जम्मू-कश्मीर से जोड़कर दो तस्वीरों को सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है. दोनो तस्वीरें दो अलग-अलग लड़कियों की है. ट्विटर पर साझा की गई इन तस्वीरों के साथ भारतीय फौज की कश्मीर में क्रूरता का ज़िक्र किया जा रहा है. इन तस्वीरों को शेयर किया है अमीर अब्बास नामके पाकिस्तानी पत्रकार ने. अपनी पोस्ट में अब्बास ने लिखा है ”तुम लोग कश्मीर को लेकर बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं? कितने शर्म की बात है. तुम्हारी क्रूर फौज निहत्थे और निर्दोष कश्मीरियों को मार रही है. अगर यही तुम्हारी बहादुरी और गर्व का मापक है, तो हम ऐसी बहहादुरी को शाप देते हैं. ऐसी बहादुरी पर शर्म करो और अफसोस मनाओ.’’
ये तस्वीरे ऐसे समय शेयर की जा रही हैं जब जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष राज्य के दर्जे को केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया है. घाटी का माहौल तनावपूर्ण है. और भी लोगों ने इसे पोस्ट किया है. वो भी पाकिस्तान से ताल्लुक रखते हैं. इन सबमे संदेश एक जैसा ही है.
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फैक्ट चेक
पहली तस्वीर
इस तस्वीर में महिला के चेहरा बुरी तरह घायल है. उसके चेहरे पर पैलेट गन के निशान हैं. इस तस्वीर का गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चाला की ये तस्वीर एक फिलिस्तीनी लड़की की है. 17 साल की इस लड़की का नाम Rawya Abu Jom’a है. फिलिस्तीन के गाज़ा शहर के शिफा अस्पताल की ये तस्वीर है. इसरायल के हवाई हमले के दौरान इसके परिवार के सदस्यों की मौत हो गई और Rawya बुरी तरह घायल हो गई थी. 22 जुलाई 2014 की ये तस्वीर है. मशहूर अमेरिकी फोटोग्राफर Heidi Levine ने ये तस्वीर ली थी. Heidi Levine को इस तस्वीर के लिए काफी सराहना मिली थी. इस तस्वीर पर एक रिपोर्ट आप यहां देख सकते हैं. यूएन में पाकिस्तान की प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने इस लड़की की तस्वीर के बारे में झूठा प्रचार करते हुए इसे कश्मीर का बताया था. इस पर इंडिया टुडे ने भी रिपोर्ट की थी.
इस पूरी रिपोर्ट को आप यहां पढ़ सकते हैं. इंटरनेशनल मीडिया ने भी इस लड़की की स्टोरी कवर की थी. मशहूर अमेरिकी फोटोग्राफर Heidi Levine ने ये तस्वीर ली थी.
दूसरी तस्वीर
ये तस्वीर 7 साल पुरानी है. कब खींची गई, कहां खींची गई, किसने खींची इस बारे में हम पता नहीं लगा पाए लेकिन कुछ कश्मीरी वेबसाइट में इसे प्रकाशित किया गया है. 2012 से इंटररनेट पर ये दिखाई दे रही है. तस्वीर के बारे में इतना ही पता चलता है कि ये महिला अपने परिवार वालों की गिरफ्तारी की वजह से रो रही है. 22 फरवरी 2012 को प्रकाशित एक वेबसाइट पर इस तस्वीर को देख सकते हैं.
निष्कर्ष
कश्मीर के बारे में इस तरह की तस्वीरों को हाल के घटनाक्रम से जोड़कर जानबूझकर पैलाया जा रहा है. हमारी जांच में इस तस्वीरों के साथ दिए गए संदेश झूठे पाए गए.
दावा- कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के दौरान भारतीय फौज लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रही हैं
दवा करने वाले-पाकिस्तान सोशल मीडिया
सच- दावा झूठा है, एक तस्वीर फिलिस्तीन की है, दूसरी कश्मीर की है लेकिन 7 साल पुरानी
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