दिल्ली में हाल के दंगों के दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडिया वायरल है.45 सेकेंड के वीडियो में महिला और बच्चे दिख रहे हैं जो काफी परेशान हैं. वीडियो के साथ कैप्शन में दावा है ‘’दिल दहला देने वाली घटना. #दिल्ली के जाफराबाद का वीडियो है, दिल्ली पुलिस मुसलमानों के घरों में केमिकल गैस छोड़ रही है जिससे छोटे छोटे मासूम बच्चों की हालत बेहद खराब है शर्म करो कम से कम इन बच्चों का तो ख्याल करो’’
ये वीडियो 25 फरवरी को पोस्ट किया गया. इसका आर्काइव्ड वर्ज़न आप यहां देख सकते हैं. इसी कैप्शन के साथ आप एक और ट्वीट भी देख सकते हैं.
फेसबुक पर भी ये वायरल है.
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फैक्ट चेक
‘जाफराबाद में कैमिकल गैस छोड़ी गई’ की-वर्ड का इस्तेमाल कके जब हमने इसे ट्विटर पर खोजा तो हमे बहुत सारे ट्वीट इसी कैप्शन के साथ मिले लेकिन वो पिछले साल दिसंबर के महीने के महीने के थे जबकि दिल्ली में दंगा शुरू हुआ इस महीने 23 फरवरी को. इसका मतलब साफ है कि इस वीडियो का ताल्लुक दिल्ली के दंगे से नहीं है.
फेसबुक पर भी इसी कैप्शन के साथ ये दिसंबर के महीने में वायरल हुआ
वीडियो में “CTV News India” का एक लोगो दिखाई देता है. थोड़ी रिसर्च करने पर हमने ctv के यूट्यब चैनल का पता लगाया जहां 18 दिसंबर को ये वीडियो अपलोड किया गया था. इसे आप यहां देख सकते हैं. “CTV News India” के फेसबुक पेज पर भी इसे उसी दौरान पोस्ट किया गया है. वीडियो को अगर आप ध्यान से सुनेंगे तो एक महिला ये कहते हुए सुनाई देती है है कि ‘’पुलिस बहुत बेरहम हो गई है वो हमारे घरों में घुसकर टियर गैस छोड़ रही है’’
दरअसल जिस समय ये वीडियो अपलोड किए गए उस दौरान सीलमपुर, जाफराबाद औऱ आसपास जगह नागरिता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए थे पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ने पड़े थे. इस घटना को मेनस्ट्रीम मीडिया ने कवर भी किया था. ये रिपोर्ट आप यहां पढ़ सकते हैं.
निष्कर्ष
ये वीडियो दिल्ली का ही है लेकिन हाल में हुए दंगों से इसका कोई मतलब नहीं हैै. और ना ही मुसलमानों के घरों में पुलिस ने घुसकर केमिकल गैस छोड़ी.
दावा- जाफराबाद में पुलिस ने मुसलमानों के घर में घुसकर कैमिकल गैस छोड़ी
दावा करने वाले- सोशल मीडिया यूज़र
सच- दावा गलत है