बांग्लादेश और पाकिस्तान में पीएम मोदी की तरफ से भारत के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को लिखे एक फर्जी लेटर को सर्कुलेट किया जा रहा है. अयोध्या विवाद पर फैसले के बाद लिखे इस पत्र मे पीएम चीफ जस्टिस सहित फैसला देने वालों 5 जजों को बधाई देते हैं कि उन्होने हिन्दू राष्ट्र के लिए उल्लेखनीय काम किया है. पत्र अंग्रेज़ी में है. और चीफ जस्टिस रंजन गोगई को संबोधित किया गया है. इसका हिन्दी अनुवाद नीचे देख सकते हैं.

‘’सबसे पहले मैं आपको और आपकी बेंच जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नज़ीर को हिन्दू राष्ट्र के लिए उल्लेखनीय कार्य करने की बधाई देता हूं. आपके शानदार औऱ यादगार फैसले के लिए हिन्दू हमेशा आपका आभारी रहेगा. हिन्दू राष्ट्र के लिए ये फैसला एक नया इतिहास रचेगा. मैं आपके और आपके परिवार के बेहतर भविष्य की कामना करता हूं औऱ एक बार फिर से आपके बेहतरीन फैसले के लिए बधाई देता हूं. ज़रूरी वक्त पर ज़बरदस्त समर्थन के लिए धन्यवाद.’’

प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर फर्जी लेटर का स्क्रीन शॉट
प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर फर्जी लेटर का स्क्रीन शॉट

 सोशल मीडिया पर इस पत्र को बांगलादेश से पोस्ट किया जा रहा है.

कुछ पाकिस्तानी वेबसाइटों ने भी इसी पत्र के आधार पर पीएम मोदी के खिलाफ लेख लिखे हैं. इसे आप यहां देख सकते हैं.

पाकिस्तान की वेबसाइट में छपे पीएम मोदी के फर्जी पत्र औऱ लेख का स्क्रीन शॉट
पाकिस्तान की वेबसाइट में छपे पीएम मोदी के फर्जी पत्र औऱ लेख का स्क्रीन शॉट

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गौरतलब है कि अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने विवादित जगह को राम जन्मस्तान माना है. कोर्ट ने विवादित ज़मीन पर राम मंदिर बनाने का फैसला सुनाया था. मुसलमानों को अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ ज़मीन अलग से देने का आदेश दिया है. केंद्र सरकार को 3 महीने के बीतर एख ट्रस्ट बनाकर मंदिर का निर्माण शुरू करनाने का आदेश दिया है.

प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर जारी लेटर का सच

पीएम के ऑफिशियल लेटर में किसी तरह की स्पेलिंग की गलती संभव नहीं होती है. ऐसे पत्रों को काफी सावधानी से कई बार जांच करके जारी किया जाता है. लेकिन इसमें ऐसा नहीं है. पत्र में ‘commendable’ शब्द की जगह ‘compendable’ लिखा है. नीचे आप इसे देख सकते हैं.

पत्र में एक जगह  'commendable' की जगह 'compendable' लिखा है
पत्र में एक जगह ‘commendable’ की जगह ‘compendable’ लिखा है

बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त की तरफ से भी एक प्रेस रिलीज़ जारी करके कहा गया है कि पीएम मोदी का एक फर्जी पत्र कुछ स्थानीय बांगलादेश मीडिया में सर्कुलेट हो रहा है.

प्रधानमंत्री ने हाल ही में आए अयोध्या के फैसले पर राष्ट्र के नाम संदेश दिया था जिसमे उन्होने इस फैसले को जीत-हार से जोड़कर ना देखने की अपील की था. नकी तरफ से फैसले के बाद एक ट्वीट भी किया गया था. इस ट्वीट में भी उन्होने लगभग यही बात कही थी.

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