CAA के खिलाफ प्रोटेस्ट में हिजाब या बुरके को ड्रेसकोड बताने वाला पोस्टर फोटोशॉप्ड है

नागरिकता संशोधन कानून यानि CAA के खिलाफ विरोध में एक पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल है. ये पोस्टर आपकी नजरों से भी गुज़रा होगा. ये पोस्टर मुंबई सिटीजन फोरम की तरफ से जारी किया गया है जिसमें 17 तारीख को CAA के खिलाफ मुंबई के YMCA ग्राउंड, अग्रीपाड़ा में महिलाओं के विरोध मार्च की जानकारी दी गई है. वायरल पोस्टर में दावा किया गया है कि महिलाओं के लिए बुरका या हिजाब ड्रेस कोड है. इसे तमाम दक्षिणपंथी ट्विटर हैंडिल से ट्वीट किया गया है. प्रशांत उमराव पटेल ट्वीट करते हुए लिखते हैं प्रोटेस्ट CAA के विरुद्ध है लेकिन ड्रेस कोड हिजाब और बुरका है। पितृसत्ता और मनुवाद से आजादी हिजाब और बुरका पहनकर मिलेगी। सीधे शब्दों में, यह देश भर में आंदोलन नहीं हो रहा, बल्कि शक्ति प्रदर्शन है और देश के हिंदुओं के धैर्य की परीक्षा ली जा रही है।

इस ट्वीट का आर्काइव्ड वर्जन आप यहां देख सकते हैं. आपको बता दे कि पटेल दिल्ली में रहते हैं और सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं. कुछ और ट्विटर हैंडल के भी पोस्ट नीचे आप देख सकते हैं.

फैक्ट चेक

INDIA CHECK  ने पोस्टर में दिए मोबाइल नंबरों पर इस प्रोटेस्ट के आयोजनकर्ताओं से बात की तो उन्होने बताया कि ड्रेस कोड की बात गलत है. ऑरिजनल पोस्टर में इस तरह की कोई बात नहीं लिखी गई है. सोशल मीडिया पर पोस्टर से छेड़छाड़ करके वायरल किया जा रहा है. पड़ताल के दौरान हमें ऑरिजनल पोस्टर भी मिले जिन्हे आयोजकों की तरफ से इवेंट के पहले जारी किया गया था.

आयोजन से जुड़े एक सदस्य आमिर ने ऑरिजनल पोस्टर को 15 जनवरी को ट्वीट किया है.

आइए अब सोशल मीडिया पर वायरल और ऑरिजनल पोस्टरों की तुलना करते हैं.

ऑरिजनल और फोटोशॉप इमेज की तुलना

ऑरिजनल पोस्टर में आप देख सकते हैं कि शब्द कैपिटल लेटर्स में हैं जबकि ड्रेस कोड वाले टेक्स्ट में शब्द का पहला लेटर छोड़कर स्मॉल लेटर्स हैं. दोनों तस्वीर के कलर्स के शेड में भी अंतर है. ऑरिजनल तस्वीर ज्यादा ब्राइट है.

ऑरिजनल पोस्टर में कहीं भी ड्रेस कोड की बात नहीं लिखी है.

निष्कर्ष

नागरिकता कानून के खिलाफ प्रोटेस्ट के इस पोस्टर को फोटोशॉप्ड करके ड्रेस कोड की बात लिखी गई है.

दावा- एंटी CAA  प्रोटेस्ट में महिलाओं को हिजाब या बुरका पहनने का ड्रेस कोड लागू किया गया

दावा करने वाले- सोशल मीडिया यूजर, प्रशांत उमराव पटेल

सच- दावा झूठा है

हमारी फैक्ट चेक स्टोरी में अगर आपको कोई गलती नज़र आती है तो आप हमें ज़रूर लिखें. हम अपनी गलतियों को स्वीकार करने के लिए पूरी तरह से हमेशा तैयार रहते हैं. आप हमें info@indiacheck.in या indiacheck1@gmail.com पर मेल कर सकते हैं. हम एक प्रक्रिया के तहत जांच करेंगे औऱ गलती पाए जाने पर स्टोरी को अपडेट करेंगे. आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. हमारा ट्विटर हैंडल है @indiacheck1

Gyan Srivastava

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