हरियाणा में नूंह हिंसा में अबतक 83 एफआईआर दर्ज, 159 लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं. हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने नूंह हिंसा पर कहा, सभी को शांति बनाए रखनी चाहिए. लोगों को सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट या फॉरवर्ड नहीं करना चाहिए. मामले की जांच चल रही है. इस बीच दंगो की चार खौफनाक तस्वीरों का फोटो कोलाज नूंह हिंसा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.

तस्वीरों के साथ एक भड़काऊ मेसेज भी शेयर किया जा रहा है जिसमें कहा गया कि, “वाह रे हरियाणा के वीर हिंदुओं तुम पूरे दिल्ली को बंधक बना सकते हो? तुम भारत सरकार को चैलेंज कर सकते हो? सड़कों को जाम कर सकते हो? लेकिन अपनी इज्जत नहीं बचा सकते? यह हाल तो होना ही था जब तुम सड़कों पर बैठकर इन्हीं जिहादी गद्दारों का समर्थन ले रहे थे? आज इन्हीं गद्दारों ने तुम्हें तुम्हारी औकात बता दिया बहुत दुख होता है, अफसोस भी होता है यह सब देखकर कि 120 करोड़ हिंदुओं के देश में हिंदुओं का यह हाल है? चारों तरफ मार खा रहे हो? चारों तरफ आपकी करोड़ों अरबों की संपत्ति जब मर्जी होता है वह फूंक कर शांति से अपने घर में चले जाते हैं और शांतिप्रिय कहलाते हैं! तुम जय श्री राम का नारा लगाकर दंगाई कहलाते हो? अब यही सब देखना बाकी रह गया था? कुछ गद्दार जिहादियों का पोस्ट देखा उन्होंने डाला कि मोनू मानेसर आने वाला था, अरे मोनू मानेसर आने वाला है तो क्या? वह पाकिस्तान से आ रहा था क्या? बल्कि मोनू मानेसर इसी भारत माता का सच्चा वीर संतान है जिसके नाम से तुम डरते हो!”

आर्काइव

वायरल दावे का सच

1. जले हुए मलबे के पास खड़े पुलिसकर्मी की तस्वीर 26 अगस्त 2017 को “नाइटमेयर इन पंचकुला” शीर्षक से टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में देखने को मिली. 

रिपोर्ट के मुताबिक न्यायालय के द्वारा डेरा सच्चा प्रमुख को बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उनके अनुयायियों ने हरियाणा के पंचकूला समेत अन्य जगहों पर हिंसक प्रदर्शन किये थे.

2. दंगे को नियंत्रित करती आ रही पुलिस टीम वाली तस्वीर टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा 26 दिसंबर, 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में देखने को मिली. रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2019 को कानपुर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ एक रैली के दौरान पुलिस कर्मियों की प्रदर्शनकारियों से झड़प हो गई थी, यह तब की तस्वीर है.

3. वहीँ 20 फरवरी 2013 को हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में कार के जलने वाली तस्वीर देखने को मिली. रिपोर्ट का शीर्षक था- ‘राष्ट्रव्यापी ट्रेड यूनियन की हड़ताल से बैंक प्रभावित, नोएडा में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया.

रिपोर्ट के मुताबिक यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के नोएडा में 11 प्रमुख ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए दो दिवसीय भारत बंद के दौरान ली गई थी.

4. एक आदमी को पीटते हुए पुलिसकर्मी की तस्वीर 21 दिसम्बर 2019 को प्रकाशित टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट में देखने को मिली.

रिपोर्ट के मुताबिक वायरल तस्वीर कानपुर के बाबूपुरवा इलाके में नए नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन की है. 

निष्कर्ष 

indiaheck ने अपनी पड़ताल में वायरल तस्वीरो के साथ किये गये दावों को भ्रामक पाया है. हरियाणा के नूह में हुई हिंसा से इन वायरल तस्वीरो का कोई लेना देना नही है. ये सभी पुरानी तस्वीरें हैं जिन्हें हाल में हुई हिंसा का बताकर शेयर किया जा रहा है. 

दावा किसने किया – दक्षिणपंथी सोशल मीडिया यूज़र्स ने

सच – दावा भ्रामक है

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