भारत के पहले जवाहरलाल नेहरू की एक तस्वीर फिर से वायरल है. इस तस्वीर में नेहरू को कुछ लोग पकड़े हुए दिखाई दे ऱहे हैं. तस्वीर के साथ एक संदेश है जिसमें कहा जा रहा ”नेहरू को चीन युद्ध में हार के लिए थप्पड़ मारा गया था. पूरा संदेश इस तरह का है. ”1962 मे हार के बाद जब स्वामी विद्यानंद विदेह ने नेहरू को थप्पड़ मारा था. कारण था कि नेहरू ने अपने भाषण आर्यों को शरणार्थी कहा था. यह सुनकर वहां मुख्य अतिथि के रूप में मौजुद स्वाम उठ खड़े हुए और नेहरू को एख चांटा रसीद किया. स्वामी ने कहा आर्य शरणार्थी नहीं मेरे पूर्वज थे औऱ मूल रूप से बारत के निवासी थे. लेकिन तुम्हारे पूर्वज अरब मूल के थे और तुम्हारी रगो में अरबों का खून है इसलिए तुम इस महान देश के मूल निवासी नहीं हो”
पूरा संदेश आप नीचे दिए गए पोस्ट में देख सकते हैं. इसमें कहा गया है कि विदेह गाथा नाम की इस सन्यासी की डायरी की पृष्ठ संख्या 637 में इस घटना का जिक्र किया गया है.
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फैक्ट चेक
ये फोटो कब की है ?
इस फोटो को रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिए जब हमने खोजा तो हमे आउटलुक मैगज़ीन में ये फोटो दिखाई दी. इस फोटो का कैप्शन था ”नेहरू को सुरक्षा कर्मियों ने 1962 के युद्ध से पहले खतरनाक लग रही भीड़ में जाने से जबरदस्ती रोका” इस तस्वीर में एसोसिएटेड प्रेस को क्रेडिट दिया गया था.”
ये तस्वीर एसोसिएटेड प्रेस के आर्काइव्स में हमें मिली . इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा था ”पटना में कांग्रेस की मीटिंग के दौरान जनवरी 1962 में एक सुरक्षा कर्मी ने भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के हिंसा पर उतारू भीड़ में कूदने से रोकने के लिए कसकर पकड़ लिया. इसी साल बाद में चीन ने भारत पर आक्रमण करके नेहरू को नई मुसीबतों में डाल दिया.” इसका स्क्रीन शॉट आप नीचे देख सकते हैं.
इस तस्वीर से साफ था कि ये भारत-चीन युद्ध के पहले की तस्वीर है.
तस्वीर की कहानी
अब हमने उस तारीख को हुई घटना की रिपोर्ट को अखबारों में खोजना शुरू किया. हमे इंडियन एक्सप्रेस के आर्काइव में उस दिन की एक रिपोर्ट मिली जिसमें पटना में कांग्रेस की मीटिंग और उपद्रवी भीड़ पर नेहरू के गुस्से की जानकारी मिली. अखबार लिखता है पटना में कांग्रेस के सेशन के दौरान भीड़ प्रधानमंत्री नेहरू को देखने के लिए बेकाबू हो गई औऱ मंच की तरफ बढ़ने लगी. नेहरू की अपील को भी लोग नहीं सुन रहे थे. ऐसे में नेहरू गुस्से में आकर अपने सुरक्षा गार्ड औऱ कांग्रेस नेताओं से भिड़ गए और भीड़ में कूदने के लिए आमादा हो गए लेकिन किसी तरह सुरक्षा कर्मियों ने उन्हे जबरन पकड़ कर रखा. इस रिपोर्ट का स्क्रीन शॉट आप नीचे देख सकते हैं.
जनवरी 1962 मे पटना में कांग्रेस मीटिंग में जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर जिसमें लोग उनको भीड़ में जाने सो रोकने के लिए पकड़े हुए हैं.
इस बीच हमने वायरल फोटों के साथ उस संदेश को वेरिफाई किया जिसमें कहा गया कि स्वामी ने इसका जिक्र अपनी डायरी में किया लेकिन ये हमे कहीं नहीं मिला. स्वामी विदेह के संगठन की वेबसाइट पर भी हमने इसे तलाश किया लेकिन वहां भी इसका जिक्र नहीं था. ये तस्वीर इस संदेश के साथ पहले भी कई बार वायरल हो चुकी है.
निष्कर्ष
हमारी जांच में नेहरू की इस पोटो के साथ जो संदेश वायरल है वो पूरी तरह से गलत है.
दावा- नेहरू को चीन युद्ध के बाद एक स्वामी ने आर्यों को शरणार्थी कहने पर थप्पड़ मारा
दावा करने वाले- सोशल मीडिया यूज़र
सच- ये दावा गलत है.