एक पोस्ट वायरल है जो आपकी नजरों से होकर जरूर गुजरी होगी जिसमें दावा किया जा रहा है ‘आज पुलिस अधिकारी डॉक्टर वंदना तिवारी की मौत हो गई. वो पिछले हफ्ते यूपी के एक गांव में कोरोना के टेस्ट के लिए गई थीं….पर जिहादियों ने उन पर हमला करके घायल कर दिया था.’ इस दावे के साथ दो तस्वीरें हैं. एक महिला पुलिस कर्मी की है जिसके चेहरे से खून बह रहा है. दूसरी अस्पताल में बेड गंभीर हालत में लेटी एक महिला की है.
बाकी जगहों पर एक ही तस्वीर है. महिला की बेड पर लेटे हुए. लेकिन दावा लगभग उसी तरह का किया जा रहा है
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बांग्लादेश के नकली सैनिटाइजर बनाने वालों की तस्वीर को सांप्रदायिक रंग देकर भारत की बताया जा रहा है.
फैक्ट चेक
गूगल सर्च में डाक्टर वंदना तिवारी की-वर्ड डालने से कई परिणाम मिलते हैं. इनमें कई अखबारों की रिपोर्ट है जिसमें कहा गया है मध्यप्रदेश के शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों के इलाज की ड्यूटी में लगी फार्मेसिस्ट वंदना तिवारी की मौत हो गई. ड्यूटी के दौरान उन्हे 31 मार्च को ब्रेन हैमरेज हुआ था. बेहतर इलाज के लिए 1 अप्रैल को ग्वालियर के रेफर किया गया था.
न्यूज 18 ने मध्यप्रदेश ने भी इस खबर को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया है. इसे आप यहां देख सकते हैं.
यूपी पुलिस ने भी इस खबर को गलत बताया है कि वो यूपी कोरोना टेस्ट के लिए एक गांव में गई थीं जहां उन पर हमला हो गया था. दूसरी तस्वीर जिसमें घायल महिला पुलिसकर्मी दिखाई दे रही है वो वंदना तिवारी नहीं है. हम इस तस्वीर की जांच कर रहे हैं जैसे ही पता लगेगा हम अपडेट करेंगे.
निष्कर्ष
वंदना तिवारी मध्यप्रदेश के शिवपुरी में अस्पताल में कोरोना के बीमारों की देखभाल कर रहीं थी. वो पुलिस अधिकारी नहीं बल्कि फार्मासिस्ट थीं. उनकी मौत ब्रेन हैमरेज से हुई थी. इनका कोरोना टेस्ट निगेटिव था. ये दावा झूठा है कि यूपी में कोरोना टेस्ट करने के दौरान उनपर हमला किया गया था. जिसके बाद उनकी मौत हो गई.
दावा- ‘आज पुलिस अधिकारी डॉक्टर वंदना तिवारी की मौत हो गई. वो पिछले हफ्ते यूपी के एक गांव में कोरोना के टेस्ट के लिए गई थीं….पर जिहादियों ने उन पर हमला करके घायल कर दिया था.’
दावा करने वाले- सोशल मीडिया यूजर
सच- दावा गुमराह करने वाला है