फ्रांस में भीषण दंगे जारी हैं, गुस्साए लोगों के द्वारा जगह-जगह पर आगजनी की जा रही है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक ट्वीट को लेकर जबरदस्त तकरार जारी है। दरअसल एक वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट होने का दावा करने वाले प्रोफेसर एन जॉन कैम नाम के ट्विटर यूजर ने शुक्रवार को एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने फ्रांस में दंगे रोकने के लिए ‘योगी मॉडल’ की सिफारिश की। एक और ट्वीट में जॉन कैम ने फ्रांस में योगी आदित्यनाथ को भेजें जाने की भारत से मांग की।
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने शनिवार को उस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि, “जब भी विश्व के किसी भी हिस्से में उग्रवाद दंगे भड़काता है, अराजकता फैलती है और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती है, तो दुनिया सांत्वना तलाशती है और उत्तर प्रदेश में महाराज जी द्वारा स्थापित कानून एवं व्यवस्था के परिवर्तनकारी “योगी मॉडल” के लिए तरसती है।(हिन्दी अनुवाद शब्दशः)
इसके बाद तमाम भारतीय मीडिया संस्थानों ने तथाकथित तौर पर फ्रांस में दंगे रुकवाने के लिए की गई ‘योगी मॉडल’ की सिफारिश में कसीदे पढ़ने शुरू किए। इनमें ABP News, News 18India TV, News Nation और Zee News के अलावा प्रिंट मीडिया के वेबपोर्टल शामिल भी हैं।
जॉन कैम के वायरल ट्वीट से सीएम योगी आदित्यनाथ की सराहना करने वालो में ABP News के दो पत्रकार अभिषेक उपाध्याय और विकास भदौरिया भी शामिल हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर कुछ यूजर्स के द्वारा कुछ ऐसी अटकलें लगाई गईं कि यह अकाउंट वास्तव में डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव का है, जिन्हें पहले धोखाधड़ी के एक मामले में हैदराबाद पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट में आरोपी का नाम डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है जो ब्रौनवाल्ड हॉस्पिटल का चेयरमैन है।
हमें एक ट्विटर यूजर Medlife Crisis(Rohin) के द्वारा मार्च में किया गया ट्वीट थ्रेड्स मिला जिसमें तथाकथित जॉन कैम के बारे में कुछ खुलासे किए गए। खुलासे में जॉन के द्वारा किए गए भूतपूर्व ट्वीट्स के आधार पर यह पाया गया कि वह अक्सर महिलाविरोधी, फासीवादी ट्वीट करते रहते हैं। जॉन कैम की निजी वेबसाइट पर भी कई गलतियां पायीं गईं। इसके अलावा लंदन के सेंट जॉर्ज अस्पताल में बिताई गई अवधि का भी उल्लेख किया गया, जहां वास्तविक प्रोफेसर जॉन कैम कार्डियोलॉजी का अभ्यास करते हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नीतीश कुमार के साथ उनकी फोटोशॉप्ड तस्वीरें भी देखने को मिलीं।
यूजर ने यह भी बताया कि जॉन के प्रोफ़ाइल बैनर पर इमारत स्पष्ट रूप से राजस्थान में 2027 में प्रस्तावित एन जॉन कैम इंस्टीट्यूट की है।
सही नाम का पता लगाने के लिए जब यूजर ने कार्डियोलॉजी पत्रिकाओं को देखना शुरू किया तो उन्हें नरेंद्र जॉन कैम की एक केस रिपोर्ट मिली। उस नाम को खोजने पर यूके स्थित कई बंद हो चुकी कंपनियों में नरेंद्र जॉन कैम को ‘कार्डियोलॉजिस्ट’ और कम्पनी निदेशक के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।
इसके बाद यूजर ने प्रोफेसर जॉन कैम (ओरिजिनल) और यूजीन ब्रौनवाल्ड (Eugene Braunwald ) की तस्वीर शेयर करते हुए बताया कि प्रोफेसर जॉन कैम और यूजीन ब्रौनवाल्ड कार्डियोलॉजी में प्रतिष्ठित नाम हैं। एन जॉन कैम (फर्जी) ने कार्डियोलॉजी में एक प्रसिद्ध नाम की झलक पाने के लिए अपना नाम बदल लिया और ठीक उसी कारण से वही कंपनी का नाम(ब्रौनवाल्ड) भी चुना।
