केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर और कुछ टैक्स्ट के साथ एक पोस्टर वायरल हो रहा है। पोस्टर में जो तस्वीर लगी है वह किसी कार्यक्रम की है जिसमें आरिफ मोहम्मद कुछ बोलते हुए नजर आ रहे हैं उनके पीछे एक सुरक्षा कर्मी भी खड़ा नजर आ रहा है। दावा किया जा रहा है आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड खत्म कर दिया जाए. चन्द्र प्रकाश जैन ‘चन्दर’ नामके फेसबुक अकाउंट ने फेसबुक पर साझा किया है। आरिफ मोहम्मद खान की तस्वीर के नीचे एक टैक्स्ट लिखा है – “केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान की मांग इंदिरा गांधी द्वारा 1973 में बनाए गए आतंकी संगठन”मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड” को खत्म किया जाए !”
पूर्व जिला उपाध्यक्ष, भाजपा वाराणसी सीता रानी मिश्रा ने भी वायरल पोस्टर को साझा किया है।
इसके अलावा वायरल दावे को यहां, यहां यहां यहां यहां और यहां पर देखा जा सकता है।
वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने कीवर्ड सर्च की मदद से आरिफ मोहम्मद खान के द्वारा दिए गए कथित बयान के बारे में गूगल पर सर्च किया लेकिन हमें कोई भी परिणाम देखने को नहीं मिला।
ट्विटर पर कीवर्ड सर्च की मदद से खोजने पर हमें 24 मई 2021 का एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में भी यही दावा किया गया।
इससे हमें यह हिंट मिला कि वायरल दावा हाल फिलहाल का ना होकर पुराना है।
हमनें आरिफ मोहम्मद खान के ट्विटर, फेसबुक अकाउंट को चेक किया लेकिन वायरल दावे से सम्बंधित कोई भी जानकारी नहीं मिली।
आरिफ मोहम्मद खान ऐसे व्यक्ति हैं जिनका राज्य सरकार के साथ विवाद छिड़ा रहता है। साल 2020 में जब केन्द्र सरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम लायी तब केरल सरकार के साथ उनका टकराव चर्चा का विषय रहा था।
इसलिए यदि आरिफ मोहम्मद खान मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बारे में इस तरह का बयान देते तो मीडिया जरुर उन्हें कवरेज देती। खैर हाल ही में केरल सरकार के द्वारा आरिफ मोहम्मद खान को कलामंडलम डीम्ड विश्वविद्यालय में कुलाधिपति के पद से हटाए जाने के कारण राज्य सरकार के साथ टकराव देखने को मिला। Republic World पर भी आरिफ मोहम्मद खान को सुना जा सकता है, रिपब्लिक भारत को दिए लम्बे इंटरव्यू में आरिफ मोहम्मद खान केरल सरकार द्वारा कुलाधिपति पद से हटाए जाने एवं राज्यपाल की सांविधानिक शक्तियों पर बात कर रहे हैं।
‘Aarif Mohammad Khan Take on Muslim Personal law board’ कीवर्ड से सर्च करने पर हमें 14 जनवरी 2018 को Sunday Guardian Live में प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इसके लिखा है, “पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान मुस्लिम पर्सनल लॉ में सुधार की वकालत करने के लिए जाने जाते हैं, जिसमें तत्काल तीन तलाक पर प्रतिबंध भी शामिल है। 1986 में शाह बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए तत्कालीन राजीव गांधी सरकार पर दबाव डालने के लिए वह ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के विरोध में दृढ़ थे।”
Times of india के एक लेख में आरिफ मोहम्मद खान को उनके बायो में मुस्लिम पर्सनल लॉ के सुधारक के रूप में इंगित किया गया है।
31 मई 2017 को द क्विंट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान से तीन तलाक, मुस्लिम पर्सनल लॉ की उत्पत्ति और मुस्लिम पर्सनल लॉ के संहिताकरण की आवश्यकता पर यह समझाते हुए बात की, कि मुस्लिम कानूनों को राजाओं की इच्छा के अनुसार तैयार किया गया था और कुरान को प्रतिबिंबित नहीं करते, खान का तर्क है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ को संहिताबद्ध करने के लिए कदम उठाने की सरकार की जिम्मेदारी है।
वायरल दावे के सम्बन्ध में हमनें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान साहब के पीआरओ से भी बात की। हमनें सोशल मीडिया पर प्रसारित इस पोस्टर को उन्हें व्हाट्सएप पर भेजा। उन्होंने इस बयान से इन्कार करते हुए लिखा – “यह किसी की शरारत है। माननीय राज्यपाल ने ऐसा बयान कभी नहीं दिया।“
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में संशोधन करने के हिमायती रहें हैं। उनका मानना है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को संहिताबद्ध करने के लिए कदम उठाने की सरकार की जिम्मेदारी है लेकिन खान साहब ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को समाप्त करने की बात कभी नहीं की।
दावा – केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की मांग,इंदिरा गांधी द्वारा 1973 में बनाए गए “मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड” को खत्म किया जाए
दावा करने वाला – सोशल मीडिया यूजर्स
सच – दावा ग़लत है
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