सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कई दिनों से वायरल है. इस पोस्ट में गुमराह करने वाला दावा किया जा रहा है कि पिछले 3 सालों में भारत ने पीएम मोदी के नेतृत्व में वर्ल्ड बैंक से कोई कर्ज नही लिया है.इसके अलावा भी कई दावे किए गये हैं. ये दावे मॉर्गन स्टेनले की रिसर्च के हवाले से किए गए हैं.ट्विटर यूजर ‘influencer’ ने एक के बाद एक तीन ट्वीट करते हुए लिखा ‘’मॉर्गन स्टेनले रिसर्च के अनुसार पिछले तीन सालों में पीएम मोदी ने वर्ल्ड बैंक से एक डॉलर का कर्ज भी नहीं लिया है. ये अनुमान है कि अगले 10 सालों में भारत की ‘GDP’ 6 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो जाएगी.फोर्ब्स मैग्जीन के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था केवल मोदी की वजह से कई गुना बढ़ जाएगी.’’

‘’हाल ही में जारी की गई 137 देश की आर्थिक विकास की लिस्ट में भारत 31वें स्थान ऊपर पहुंचकर 40वें नंबर पर पहुंच गया. आजाद के बाद भारत कभी भी इस स्थान पर नहीं पहुंचा.’’

‘’फोर्ब्स मैगजीन ने इसकी प्रशंसा करते हुए कहा कि ये केवल मोदी के ही प्रयासों से संभव हुआ है.आखिर में, कोई भी मैगजीन और न्यूजपेपर ने इस तथ्य को नहीं प्रकाशित किया है. ये हमारी जिम्मेदारी है कि सोशल मीडिया के जरिए हम इसे आम लोगों तक पहुंचाएं.’’

इस ट्विटर हैंडल को पीएम मोदी भी फॉलो करते हैं. कुछ और ट्वीट्स आप नीचे देख सकते हैं. जिसमें यही दावे किए गया.

फैसबुक पर भी इसे लोग शेयर कर रहे हैं.

सच क्या है?

दावा नं-1- पिछले 3 साल में पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने एक डॉलर का भी कर्ज नहीं लिया है.

सच्चाई-गूगल सर्च करने पर हमे वर्ल्ड बैंक की पिछले साल 12 जुलाई की एक प्रेस रिलीज मिली जिसमें 750 डॉलर के एक समझौते का एलान किया गया गया है. ये पैसा कोविड की वजह से बुरी तरह प्रभावित  ‘MSME’ उद्योग को वित्तीय संकट से उबारने के लिए लोन के रूप मेें दिया गया. इसी तरह दिसंबर 2020 में भी कोविड की वजह से प्रभावित गरीबों की मदद के लिए वर्ल्ड बैंक ने 400 डॉलर की सहायता लोन के रूप में दी थी.ये दोनों प्रेस रिलीज आप यहां और यहां पढ़ सकते हैं. राज्यसभा में भी एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने लिखित जवाब में 15 सितंबर को  बताया था कि भारत ने कोविड से निपटने के लिए वर्ल्ड बैंक से 2.5 बिलियन डॉलर का लोन लिया है. राज्यसभा की वेबसाइट पर आप इसे यहां देख सकते हैं. इसके अलावा वर्ल्ड बैंक की वेबसाइट पर भारत को दिए गए लोन का 2012 से 2020 तक का विवरण आप यहां देख सकते हैं.

दावा नं-2- अनुमान है कि अगले 10 सालों में भारत की gdp 6 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो जाएगी.

सच्चाई-ये सच है कि मॉरगन स्टेनले ने कहा था कि भारत की अर्थवयवस्था अगले 10 सालों में 6 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा हो जाएगी. हालांकि ये बात 2017 में कही गई थी. कोविड के बाद दुनिया भर की अर्थवयवस्थाएं संकट में हैं. ऐसे में 3 साल पुराने पुर्वानुमान का अब कोई मतलब नहीं है. साल 2017 में आप इकॉनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में मॉर्गन स्टेनले का ये पूर्वानुमान देख सकते हैं.

दावा नं-3-फोर्ब्स मैगजीन ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था केवल पीएम मोदी की वजह से कई गुना बढ़ जाएगी

सच्चाई- हमने फोर्ब्स मैगजीन की साइट्स पर जाकर 2015 से लेकर अबतक भारत के बारे में सभी रिपोर्टस की एनालिसिस की लेकिन हमे ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें सोशल मीडिया पर वायरल इस दावे की पुष्टि होती हैं. फोर्ब्स ने पीएम मोदी के बारे में कई रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें आलोचना भी की गई हैऔर तारीफ भी की गई है लेकिन ये कहीं नहीं कहा गया उनकी वजह से ही भारत ने कई गुना आर्थिक प्रगति करेगा. मैगजीन की कुछ रिपोर्टस आप यहां और यहां पढ़ सकते हैं.

दावा नं-4- आर्थिक विकास में भारत का नंबर 31 पायदान ऊपर चढ़कर 137 देशों में 40वां पहुंच गया  है.

सच्चाई- संबंधित की-वर्डस की सहायता से गूगल सर्च करने पर हमे साल 2017 की वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम की एक रिपोर्ट मिली जिसमें भारत को 137 देशों में 40वें स्थान पर रखा गया है. जो कि पिछले साल की तुलना में एक पायदान नीचे था. इसलिए ये दावा भी गुमराह करने वाला था कि भारत 31 पायदान ऊपर चढ़ा है.

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