पिछले पांच दिनों से राजधानी के नॉर्थ-ईस्ट इलाके में दो समुदायों के बीच हुई हिंसा में जबदस्त जानमाल का नुकसान हुआ है. दिल्ली में हिंसा की वजह से अब तक 38 मौते हो चुकी हैं. दुकानों और घरों में आग लगाई गई. लूटपाट की घटनाएं हुईं और दोनों पक्षों के बीच जबरदस्त पथराव की घटनाए हुईं. इन घटनाओं के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हैं. लेकिन इस सबके बीच कुछ गुमराह करने वाले वीडियों भी पोस्ट किए जा रहे हैं. ऐसा ही एक वीडियो वायरल है जिसमें लोग पुलिस पर पथराव कर रहे हैं. वीडियो में पुलिस की गाड़ियां निकल रही हैं जिन पर हिंसा पर उतारू भीड़ पथराव करती दिखाई दे रही है.बीजेपी सदस्य मेजर सुरेंद्र पूनिया ने ये वीडियो पोस्ट किया है. वीडियो के साथ मेजर पूनिया ने लिखा है. ”ये लोग कश्मीर को दिल्ली ले आए हैं.ये लोग पत्थर नहीं फेक रहे हैं बल्कि देश को तोड़ रहे हैं.”
45 सेकेंड की इस वीडियो क्लिप को अब तक 4900 लोग रिट्वीट कर चुके हैं.
इस वीडियो को अशोक पंडित ने भी ट्वीट किया है.
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फैक्ट चेक
वीडियो को गौर से देखने पर आसपास की दुकानों के साइनबोर्ड नजर आते हैं. जिनकी भाषा गुजराती में है. इसी के आधार पर हमने गुजरात से संबधित की-वर्डस के जरिए इस वीडियो की खोज की. कई रिपोर्टस और वीडियो इस घटना के हमे मिले जिनसे पता चला कि ये घटना अहमदाबाद के शाह-ए-आलम इलाके की है. 19 दिसंबर को नए नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने पुलिस को निशाना बनाया था और जबरदस्त पथराव किया था. इस घटना में दो पुलिसकर्मियों को चोटे भी आईं थीं. इंटरनेट पर घटना के बहुत सारे वीडियो मौजूद हैं. the quint ने भी इस घटना का वीडियो और रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर 20 दिसंबर 2019 को पोस्ट की थी.
यहां हम आपको बता दें कि दिल्ली के दंगों की हिंसा के तमाम वीडियो सामने आए हैं जिसमें पथराव के भी तमाम वीडियो हैं लेकिन ये वीडियो अहमदाबाद का है. ऐसे समय में जब राजधानी के हालात काफी संवेदनशील हैं इस तरह के वीडियो पोस्ट करना लोगों को और भड़काने का काम कर सकता है. इसलिए आप सभी लोगों से आग्रह है कि बिना सच जाने किसी भी वीडियो को पोस्ट या शेयर ना करें ये किसी के जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है.
निष्कर्ष
हमारी जांच में ये वीडियो दिल्ली के दंगों का नहीं बल्कि 3 महीने पहले अहमदाबाद में हुई एक घटना का है.
दावा- पुलिस पर पथराव करते लोगों का वीडियो दिल्ली का है
दावा करने वाले- मेजर सुरेंद्र पूनिया, अशोक पंडित
सच- दावा गलत है