Fact-Check : दरभंगा एम्स पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दावा गलत, एम्स निर्माण के लिए अभी जगह तय नहीं हुई

12 अगस्त 2023 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पश्चिम बंगाल के कोलकाता के क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद को संबोधित कर रहे थे इस बीच उन्होंने दावा किया कि उनकी भाजपा सरकार ने पूर्वोतर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए असम के गुवाहाटी से लेकर बंगाल के कल्याणी तक और झारखंड के देवघर से लेकर बिहार के दरभंगा तक नये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) खोले हैं ताकि लोगो को इलाज के लिए 100 किलोमीटर दूर न जाना पड़े. मोदी ने आगे कहा कि हर कोई पूर्वी भारत में हो रहे “विकास की तेज गति” को देख रहा है।

आर्काइव

दरभंगा एम्स पर मोदी के दावे का सच

दरभंगा एम्स पर मोदी के बयान से बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन खेमे में हंगामा मच गया. उन्होंने मोदी पर झूठ बोलने का आरोप लगते हुए कहा कि दरभंगा में अभी तक एम्स नहीं बना है.बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी के बयान को झूठा करार दिया और साथ ही यह दावा किया कि बिहार सरकार ने मिट्टी भराई के लिए 250 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन भी किया इसके बावजूद भी AIIMS नहीं बन सका.

तेजस्वी यादव ने स्वास्थय परिवार कल्याण मंत्री मनसुख एल मांडविया को लिखे एक पत्र को ट्वीट करते हुए कहा कि, “आज प्रधानमंत्री जी दरभंगा में AIIMS खुलवाने का झूठा श्रेय ले रहे थे। वस्तुस्थिति ये है कि #बिहार सरकार ने निःशुल्क 151 एकड़ ज़मीन केंद्र को इसकी स्थापना के लिए दिया है और साथ ही 250 करोड़ से अधिक मिट्टी भराई के लिए आवंटित किया लेकिन दुर्भाग्यवश राजनीति करते हुए केंद्र ने प्रस्तावित AIIMS के निर्माण को स्वीकृति नहीं दी। प्रधानमंत्री से देश कम से कम सत्य और तथ्य की अपेक्षा करता है लेकिन उन्होंने सफ़ेद झूठ बोला। तेजस्वी ने आगे कहा, जून माह में हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जी से दूरभाष पर वार्ता कर, इसकी स्वीकृति देकर निर्माण कराने का आग्रह किया और आशान्वित होकर चिट्ठी भी लिखा लेकिन आजतक कोई सकारात्मक कारवाई नहीं हुई है”।

उन्होंने मनसुख मंडाविया पर इस मामले पर पत्र या अनुरोध का जवाब नहीं देने का भी आरोप लगाया. तेजस्वी के ट्वीट के बाद मंडाविया ने शनिवार को तेजस्वी यादव पर तीखा हमला करते हुए एक ट्वीट में कहा कि, मोदी सरकार की मंशा साफ थी और 2020 में दरभंगा में एम्स बनाने की इजाजत दी गई थी. मंडाविया ने 26 मई 2023 का एक पत्र ट्वीट करते हुए तेजस्वी यादव पर उनकी सरकार आने पर स्वीकृत जमीन के बदलने की बात भी कही. इसके अलावा उन्होंने तेजस्वी यादव से कहा कि, वह राजनीती से बाहर आंए और जल्द से जल्द एम्स बनाने के लिये उचित जगह दें जिससे बिहार में एम्स का निर्माण हो सके.

मंडाविया ने ट्वीट में लिखा, “एम्स दरभंगा की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहली ज़मीन दी. इसके बाद आप सरकार में आये और राजनीति करते हुए 30 अप्रैल 2023 को यह जगह बदल दी. नियमों के अनुसार ज़मीन की जाँच करने के लिये एक्सपर्ट कमेटी ने ज़मीन को इंस्पेक्ट किया. 26 मई 2023 को भारत सरकार ने उपलब्ध करवाई गई दूसरी ज़मीन एम्स निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं है ऐसा लेटर बिहार सरकार को भेजा था जो इसके साथ शामिल है. आप ही बताओ ज़मीन को क्यूँ बदला गया, किसके हित में बदला गया”?

