‘अमेरिका और ब्रिटेन समेत 18 देश चाहते हैं कि कोरोना से निपटने के लिए टास्क फोर्स का नेतृत्व भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करें, भारत के लिए गर्व का मौका है , उन पर भरोसा करिए और भारत जीतेगा’

ये दावा सोशल मीडिया पर वायरल है. इसके साथ ही ‘wion’ न्यूज चैनल की एक वीडियो क्लिप भी अटैच है. इसी क्लिप की रिपोर्ट के आधार पर ये दावा किया जा रहा है. क्लिप में कोरोना वायरस को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नरेंद्र मोदी को लेकर एक रिपोर्ट दिखाई गई है जिसे सोशल मीडिया पर गलत ढंग से पेश किया जा रहा है.

कुछ वेरिफाइड ट्विटर हैंडल्स से भी ये दावा किया जा रहा है.

फेसबुक पर भी इसी वीडियो क्लिप के साथ ये संदेश वायरल है.

18 nations including USA and UK wants NARENDER MODI as leader for TASK FORCE for CORONA..what a proud moment for INDIA..believe in him and INDIA will win 🙏

Geplaatst door Tarun Srivastava op Dinsdag 31 maart 2020

कुछ स्क्रीन शॉट आप नीचे देख सकते हैं.

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फैक्ट चेक

वायरल दावे के साथ पोस्ट की गई वीडियो क्लिप को सुनने से पता चलता है कि इसमें इस तरह की कोई बात नहीं की गई है. लोगों ने रिपोर्ट का गलत मतलब निकाला। रिपोर्ट में हाल ही में पीएम मोदी के प्रयास से SAARC यानि साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन देशों की covid-19 पर 15 मार्च को एक बैठक के बारे में बताया गया. वीडियो कन्फ्रेंसिंग के ज़रिए हुई इस बैठक में एक फंड बनाने का फैसला किया गया था. जिसमें भारत ने 10 मिलियन डॉलर की राशि देने का प्रस्ताव किया.  इस संगठन में भारत को मिलाकर 8 देश शामिल हैं. इस बैठक की जानकारी पीएम मोदी ने भी ट्वीट करके दी थी.

इसी तरह न्यूज चैनल की वीडियो क्लिपिंग में पीएम मोदी की ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ टेलिफोन पर बातचीत का जिक्र है. इस बातचीत में दोनों देशों के बीच COVID-19 पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग के अलावा और कई मसलों पर बात हुई. इस बातचीत का आधिकारिक ब्योरा विदेश मंत्रालय ने जारी किया था. लेकिन इसमें भी कहीं भी टास्क फोर्स का जिक्र नहीं था. ये रिपोर्ट आप यहां देख सकते हैं. आगे रिपोर्ट में में  जी-20 की बैठक के बारे में बताया गया है जिसमें ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की टिप्पणी का जिक्र है जिसमें वो मोदी की इस बात के लिए तारीफ करते हैं कि उन्होने जी-20 देशों को कोरोना के खतरे से निपटने के लिए मिलकर बात करने के लिए प्रयास किया.हलांकि वो ये भी कहते हैं कि इस साल जी-20 की अध्यक्षता सऊदी अरब कर रहा है इसलिए ये उसे ही करना चाहिए. रिपोर्ट में ये भी बताया जाता है कि जी-7 देश भी इस तरह की बैठक की योजना बना रहे हैं. जी-20 देशों की बैठक 28 मार्च को टेलिकान्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी. बैठक की अध्यक्षता सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने की थी. इसमें कोरोना वायरस के खतरे से निपटने पर चर्चा हुई. बैठक में पीएम मोदी भी शामिल हुए थे. इस महामारी से दुनिया की अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए 5 ट्रिलियन डॉलर के पैकेज की घोषणा की गई. इस बैठक के बाद भारत सरकार की तरफ जारी प्रेस रिलीज के अनुसार पीएम मोदी ने सऊदी किंग को इस बैठक के आयोजन के लिए धन्यवाद दिया. इसमें भी टास्क फोर्स बनाए जाने की कोई चर्चा नहीं थी.इसे आप यहां पढ़ सकते हैं.

निष्कर्ष

पीएम मोदी ने कोरोनो से निपटने के लिए दुनिया भर के नेताओं से मिलकर काम करने की अपील सबसे पहले की. सार्क देशों की बैठक उनके प्रयासों से हु्ई.जी-20 देशों को साथ मिलकर कोरोना से लड़ने का प्रस्ताव भी उन्होने दिया था. लेकिन ये पूरी तरह गलत है कि 18 देश पीएम मोदी की अगुवाई में कोरोना पर टास्क फोर्स बनाना चाहते हैं.

दावा- पीएम मोदी की अगुवाई में अमेरिका ब्रिटेन समेत 18 देश कोरोना से लड़ने के लिए टास्क फोर्स बनाना चाहते हैं.

दावा करने वाले- सोशल मीडिया यूजर

सच -दावा गलत है




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