सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों का एक कोलाज वायरल है. एक तस्वीर शाहीन बाग की दादी बिल्किस बानो की है और दूसरी एक अन्य बुजुर्ग महिला है जो पीला स्कॉर्फ पहने हुए हाथ में झंडा लेकर उसे जमीन पर टेकते हुए कुछ महिलाओं के साथ सड़क पर जा रहीं हैं.दावा किया जा रहा है कि दूसरी तस्वीर भी बिल्किस बानो की है जो किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहीं हैं. फिल्म एक्ट्रेस कंगना रनौत ने फोटो ट्वीट करते हुए लिखा ‘’हा हा हा, ये वही दादी हैं जिनको टाइम मैगजीन में सबसे प्रभावी भारतीय के रुप में जगह मिली थी. और 100 रुपए में इनकी सेवाएं ली जा सकती हैं.”
कंगना ने ये ट्वीट डिलीट कर दिया है लेकिन इसका आर्काइव्ड वर्जन आप यहां देख सकते हैं.
आपको बता दें कि नए नागरिकता कानून के खिलाफ शाहीन बाग में हुए प्रदर्शन में दादी बिल्कीस बानों एक प्रमुख चेहरा थीं. इस प्रदर्शन से उन्हे अंतररराष्ट्रीय स्तर पर काफी चर्चा मिली. ‘Ex secular’ नामके ट्विटर हैंडल ने लिखा ”शाहीन बाग वाली दादी को 500 रुपए दिहाड़ी मिलता था. यहां भी मिलेगा ?” आर्काइव्ड ट्वीट यहां देख सकते हैं.
खास बात ये है कि इस ट्विटर हैंडल के बॉयो में लिखा है कि पीएम मोदी इनको फॉलो करते हैं.
इसी तरह पीएम मोदी के फॉलो किए जाने वाले एक ट्विटर हैंडल ‘SouleFacts’ ने फोटो पोस्ट करते हुए लिखा ‘’प्रोफेशनल आंदोलनकारी दादी नौकरी के लिए तैयार हैं’’ आर्काइव्ड पोस्ट आप यहां देख सकते हैं
गौरव प्रधान नामके ट्विटर हैंडल ने लिखा ”दादी रोज के आधार पर नौकरी के लिए तैयार हैं. खाना, कपड़ा ,पॉकेट मनी, अवार्ड अलग से चाहिए”
गौरव प्रधान पहले भी कई बार फेक न्यूज फैलाते हुए पकड़े जा चुके हैं.
फेसबुक पर भी ये पोस्ट इसी दावे का साथ वायरल है. ऑरिजनल पोस्ट यहां देख सकते हैं.
फेसबुक पर कुछ स्क्रीन शॉट नीचे हैं.
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फैक्ट चेक
इंडिया चेक ने सबसे पहले इस बारे में बिल्किस बानो के बेटे मंजूर अहमद से फोन पर बात की तो उन्होने बताया ”वो किसानों के आंदोलन में शामिल ही नहीं हुई हैं. और जो तस्वीर वायरल है वो दादी बिल्किस बानो की नहीं है.” हालांकि उन्होने ये भी कहा कि वो इस आंदोलन में शामिल हो सकती हैं.
फिर हमने वायरल तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया तो ये तस्वीर हमे फेसबुक पेज ”मेरा गांव मेरा स्वाभिमान” पर मिली जिसे इस साल 13 अक्टूबर को पोस्ट किया गया. इससे साफ जाहिर है कि तस्वीर किसान आंदोलन की नहीं है. ऑरिजनल पोस्ट आप यहां देख सकते हैं. नीचे स्क्रीन शॉट है.
बुजुर्ग महिला के हाथ में पीले और हरे रंग का झंडा भारतीय किसान यूनियन ( एकता उग्राहन) का है. संस्था के फेसबुक पेज पर आप कुछ महिलाओं को पीले रंग का स्कॉर्फ पहने औऱ ये झंडा लिए हुए देख सकते हैं.
वायरल तस्वीर में दिख रही महिला कौन है ये हम पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जैसे ही जानकारी मिलेगी स्टोरी को अपडेट करेंगे. लेकिन ये तस्वीर शाहीन बाग की दादी बिल्किस बानो की नहीं है ये बात जांच में साबित होती है
निष्कर्ष
वायरल तस्वीर के बार में ये दावा कि वो शाहीन बाग की दादी बिल्किस बानो हैं जो किसान आंदोलन में पैसे लेकर भाग ले रहीं है पूरी तरह से झूठ है.
दावा- शाहीन बाग की दादी बिल्किस बानो पैसे लेकर किसान आंदोलन में भाग ले रहीं हैं
दावा करने वाले-कंगना रनौत औऱ सोशल मीडिया यूजर
सच-दावा पूरी तरह गलत है