पाकिस्तान के पूर्व इंटीरियर मिनिस्टर रहमान मलिक ने ट्विटर पर कश्मीर को लेकर वीडियो पोस्ट किया है जिसमें वो दावा कर रहे हैं कि भारतीय सेना कश्मीरियों को मार रही है. वीडियो में गंभीर हालत में जख्मी लोगों को उठाकर ले जाया जा रहा है. और वहां मौजूद लोग सहायता के लिए चिल्ला रहे हैं. मलिक ने इस ट्वीट में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप औऱ यूनाइटेड नेशन को भी टैग करके इस पर कहा है कि उन्हे भारतीय फौजों की निर्दोष कश्मीरियो पर अत्याचार के खिलाफ कुछ करना चाहिए. इस वीडियो की तस्वीरें काफी भयावह हैं, वो लोग इसे ना देखें जो कमज़ोर दिल के हैं.
रहमान मलिक के इस वीडियो को 37 हज़ार से ज्यादा लोग देख चुके हैं. औऱ सैकड़ों लोग इसे शेयर कर चुके हैं. उमर अयूब खान, जिनके ट्विटर प्रोफाइल के मुताबिक वो इमरान सरकार में मंत्री है, उन्होने भी इस वीडियो को पोस्ट किया है. उमर ने वीडियो के साथ लिखा है मोदी की धर्म के आधार पर मुसलमानों की सफाई शुरू हो गई है. आरएसएस औऱ मोदी हिटलर के अधूरे काम को पूरी लगन के साथ पूरा कर रहे हैं.
इस ट्वीट को भी 30 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं और 2 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने शेयर किया है.पाकिस्तान की तरफ से इस तरह के वीडियोज कश्मीर में भारत सरकार के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के बाद किया जा रहा है.
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फैक्ट चेक
‘Civilians killed in blast in jammu kashmir’ की वर्डस से सर्च करने में हमें यूट्यूब में कुछ वीडियो मिले जो कुलगाम में 21 अक्टूबर 2018 को अपलोड किए गए थे. ये वीडियो कई न्यूज चैनलों ने अपलोड किए थे. लेकिन इनमें से उन तस्वीरों को हटा दिया गया था जो रहमान मलिक ने शेयर की थी. वीडियो में जो विजुअल्स हैं वो घायलों को अस्पताल ले जाते हुए हैं. घटनास्थल का वीडियो नहीं है. इसकी वजह ये भी है कि वीडियो का जो हिस्सा रहमान मलिक ने पोस्ट किया है वो बहुत वीभत्स है औऱ उसे टेलिकास्ट नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन इसी दौरान कुछ औऱ कीडवर्डस की सहायता से हमें वही वीडियो मिला जो रहमान मलिक ने पोस्ट किया था. इस वीडियो को भी साल 2018 के अक्टूबर के महीने में अपलोड किया था. इस वीडियो को ‘Indian forces bloodbath in jammu kashmir’s kulgam district’ के कैप्शन से यूट्यब पर अपलोड किया गया है. इस वीडियो को आप यहां देख सकते हैं. इसके अलावा कई न्यूज़पेपर ने भी इस खबर को रिपोर्ट किया था. रिपोर्ट के अनुसार कुलगाम में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ खत्म होने के बाद पुलिस के मना करने के बावजूद कुछ लोग उसी जगह पर पहुंच गए और अचानक वहां धमाका हो गया जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी. सभी मौतें अस्पताल में हुईं थी.औऱ मुठभेड़ में 3 आतंकवादियों को भी पुलिस ने मारा था. पुलिस के अनुसार मुठभेड़ के बाद घटनास्थल को सुरक्षा की दृष्टि से सेनिटाइज किया जाता है ताकि किसी तरह का विस्फोटक वहां ना रह जाए. लेकिन ये करने से पहले ही स्थानीय लोग वहां पहुंच गए थे. औऱ अचानक वहां विस्पोट हो गया. इस जानकारी को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 21 अक्टूबर 2018 को ट्वीट भी किया था.
ये पता नहीं चला कि विस्फोट कैसे हुआ. पुलिस के अनुसार आतंकवादी जो विस्फोटक अपने साथ लाए थे उन्ही में से कुछ हो सकता है.
निष्कर्ष
रहमान मलिक ने जो वीडियो शेयर किया है उसका ताल्लुक अनुच्छेद 370 पर हुए फैसले के बाद की घटनाओं से बिल्कुल नहीं है. औऱ जिस तरह से उन्होने भारतीय फौज पर आरोप लगाया है वो भी झूठ है. ये घटना कश्मीर के कुलगाम की है. घटना मुठभेड़ की जगह अचानक हुए ब्लास्ट की वजह से हुई.
दावा- कश्मीर में भारतीय फौज कश्मीरियों को मार रही हैं
दावा करने वाले- रहमान मलिक, पाकिस्तान के पूर्व मंत्री
सच रहमान मलिक का दावा झूठा है
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