से बात की तो उन्होने हमे बताया कि पुलिस की जांच के मुताबिक इस घटना में कोई राजनैतिक और कम्युनल एंगल नहीं है. अब तक मिली जानकारी के अनुसार ये आपसी रंजिश का मामला हो सकता है.
कई अखबारों ने बंधुप्रकाश की मां मायारानी पाल से बातचीत की जिसमें उन्होने कहा कि उनके बेटे का किसी राजनैतिक दल और RSS से कोई संबंध नहीं था. इस घटना में नजदीकी रिश्तेदार शामिल हैं. उन्होने लोगों से आग्रह किया कि इसे राजनैतिक रंग ना दे. टेलिग्राफ और इंडियन एक्सप्रेस ने ये रिपोर्ट प्रकाशित की है.
मशहूर फिल्म एक्टर अपर्णा सेन ने भी ट्वीट करके इस घटना की कड़ी निंदा की और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की मांग की.
अपर्णा उन 49 सेलिब्रिटियों में से एक जिन्होने मॉबलिंचिंग के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था. इस पूरी घटना में खास बात ये है कि किसी भी तरह की पुलिस जांच से पहले सोशल मीडिया पर लोग कयास के आधार पर अपनी-अपनी राय देने लगे थे. किसी ने इसको हिन्दू-मुस्लिम का एंगल दिया तो कोई राजनैतिक हत्या बताने लगा. हालांकि पुलिस की जांच अभी पूरी नहीं हुई है लेकिन स्थानीय बीजेपी और RSS नेताओं ने घटना को राजनीति से प्रेरित होने से इंकार किया है. जांच पूरी होने के बाद इस स्टोरी को फिर अपडेट किया जाएगा.