हाल ही में कई मीडिया संस्थानों ने दावा किया कि फिल्म एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा को हरियाणा सरकार के बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ अभियान के ब्रांड एंबेसडर पद से हटा दिया गया है. इस खबर का आधार बताया गया परिणीति का एक ट्वीट जो उन्होने नागरिकता कानून का विरोध कर रहे जामिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर हुए लाठीचार्ज पर किया था.
ये रिपोर्ट आप यहां पढ़ सकते हैं. परिणीति ने अपने ट्वीट में छात्रों पर हुई हिंसा के विरोध में कहा था अगर नागरिक को अपने विचार व्यक्त करने पर हर बार यही होगा तो CAB को भूल जाओ, हमे ऐसा बिल पास करना चाहिए जो भारत से लोकतंत्र को खत्म कर दे. भोले-भाले नागरिकों को अपनी आवाज़ उठाने के लिए पीटना खौफनाक है.
इस ट्वीट के तुरंत बाद बहुत सारे मीडिया संगठनों ने ये दावा किया कि हरियणा की खट्टर सरकार ने उन्हे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के ब्रांड अंबेसडर पद से हटा दिया है.
ये भी पढ़िये
केटी हॉपकिंस ने नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन का झूठा वीडियो पोस्ट किया
शनिवार को न्यूज एजेंसी ANI ने हरियाणा के महिला बाल विकास मंत्रालय के हवाले से ट्वीट किया कि परिणीति को नागरिकता कानून के विरोध की वजह से हटाये जाने की खबर गलत, आधारहीन और झूठी है. हरियाणा सरकार और परिणीति चोपड़ा के बीच एक साल का अनुबंध हुआ था जो अप्रैल 2017 में खत्म हो चुका है जिसे आगे रिन्यू नहीं किया गया था.
India check ने परिणीति से उनका जवाब जानने की कोशिश की है जैसे ही उनकी तरफ से कोई जवाब आएगा हम स्टोरी को अपडेट करेंगे.
हमारी फैक्ट चेक स्टोरी में अगर आपको कोई गलती नज़र आती है तो आप हमें ज़रूर लिखें. हम अपनी गलतियों को स्वीकार करने के लिए पूरी तरह से हमेशा तैयार रहते हैं. आप हमें info@indiacheck.in या indiacheck1@gmail.com पर मेल कर सकते हैं. हम एक प्रक्रिया के तहत जांच करेंगे औऱ गलती पाए जाने पर स्टोरी को अपडेट करेंगे. आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. हमारा ट्विटर हैंडल है @indiacheck1