रविवार को ब्रिटेन के सेक्रटरी होम ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण के कोर्ट के आदेश पर मुहर लगा दी। ये भारत के लिए काफी अच्छी खबर है।बैंकों के 9000 करोड़ रुपए ना चुकाने के आरोपी माल्या को भारत सरकार ने भगोड़ा घोषित कर रखा है।
माल्या को लेकर भारत में राजनैतिक तापमान काफी गर्म रहता है। अपने इलाज के लिए विदेश में बैठे वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कुछ इस अंदाज़ में ट्वीट किया।
लेकिन इसमें जेटली ने ये भी लिखा कि ये प्रत्यर्पण की दिशा में एक औऱ कदम है।ये बात काफी हद तक सही भी है क्योंकि अभी माल्या के पास इसे चैलेंज करने का ऑप्शन है।
माल्या 14 दिन के भीतर इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील कर सकता हैं। इसमें वो सेक्रटरी होम की कोर्ट के आदेश को मंजूरी और लोअर कोर्ट के आदेश को चैलंज करेगा। हाईकोर्ट में इस पूरी सुनवाई के पूरा होने औऱ फैसला आने में कई महीने का समय लग सकता है। और अगर हाईकोर्ट से भी फैसला उसके खिलाफ आता है तो उच्चतम न्यायालय जाने का भी रास्ता है। ऐसे में माल्या को भारत लाए जाने में कम से 4 से 6 महीने का वक्त लग सकता है। और ये तभी संभव है जब दोनों कोर्ट उसकी अपील को ख़ारिज कर दे। लेकिन सोशल मीडिया पर तमाम यूजर्स ये उम्मीद करते नज़र आए जैसे माल्या को इस फैसले के बाद भारत लाने में अब कोई अड़चन नहीं है।
कुछ बीजेपी समर्थकों ने तो ये तक पोस्ट कर दिया कि शायद अब तक भारत के इतिहास में ऐसा नहीं हुआ।
ऐसा अब तक 60 बहुत बार हो चुका है जबकि माल्या के मामले में अभी भी कुछ कहना ज़ल्दबाज़ी होगी।हां ाज के फैसले से प्रत्यर्पण की दिशा में थोड़ा आगे हम ज़रूर बढ़े हैं। हमने गूगल सर्च के ज़रिए पता किया तो 2002 से 2015 तक के आंकड़ें नाम और डिटेल के साथ मिले। ये आंकड़ें आप मिनिस्टरी ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स यानि mea की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी देख सकते हैं। इसके अनुसार 2002 से अब तक 60 लोगों के प्रत्यर्पण अलग-अलग देशों से हुए हैं। सबसे ज्यादा 17 लोग दुबई और सबसे कम एक व्यक्ति का ब्रिटेन से प्रत्यर्पण हुआ है। साल 2005 और 2015 में सबसे ज्यादा लोगों का प्रत्यर्पण हुआ। हर साल 8-8 लोग भारत लाए गए।