प्रयागराज में हो रहे कुंभ के बारे में एक रिपोर्ट वायरल है। सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि हार्वर्ड युनिवर्सिटी ने कुंभ-2019 को फीफा वर्ल्ड कप से बेहतर आयोजन बताया है। फेसबुक और ट्विटर पर लोग इसे शेयर कर रहे हैं। फेसबुक पेज मिशन 2019 का अंग्रेज़ी में पोस्ट है जिसका हिंदी में अनुवाद नीचे है।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय कहता है कि महाकुंभ का आयोजन 2014 में हुए फीफा वर्ल्ड कप से बेहतर था। नमन है योगी जी को, आपने कमाल कर दिया।

india against presstitute नामके पेज ने भी इसको शेयर किया है। साथ में अंग्रेज़ी में एक संदेश है। इसका अनुवाद है ”कितनी बार आपने सुना है कि विश्व ने इस सीमा तक जाकर भारतीय परंपरा की तरीफ की ? यह एक उदाहरण है कि सच्चे नेता क्या कर सकते हैं।” #modikumbhvisit
हांलाकि अगर आप INDIA AGAINST PRESSTITUTE की पोस्ट में जुड़े हुए लेख को पढ़ें तो उसमें सही तारीख औऱ समय का उल्लेख है। इसी लेख से हमें सच्चाई जांचने का पहला सूत्र मिला। बहुत सारे ट्विटर यूजर्स ने भी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस संदेश के साथ बधाई दी।

सच्चाई पता करने का तरीका
हमने इन्ही की-वर्डस को गुगल में सर्च किया तो कई अखबारों की रिपोर्टस सामने आईं। जिनमें यही बात कही गई है। लेकिन तारीख फर्क है। ये रिपोर्ट साल 2015 के अगस्त के महीने की है। और जिस कुंभ का इसमें ज़िक्र है वो है साल 2013 का प्रयाग में ही आयोजित महाकुंभ।

टाइम्स ऑफ इंडिया कीhttp://रिपोर्ट/ के अनुसार हार्वर्ड के कुछ विद्वानों और छात्रों ने विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों के बारे में रिसर्च करके एक किताब लिखी। इस किताब में कहा गया कि साल 2013 में हुआ महाकुंभ का आयोजन 2014 में ब्राज़ील में हुए फीफा वर्ल्ड कप से बेहतर था। महाकुंभ को दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन से भी अच्छा बताया गया।
निष्कर्ष
दावा- हार्वर्ड युनिवर्सिटी ने कुंभ-2019 को फीफा वर्ल्ड कप से बेहतर आयोजन बताया है
सच- यह दावा गलत है। हार्वर्ड से निकली एक किताब में 2013 के महाकुंभ के आयोजन को फीफा वर्ल्ड कप से बेहतर बताया था।