कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधने के लिए 12 साल पुरानी बांग्लादेश के बाल श्रमिक की तस्वीर को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. तस्वीर में धूल से सना हुआ एक बच्चा हाथ में एक कटोरा लिए हुए है.बैकग्राउंड में एक और बच्चे की तस्वीर है. तस्वीर को एडिट करके सबसे ऊपर लिखा गया है ”कोरोना की संकट की वजह से 7 करोड़ बच्चों पर छाय़ा गरीबी का संकट” बीचे में लिखा है ”स्कूल ना जाने की वजह से लाखों करोड़ों बच्चों की शिक्षा और परिवार की आय पर असर.” सबसे नीचे लिखा है ”सरकार को जल्द ही बच्चों के बहतर भविष्य के लिए उठाने होंगे कदम.” पार्टी के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से इसे पोस्ट करके कैप्शन में लिखा गया ”कोरोना संकट और बीजेपी संकट के कारण देश की अर्थव्यवस्था से लेकर जनता तक प्रभावित होने लगी है। कोरोना संकट से 7 करोड़ बच्चों पर गरीबी का संकट छा गया है। मोदी सरकार देश को गरीबी के संकट से निकालने के लिये जल्द कदम उठाये।”
फेसबुक पेज पर भी इसे पोस्ट किया गया है. इसे आप यहां देख सकते हैं.
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फैक्ट चेक
तस्वीर का गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर कई परिणाम मिलते हैं. ‘Pintrest’ नाम की तस्वीरें आर्काइव करने वाली वेबसाइट पर तस्वीर के साथ डिटेल भी है. डिटेल के अनुसार ये तस्वीर बांगलादेश की है. कैप्शन का टाइटल है “Children at a brick factory in Fatullah’’. इसमें बताया गया है कि फैक्ट्री में काम करने वाले बच्चों को प्रति एक हजार ईंट ढोने की एवज में मात्र 0.9 अमेरिकीडॉलर मिलते हैं. ऑरिजनल तस्वीर आप यहां देख सकते हैं.
felixfeatures.photoshelter.com नामकी वेबसाइट में भी ये तस्वीर हमे मिली. इसमें दी गई जानकारी के अनुसार भी इसे बांगलादेश के ईंटों की फैक्ट्री के बाल श्रमिक का बताया गया. तस्वीर को साल 2008 में जीएमबी आकाश नाम के फोटो जर्नलिस्ट ने ली थी. इसे आप यहां देख सकते हैं.
निष्कर्ष
हमारी जांच से ये साबित होता है कि कांग्रेस ने जो तस्वीर मोदी सरकार को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल की है वो भारत की नहीं बल्कि बांगलादेश की है. जिसे साल 2008 में खींचा गया था.