हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न -समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को :
सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय
विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता,
प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा,
उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करनेवाली बंधुता बढाने के लिए,
दृढ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई0 को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।”
सोशल मीडिया पर एक बार फिर धारा 30 (A) को लेकर एक पोस्टर खूब वायरल हो रहा है। इसमें कहा…
जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया है. प्रेसिडेंशियल ऑर्डर के तहत अनुच्छेद 370 में उन विशेष प्रावधानों…
संविधान के अनुच्छेद 370 को लेकर बड़ा विवाद रहता है। बार-बार कहा जाता है कि इसको हटाया जाना चाहिए। जम्मू-कश्मीर…
धारा 35 A को लेकर जम्मू कश्मीर से लेकर दिल्ली तक माहौल काफी गर्म है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में इसको…
हमारे देश के संविधान की प्रस्तावना को इसकी आत्मा भी कहते हैं। जिन बिंदुओं पर हमारा संविधान आधारित है वही…