दिल्ली की 7 साल, श्रीनगर की 9 साल पुरानी तस्वीर को कश्मीर में अत्याचार की कहानी बताकर वायरल

कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म होने के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह की खबरों, तस्वीरों और वीडियो के वायरल होने का सिलसिला जारी है. आज हम दो तस्वीरों का फैक्ट चेक करके बताएंगे कि ये सही हैं या गलत.

पहली तस्वीर

ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. इसे अनुच्छेद 370 के बाद कश्मीर में अत्याचार के रूप में शेयर किया जा रहा है. इसे पोस्ट करने के साथ जो कैप्शन दिया गया है उसमें कहा जा रहा है ये हाल हैं कश्मीरियों के. और साथ में हैशटेग #28daysofkashmirlockdown का भी इस्तेमाल किया गया है.

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फैक्ट चेक

हमने इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया तो पता चला ये तस्वीर दिल्ली में साल 2012 मे हुए गैंग रेप के खिलाफ इंडिया गेट पर प्रदर्शन के दौरान की है. 24 दिसंबर को हुए इस प्रदर्शन में गुस्साए लोगों ने इंडिया गेट, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक को घेर लिया था. लोगों को इस इलाके से निकालने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज भी करना पड़ा था. इस दौरान हुई हिंसा में एक पुलिस कर्मी की मौत भी हो गई थी. इस तस्वीर को moneylife.in नाम की वेबसाइट ने इस घटना की कई तस्वीरों के साथ एक रिपोर्ट 24 दिसंबर 2012 को प्रकाशित की थी. इस रिपोर्ट को आप यहां देख सकते हैं. नीचे सोशल मीडिया पर वायरल औऱ ऑरिजनल तस्वीर की तुलना आप देख सकते हैं.

बाईं तरफ सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर, दाईं तरफ 2012 की इंडिया गेट पर प्रदर्शन की तस्वीर

निष्कर्ष

हमारी जांच में ये तस्वीर कश्मीर की नहीं बल्कि 24 दिसंबर 2102 में दिल्ली के इंडिया गेट पर हुए गैंग रेप के खिलाफ प्रदर्शन की है.

दावा- सुरक्षा बल कश्मीरी महिलाओं को मार रहे हैं

दावा करने वाले- सोशल मीडिया यूज़र

सच- दावा झूठा है

दूसरी तस्वीर

इस तस्वीर को भी कश्मीर के लोगों पर अत्याचार के रूप में वायरल किया जा रहा है. अंग्रेजी में लिखे तस्वीर के साथ संदेश का हिंदी अनुवाद है ‘’इंसानियत सो रही है,कश्मीर से खून बह रहा है, दवाई नहीं, संचार नहीं, खाना नहीं’’

फैक्ट चेक

इस तस्वीर को भी हमने रिवर्स इमेज सर्च के जरिए खोजा तो हमे पता चला कि ये 2010 की कश्मीर की ही तस्वीर है. रायटर्स के ब्लाग में ये तस्वीर दिखाई देती है जिसमें इसके बारे में जानकारी भी मिलती है. रॉयटर्स के अनुसार 4 अगस्त 2010 को श्रीनगर में एक खिड़की के ज़रिए ये महिलाएं एक स्थानीय युवक मोहम्मद इकबाल की शव यात्रा को देख रहीं हैं.

4 अगस्त 2010 की श्रीनगर की तस्वीर ( रॉयटर्स)

इसके अलावा rediff.com ने भी ये तस्वीर प्रकाशित की थी.

निष्कर्ष

हमारी जांच में इस तस्वीर का संबंध कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के बाद से नहीं है. ये 9 साल पुरानी तस्वीर है जिसे आज के संदर्भ में वायरल किया जा रहा है.

दावा- कश्मीर में आज के हालात बताती तस्वीर

दावा करने वाले- सोशल मीडिया यूज़र

सच –दावा झूठा है

हमारी फैक्ट चेक स्टोरी में अगर आपको कोई गलती नज़र आती है तो आप हमें ज़रूर लिखें. हम अपनी गलतियों को स्वीकार करने के लिए पूरी तरह से हमेशा तैयार रहते हैं. आप हमें info@indiacheck.in या indiacheck1@gmail.com पर मेल कर सकते हैं. हम एक प्रक्रिया के तहत जांच करेंगे औऱ गलती पाए जाने पर स्टोरी को अपडेट करेंगे. आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. हमारा ट्विटर हैंडल है @indiacheck1

Gyan Srivastava

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