मंडाविया ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा 26 मई को बिहार के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को लिखा गया एक पत्र भी ट्वीट किया, जिसमें कहा गया था कि बिहार सरकार द्वारा आवंटित भूमि एम्स, दरभंगा की स्थापना के लिए उपयुक्त नहीं है. आगे मंडाविया ने कहा कि, “बिहार की विधानसभा में आपके ही विधायक ने एम्स के लिए दी गई अनुपयुक्त ज़मीन के लिए क्या कहा था? राजनीति से बाहर आइए और एम्स बनाने के लिये तत्काल उचित जगह दीजिए ! हम बिहार में एम्स बनाने के लिए तैयार हैं”.

एएनआई और पीटीआई ने बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें वह प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के दावे का खंडन करते हुए सुने जा सकते हैं.

हमें भाजपा नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी का भी एक बयान सुनने को मिला. उन्होंने कहा कि, दरभंगा में एम्स नहीं बनने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं.

22 जुलाई 2022 को जारी प्रेस सूचना ब्यूरो(PIB) के हवाले से यह जानकारी मिली कि, बिहार के दरभंगा में अभी तक AIIMS का निर्माण होना तो दूर की बात अभी तक राज्य सरकार द्वारा भूमि भी नहीं सौंपी गई है. राज्य सरकार द्वारा बाधा मुक्त भूमि सौंपने की तारीख से 48 महीने तक, परियोजना के पूरा होने की समय सीमा रखी गयी है.

वहीँ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दरभंगा एम्स मुद्दे पर केंद्र सरकार का घेराव करते हुए कहा कि, परियोजना के लिए राज्य सरकार द्वारा दी गयी भूमि पर केंद्र सरकार को एम्स बनाना चाहिए.

निष्कर्ष

तेजस्वी यादव, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, बीजेपी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और नीतीश कुमार के बयानों से यह स्पष्ट है कि अभी तक बिहार के दरभंगा में एम्स का निर्माण नहीं हो सका है इसकी पुष्टि स्वयं भाजपा के केन्द्रीय मंत्रियों ने की है. वहीँ पड़ताल में मिले लिखित स्रोत भी इस बात के गवाह हैं कि दरभंगा एम्स पर बिहार सरकार और केंद्र सरकार के अनबन के कारण जमीन भी स्वीकृत नहीं हो पाई है इसलिए प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा दरभंगा एम्स पर किया गया दावा झूठा साबित होता है.

Pratayksh Mishra

Recent Posts

Fact-Check : क्या हमास का समर्थन करने वाले केरल के लोगों ने इटली के झंडे लेकर पैदल मार्च किया ? सच यहां जानें

7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास के द्वारा इजराइल पर हमला किए जाने के…

1 year ago

Fact-Check : इजरायल-फिलीस्तीन संघर्ष के बाद सोशल मीडिया पर आई वायरल वीडियो की बाढ़, वायरल वीडियो का सच जानें !

Israel-Philistine Conflict Viral Video : 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास के द्वारा इजराइल…

1 year ago

Fact-Check : दैनिक जागरण ने भारतीय सेना के द्वारा पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक किये जाने की फेक न्यूज़ प्रकाशित की

मंगलवार को ‘दैनिक जागरण’ ने राष्ट्रीय संस्करण में पहले पृष्ठ पर ‘भारत ने पाकिस्तान पर फिर की…

1 year ago

Fact-Check : असंबंधित विरोध प्रदर्शन की पुरानी तस्वीरें हरियाणा हिंसा से जोड़कर शेयर की गईं

हरियाणा में नूंह हिंसा में अबतक 83 एफआईआर दर्ज, 159 लोग गिरफ्तार किये जा चुके…

1 year ago