हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर गए थे. इस दौरान सोशल मीडिया पर भगवद गीता की एक तस्वीर फिर से वायरल हो रही है. तस्वीर में एक रथ पर कृष्ण के साथ अर्जुन बैठे हैं. और उसके ऊपर अरबी भाषा में कुछ लिखा है. दावा किया जा रहा है सऊदी अरब सरकार ने अरबी भाषा में भगवद गीता को रिलीज किया है. 2 नवंबर को इसे पोस्ट किया गया है.
तस्वीर के साथ पूरा संदेश इस तरह से है.
सऊदी अरब सरकार ने अरबी में भगवदगीता रिलीज की. यहां तो भारत माता माता की जय बोलने से सेक्युलरजिम खतरे में आ जाता है. यहां जो वंदेमातरम कहने से मना करते हैं, सऊदी अरब वाले उन्हे अपनी बराबरी का ही नहीं मानते
जय श्रीकृष्णा
हार्दिक भावसर अपने ट्वीट में लिखते हैं ”सऊदी अरब सरकार ने अरबी में भगवतगीती रिलीज की यहां तो भारत माता की जय बोलने से विशेष धर्म खतरे में आ जाता है”. हार्दिक के प्रोफाइल में लिखा है कि उन्हे पीएम मोदी औऱ अमित शाह फॉलो करते है. भावसर ने इस ट्वीट को 31 अक्टूबर को शेयर किया है.
टिवटर पर लंबी फेहरिस्त है इसे पोस्ट करने वालों की.
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फैक्ट चेक
क्या है अरबी में लिखी भगवद गीता की कहानी ?
तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च कराने पर harksna.com नाम की एक वेबसाइट में इसका जिक्र मिलता है. इस वेबसाइट के अनुसार रावनारी प्रभु नाम के एक इस्कान भक्त ने गीता का अरबी में अनुवाद किया था. रावनारी फिलिस्तीन में पैदा हुए थे और बाद में 1973 में जर्मनी में इस्कॉन से जुड़ गए थे. अरबी में लिखी सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर के साथ इस वेबसाइट पर उनकी तस्वीर भी है.
इसके अलावा हैदराबाद की उस्मानिया विश्वविद्यालय ने भी भगवदगीता का अरबी में अनुवाद किया था.टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार की 2017 में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार दैरतुल मैरिफिल उस्मानिया,ने गीता का 1918 में अरबी में अनुवाद किया था.
इस साल जून के महीने में भी ये पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. ऑल्ट न्यूज ने तब इसका फैक्ट चेक किया था.
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