सोशल मीडिया पर एक खूबसूरत डांस का वीडियो वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि ये भारत का है. वीडियो के बैकग्राउंड में भगवान राम पर आधारित एक भजन भी सुनाई देता है. 18 सितंबर को स्वामी दीपांकर ने इस वीडियो को अपने वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट से पोस्ट किया. वीडियो के साथ उन्होने लिखा ‘The magic that is Hindustan’ यानि ‘जादू जो हिन्दुस्तान का है’.
इससे पहले 17 सितंबर को सोशल एक्टिविस्ट मधु किश्वर ने इस पोस्ट किया औऱ लिखा ‘दो बच्चों के गाए भजन पर शानदार प्रस्तुति’
मधुकिश्वर के ट्वीट को 1.3 हज़ार लोग रिट्वीट कर चुके हैं और 2 लाख से ज़्यादा देख चुके हैं. मधु किश्वर के हवाले से ही मुस्लिम बुद्धिजीवी तारेक फतेह ने भी इसे पोस्ट किया. औऱ लिखा ‘जादू जो हिन्दुस्तान का है’
तारेक फतेह के ट्वीट को 7.5 हजा़ार लोग रिट्वीट कर चुके हैं और 2 लाख से ज़्यादा लोग देख चुके हैं. ट्विटर पर ही नहीं फेसबुक पर भी ये वायरल हैं
ये भी पढ़ें
एंबुलेंस रोककर दिल्ली पुलिस का मनोज तिवारी के लिए रास्ता खाली कराने का झूठा वीडियो फिर वायरल
फैक्ट चेक
इन सभी पोस्ट में आए कमेंटस में कुछ लोगों ने इस नृत्य के ऑरिजन पर सवाल उठाए थे . कइयों ने ये कहा कि ये भारत का नहीं है.
इसी कमेंट से हमे लीड मिली औऱ हमने ‘THOUSAND HANDS’ की-वर्डस के जरिए इसे खोजा तो बहुत से परिणाम सामने आए. जिनसे पता चला कि ये नृत्य चीन का है. इसे मशहूर चीनी कोरियोग्राफर झांग जियांग ने तैयार किया था. चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी इस डांस फॉर्म पर एक रिपोर्ट की है जिसे आप यहां देख सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे पहले इस डांस का प्रदर्शन वांशिगटन के कैनेडी सेंटर में किया गया था. 2008 में बीजिंग ओलंपिक की ओपनिंग सेरिमनी में भी इसका परफार्मेंस हुआ था. न्यूज एजेंसी AFP ने इस परफॉर्मेंस को यूट्यूब पर 25 मई 2009 को अपलोड किया था.
इस डांस में कहीं भी भजनों का प्रयोग नहीं किया गया है. इस नृत्य को Thousand hands Bodhisatva या Thousand hands Guan Yin भी कहते हैं. खास बात है कि इसे बघिर यानि जो सुन नहीं सकते वो आर्टिस्ट परफॉर्म करते हैं.
निष्कर्ष
ये डांस फॉर्म भारत का नहीं बल्कि चीन का है. इसमें भजन की आवाज़ एडिट करके डाली गई है.
दावा- ये डांस हिन्दुस्तान का है
दावा करने वाले- मधु किश्वर, तारेक फतह, स्वामी दीपांकर. अन्य सोशल मीडिया यूज़र
सच- दावा गलत है