मशहूर टीवी पत्रकार और रेमन मैगसेसे अवार्ड विजेता रवीश कुमार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त चर्चा का विषय बना हुआ है. पत्रकार से लेकर नेता तक इसे शेयर कर रहे हैं. इस वीडियो के हवाले से कहा जा रहा है कि रवीश कुमार ने 2013 में 5 फीसदी जीडीपी होने पर यूपीए सरकार का बचाव किया था और हाल ही में मोदी सरकार पर उन्होने इसी जीडीपी पर हमला किया. एक वीडियो क्लिप 2013 की है और दूसरी इस साल 30 अगस्त की. पुरानी क्लिप को नई क्लिप से तुलना करते हुए दिखाया गया है. 2013 की क्लिप में वो कह रहे हैं “क्या हम अर्थव्यवस्था को लेकर ज़्यादा रोंदू तो नहीं हो रहे हैं? क्योंकि दुनिया में बहुत कम ही अर्थव्यवस्थाएं हैं जो 5 फ़ीसदी की रफ़्तार से भी बढ़ रही हैं.”जबकि दूसरी क्लिप में वो अर्थव्यवस्था को मंदी की चपेट में बता रहे हैं. ये क्लिप हाल ही में आए जीडीपी के आंकड़ें के दिन की है. पूरे वीडियो के अंत में एक और क्लिप रवीश कुमार की जोड़ी गई है है जिसमें वो कहते हैं कि बहुत मुश्किल होता है अपनी वैल्जेयूज़ को संभाल कर रखना.बीजेपी समर्थक शेफाली वैद्या, सहित तमाम बीजेपी समर्थकों ने इसे पोस्ट किया है.
इसका आर्काइव्ड वर्जन आप यहां देख सकते हैं. इस क्लिप को फिल्म डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने भी पोस्ट किया है.
इसका आर्काइव्ड वर्ज़न आप यहां देख सकते हैं.
औऱ तो और कुछ पत्रकार भी पीछे नहीं रहे. उन्होने भी इस 35 सेकेंड की क्लिप को पोस्ट किया.
अनंत विजय के ट्वीट का आर्काइव्ड वर्ज़न भी आप यहां देख सकते हैं.
टीवी एंकर दीपक चौरसिया ने भी यही क्लिप ट्वीट की
दीपक चौरसिया के ट्वीट के आर्काइव्ड वर्ज़न को आप यहां देख सकते हैं.
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फैक्ट चेक
पुरानी क्लिप 2013 में रवीश कुमार के आर्थिक सर्वे पर किए गए एक कार्यक्रम की है जो एनडीटीवी पर प्रसारित हुआ था. इसी दिन यूपीए सरकार में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश की थी. रवीश ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत में कहा था “वर्तमान काल में देश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. भविष्य काल में ठीक होने का अनुमान है. भूतकाल से तुलना करने पर, यानी जब भारत 8 या 9 प्रतिशत की विकास दर से आगे जा रहा था, अर्थव्यवस्था का हर सूचकांक धीमी गति के समाचार की तरह प्रतीत हो रहा है.”
वर्ष 2012-13 की आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में खेती,उद्योग, सर्विस सेक्टर की परफॉर्मेंस काफी खराब आई थी. आगे रवीश ने सरकार पर सवाल उठाते हुआ पूछा ”क्या भारत के विकास की कहानी वाक़ई ख़त्म हो चुकी है और हम बाघ से बकरी पर आ गए हैं?” इसके बाद वो चर्चा के लिए मेहमानों से मुखातिब होने से ठीक पहले कहते हैं “क्या हम अर्थव्यवस्था को लेकर ज़्यादा रोंदू तो नहीं हो रहे हैं? क्योंकि दुनिया में बहुत कम ही अर्थव्यवस्थाएं हैं जो 5 फ़ीसद की रफ़्तार से भी बढ़ रही हैं..इस सब पर हम बाते करेंगे” फिर मेहमानों का परिचय कराते हुए चर्चा शुरू हो जा ती है. चर्चा के दौरान भी सरकार पर सवाल उठाते हैं. ये पूरा 6.30 मिनट का वीडियो है जिसमें से 14 सेकेंड का वीडियो निकालकर वायरल किया जा रहा है, पूरे वीडियो को आप यहां सुन सकते हैं. दूसरी वीडियो क्लिप 30 अगस्त 2019 की है. जिसे रवीश कुमार के एऩडीटीवी पर प्रसारित कार्यक्रम से निकाला गया है. इस क्लिप का इस्तेमाल पुराने वाले वीडियो से तुलना करने के लिए किया गया है. ये कार्यक्रम हाल ही में भारत की जीडीप के आंकड़े जारी होने के बाद किया गया था.कार्यक्रम में वो कहते हैं “भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में नहीं है. इसे छिपाने की तमाम कोशिशों के बीच आज जीडीपी के आंकड़ों ने ज़ख़्म को बाहर ला दिया. 6 साल में भारत की जीडीपी इस हद तक नीचे नहीं आई थी. 2013 की पहली तिमाही में भारत की विकास दर 4.3 प्रतिशत थी. उसके बाद इस साल की पहली तिमाही में जीडीपी सबसे कम दर्ज हुई है.”शो मेंल आगे रवीश कहते हैं, “पाँच प्रतिशत की जीडीपी इस बात की पुष्टि करती है कि भारत की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ चुकी है. इस पूरे वीडियो को आप यहां देख सकते हैं.
पूरे वीडियो को सुनने के बाद ये साफ हो जाता है कि वायरल वीडियो क्लिप को भ्रम फैलाने के लिए फैलाया जा रहा है. पूरे कार्यक्रम रवीश कुमार ने देश की अर्थव्यवस्था पर सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं औऱ कहीं से भी ये नहीं लगता कि उन्होने सरकार का समर्थन में कुछ कहा है. इस बात की तस्दीक उसी दौरान किए गए उनके एक ट्वीट से भी होती है.
निष्कर्ष
सोशल मीडिया पर वायरल ये वीडियो क्लिप लोगों को रवीश कुनार के बारे में गलत जानकारी देने के लिए फैलाई जा रही है. रवीश कुमार के खिलाफ इससे पहले भी सोशल मीडियो पर फेक खबरें फैलाई जाती रहीं हैं. इस बार ये ऐसे समय पर हो रहा है जब 9 सितंबर को पत्रकारिता के लिए रेमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया जाना है.
दावा- रवीश कुमार ने 2013 में देश की जीडीपी 5 होने पर यूपीए सरकार का बचाव किया था जबकि इतनी ही जीडीपी पर हाल ही में मोदी सरककार की आलोचना की है.
दावा करने वाले- बीजेपी नेता , कार्यकर्ता, समर्थक,कुछ पत्रकार
सच- दावा गलत है
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