ISRO ने जैसे ही ये बताया कि विक्रम लैंडर का पता चल गया है और ऑर्बिटर उसकी थर्मल इमेज लेने में सफल हुआ है, सोशल मीडिया पर कई इमेज सर्कुलेट करके ये दावा किया जाने लगा कि यही वो इमेज हैं जो ऑर्बिटर ने ली हैं.
इसी तरह ट्विटर पर भी इसे पोस्ट किया गया.
ISRO ने 8 सितंबर को ये बताया था कि विक्रम लैंडर का पता चल गया है. ऑर्बिटर ने लैंडर की थर्मल तस्वीर भी कैप्चर की है. लैंडर से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है.
इसरो प्रमुख के नाम पर बनाई गई एक फेक वेबसाइट ने चंद्रयान-2 से ली गई एक पुरानी तस्वीर को पोस्ट किया. इस पोस्ट में ये भी दावा किया गया कि हम चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले पहले देश बन गए हैं. टीम इसरो को बधाई. उम्मीद है हम जल्द ही विक्रम लैंडर से संपर्क कर लेंगे. इसमें पीएमओ को टैग किया गया है. और #vikramlanderfound हैशटैग के साथ ये तस्वीर पोस्ट की गई है.
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फैक्ट चेक
पहली तस्वीर
इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चला कि वो मिशन अपोलो-16 की तस्वीर है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA का ये मिशन था. NASA का अपोलो -16 मिशन 16 अप्रैल 1972 को लॉन्च किया गया था. अमेरिका के प्लोरिडा में कैनेडी स्पेस सेंटर से इसे लॉन्च किया गया था. इस आप NASA की आधिकारिक वेबसाइट पर भी देख सकते हैं.11 दिन तक ये मिशन चला था. इस दौरान तीन अंतरिक्ष यात्रियों ने चांद पर 71 घंटे 2 मिनट का समय बिताया था. 18 जून 2019 को NASA ने अपनी वेबसाइट पर एक लेख में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया था.
स्पेस जर्नलिस्ट Jonathan O’Callaghan ने भी ट्वीट करके इसे मिशन अपोलो-16 की तस्वीर बताया. कई फैक्ट चेक वेबसाइट ने इसे अपोलो- 15 की तस्वीर बताया जो गलत है.
निष्कर्ष
इस तस्वीर के विक्रम लैंडर की थर्मल तस्वीर का होने का दावा गलत है. वायरल तस्वीर नासा के मिशन अपोलो-16 की है.
दावा- आर्बिटर से ली गई विक्रम लैंडर की थर्मल तस्वीर
दावा करने वाले- सोशल मीडिया यूज़र
सच- दावा गलत है.
दूसरी तस्वीर
इस तस्वीर को आप इसरो की वेबसाइट पर देख सकते हैं. इस 21 अगस्त को चंद्रयान-2 ने कैप्चर किया था. Terrain Mapping Camera. से चांद के सतह की फोटो चंद्रयान-2 से ली गई थी. इस तरह की कई तस्वीर इसरो ने रिलीज की थीं. इनमें से एक तस्वीर सोशल मीडिया पर विक्रम लैंडर की थर्मल इमेज बताकर वायरल की गई.
निष्कर्ष
इसमें दो दावे किये गए.
पहला दावा-भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना
दावा करने वाले- @shivraj_office खुद को इसरो की ऑफिशियल वेबसाइट होने का दावा करता है.
सच- ये एक फेक वेबसाइट है. और इसका भारत के चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहंचने का दावा गलत है. इसरो की आधिकारिक वेबसाइट ने इस तरह का कोई दावा नहीं किया है.
दूसरा दावा- तस्वीर के बारे में गुमराह करना कि ये आर्बिटर से ली गई विक्रम लैंडर की थर्मल तस्वीर है.
सच- ये दावा भी इसका गलत है.