इसके बाद हमें एमबीटी के प्रवक्ता अमजद उल्लाह खान का ट्वीट मिला जो डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव पर अपहरण और हॉस्पिटल के कर्मचारियों के साथ धोखाधड़ी करने के आरोपों का जवाब देते हुए प्रेस नोट जारी करते हैं। ध्यान देने वाली बात है कि ट्वीट में उपलब्ध प्रेस नोट में ब्रौनवाल्ड हॉस्पिटल के चेयरमैन के तौर पर डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को नामित किया गया है।
अमजद खान स्वयं एक फेसबुक पोस्ट में उनके साथ अपनी मुलाकात के बारे में बताते हैं।
मई 2019 को प्रकाशित द न्यूज मिनट, इंडियन एक्सप्रेस और डक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट्स में भी आरोपी का नाम डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ही वर्णित किया गया है।
इसके बाद हमें एक और ट्वीट मिला, जिसमें एक यूजर ने रिप्लाई में कुछ सबूत पेश करते हुए बताया कि डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने कितनी चालाकी से अपना नाम बदलकर डॉ एन जॉन कैम कर लिया। उनका दावा है कि उन्होंने प्रसिद्ध सीवी डॉक्टर, ए जॉन कैम के तहत प्रशिक्षण लिया है…”
ट्वीट में वेब स्क्रैपिंग Listly के दो स्क्रीनशॉट लगे हैं, जिनमें ओरिजिनल नाम (डॉ नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव – Dr. Narendra Vikramaditya Yadav) की उपलब्धियों के बारे में बताया गया है। हैरान करने वाली बात है कि डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव के परिचय में लिखीं शुरुआत की 5 लाइनें तथाकथित नाम वाले डॉ ए जॉन कैम की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद परिचय की हूबहू नकल है, सिवाय नाम के।
यही परिचय डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव नाम की वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है।
वहीं ट्वीट में लगे चौथे स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है कि जॉन अपने एक ट्वीट को रिट्वीट कर रहे हैं जिसमें ‘JOHN CAMM INC’ नाम का एक पोस्टर लगा है और बता रहे हैं कि पहला स्टेप हमेशा कठिन होता है और हमने वह स्टेप ले लिया है। ऐसा प्रतीत होता है कि यहां पर विक्रमादित्य यादव ने नाम बदलने का स्टेप उठाया गया है।
पड़ताल के दौरान हम एक यूके वेबसाइट पर जा पहुंचे। जहां डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव से डॉ एन जॉन कैम बनने तक की असली कहानी का पता चला। इस वेबसाइट पर मौजूद कम्पनी के डाक्यूमेंट्स डॉ नरेंद्र की कहानी का सच बयां करते हैं। डाक्यूमेंट्स में देखा जा सकता है कि 1 जून 2019 को डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने अपना नाम डॉ नरेंद्र जॉन कैम (डॉ एन जॉन कैम – बदला हुआ नाम) कर लिया। वहीं कम्पनी ब्रौनवाल्ड हेल्थकेयर लिमिटेड का नाम बदलकर जॉन कैम हेल्थकेयर लिमिटेड कर दिया गया।
निष्कर्ष
indiacheck ने अपनी पड़ताल में डॉ एन जॉन कैम का ये ट्विटर हैंडल सही नहीं प्रतीत हुआ. ऐसा लगता है कि यह ट्विटर हैंडल वास्तविक प्रतिष्ठित इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ एन जॉन कैम का नहीं है बल्कि उनके नाम पर रखा गया एक नकली हैंडल है जो अक्सर महिलाविरोधी, फासीवादी और मुस्लिम विरोधी ट्वीट करता रहता है। जिस यूजर के ट्वीट को सच मानकर भारतीय मीडिया ने योगी मॉडल की तारीफ करना बताया है दरअसल वह भारत के ही डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव का हैंडल है जिन्हें साल 2019 में धोखाधड़ी और अपहरण के केस में गिरफ्तार किया गया था।
दावा – प्रतिष्ठित डॉक्टर प्रोफेसर एन जॉन कैम ने फ्रांस में दंगे रुकवाने के लिए सीएम योगी मॉडल की सिफारिश की है
दावा किसने किया – भारतीय मीडिया संस्थान
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