पुलिस की गोली से मारे गए 17 साल के युवक नाहेल एम की मौत के बाद फ्रांस पिछले 10 दिनों से लगातार जल रहा है। फ्रांस के पेरिस, मार्सिले, लियोन जैसे कई बड़े शहरों में तबाही देखने को मिली है. नाहेल उत्तरी अफ्रीकी मूल का एक मुस्लिम युवक था. फ्रांस में लंबे समय से पुलिस पर आरोप लग रहे थे कि वह नस्ल देख कर कार्रवाई करते हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में प्रदर्शनकारियों को पेरिस के सेंट्रल डे ला रिपब्लिक में इकट्ठा होते हुए और अल्जीरियाई झंडे फहराते हुए देखा जा सकता है.
भारत में दक्षिणपंथ के समर्थकों ने इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया कि फ्रांस में मारे गए 17 वर्षीय नाहेल के समर्थन में जुटे प्रदर्शनकारियों ने जिस तरह पेरिस के प्लेस डे ला रिपब्लिक पर कब्जा कर लिया है यदि हिंदुस्तान के हिन्दू संभल कर एक नहीं हुए तो उनके यहाँ पर भी कोई कल को इसी तरह कब्जा कर लेगा.
वायरल वीडियो का सच क्या है ?
वायरल वीडियो का सच पता लगाने के लिए हमने कुछ की फ्रेम्स को सर्च किया. इस दौरान हमें फ्रेंच भाषा में प्रकाशित कई रिपोर्ट्स देखने को मिलीं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक फ्रेंको-अल्जीरियाई लोगों ने रविवार, 17 मार्च 2019 को पेरिस और अन्य जगहों पर अल्जीरिया के वर्तमान राष्ट्रपति अब्देल अज़ीज़ बुउटफ्लिका के खिलाफ प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन 82 वर्षीय अब्देल अज़ीज़ बुउटफ्लिका के संभावित पांचवें कार्यकाल के विरोध में किया जा रहा था. एक अन्य मीडिया रिपोर्ट VOX.COM में प्रदर्शनकारियों की तस्वीर दिखाती हुई हेडलाइन दी गयी ,”अल्जीरिया के राष्ट्रपति पांचवें कार्यकाल के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे। यह प्रदर्शनकारियों के लिए बहुत बड़ी जीत है”
तस्वीर के नीचे कैप्शन में लिखा है, 10 मार्च, 2019 को पेरिस, फ्रांस में राष्ट्रपति अब्देल अज़ीज़ बुउटफ्लिका के पांचवें राष्ट्रपति कार्यकाल के विरोध में फ्रांसीसी अल्जीरियाई प्रदर्शनकारियों ने प्लेस डे ला रिपब्लिक पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया.
कुछ कीवर्ड सर्च करने पर रॉयटर्स , एपी न्यूज़ , द गार्जियन , बीबीसी और अल जजीरा की रिपोर्ट्स मिलीं जिसमें इस विरोध प्रदर्शन की कवरेज की गई थी।
साथ ही हमें एक ट्विटर अकाउंट पर इसी तरह का वायरल वीडियो देखने को मिला। जो 10 मार्च 2019 को ट्वीट किया गया था। ट्वीट के कैप्शन के मुताबिक, “फ्रांस में रहने वाले फ्रांसीसी-अल्जीरियाई और अल्जीरियाई लोग पांचवें कार्यकाल के लिए बुउटफ्लिका की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं। पेरिस में प्लेस डे ला रिपब्लिक, अल्जीरियाई झंडों और स्वतंत्र और लोकतांत्रिक अल्जीरिया का आह्वान करने वाले बैनरों से भरा हुआ है”।
वहीं AP Archive के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध वीडियो में भी पेरिस के प्लेस डे ला रिपब्लिक पर विरोध प्रदर्शन के कुछ फ्रेम्स देखे जा सकते हैं।
कैप्शन के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने अरब स्प्रिंग, “अश-शब युरिद इस्क़त अन-निज़ाम” प्रसिद्ध नारा लगाया। जिसका अर्थ है, “लोग शासन को गिराना चाहते हैं”।
निष्कर्ष
indiacheck ने अपनी पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किए गए दावे को भ्रामक पाया है. वीडियो मार्च 2019 का है जब फ्रांस के पेरिस में प्लेस डे ला रिपब्लिक पर अल्जीरियाई प्रवासियों ने अल्जीरिया के राष्ट्रपति अब्देल अज़ीज़ बुउटफ्लिका के सम्भावित पांचवें कार्यकाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था.
दावा – फ्रांस में मारे गए 17 वर्षीय नाहेल के समर्थन में जुटे प्रदर्शनकारियों ने जिस तरह पेरिस के प्लेस डे ला रिपब्लिक पर कब्जा कर लिया है यदि हिंदुस्तान के हिन्दू संभल कर एक नहीं हुए तो उनके यहाँ पर भी कोई कल को इसी तरह कब्जा कर लेगा.
दावा किसने किया – दक्षिणपंथी सोशल मीडिया यूजर्स ने
सच – दावा भ्रामक है