गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में पहले चरण में कुल 60% से ज्यादा लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पिछली बार पहले चरण में कुल 67.23% लोगों ने मतदान किया था। पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद किसी बूथ का फर्जी वोटिंग वाला वीडियो कथित तौर पर सूरत के वराछा का बताकर शेयर किया जा रहा है। वीडियो में एक अधिकारी को पीठासीन अधिकारी के रूप में देखा जा सकता है। जहां ईवीएम मशीन रखी है, उसके पास एक शख्स खड़ा है। जब भी कोई नागरिक वोट डालने के लिए ईवीएम मशीन के पास आता है तो वहां खड़ा शख्स उसे वापस भेजकर खुद ईवीएम का बटन दबा देता है। वीडियो को पोस्ट करके लोग दावा कर रहे हैं कि ये हाल ही में हुए गुजरात चुनाव का वीडिय़ो है.
फेसबुक पर इसे यहां और यहां देखें।
सच क्या है ?
वायरल वीडियो को ध्यान से सुनने पर हमें इसकी भाषा गुजराती नहीं लगी। दावे का सच जानने के लिए हमने वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर डाला। इस दौरान हमें मार्च 2022 को ट्विटर पर अपलोड किया गया यह वीडियो मिला।
इससे हमें यह हिंट मिला कि वायरल वीडियो गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 का नहीं है.
हमें वायरल वीडियो का 3:02 मिनट का फुल वर्जन TV9BanglaLive के यूट्यूब चैनल पर देखने को मिला, यह वीडियो 27 फरवरी, 2022 को अपलोड किया गया था।
वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बांग्ला भाषा में कुछ लिखा हुआ है जिसका हिन्दी अनुवाद है: “लेकव्यू स्कूल में दक्षिण दम दम नगर पालिका के वार्ड नंबर 33 के लिए मतदान चल रहा है। एजेंट ने खुद वोटरों को रोककर ईवीएम का बटन दबाया। वह वीडियो देखें।”
इसके बाद कीवर्ड से सर्च करने पर हमें Fact Crescendo के द्वारा 5 मार्च 2022 को की गई फैक्ट चैक स्टोरी मिली। वायरल वीडियो को यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से जोड़कर शेयर किया गया था जिसका इस स्टोरी में फैक्ट चैक किया गया। इसमें भी यही कहा गया कि यह घटना पश्चिम बंगाल में नगरपालिका सीटों के चुनाव के दौरान एक दक्षिणी मतदान केंद्र में हुई।यूपी विधानसभा चुनाव से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है।
बंगाल की स्थानीय मीडिया ने भी इस घटना को कवर किया था।
निष्कर्ष
इंडिया चेक ने अपनी पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किए गए दावे को झूठा पाया है। वायरल वीडियो पश्चिम बंगाल में नगरपालिका सीट के लिए हुए चुनाव दक्षिण दमदम नगर पालिका के वार्ड नंबर 33 का है।
दावा – गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में सूरत के वराछा के पोलिंग बूथ पर की गई फर्जी वोटिंग
दावा करने वाला – सोशल मीडिया यूजर्स
सच – दावा गलत है