फेक है सोशल मीडिया पर नियंत्रण,फोन की रिकॉर्डिंग के नोटिफिकेशन की खबर


कल से नए संचार नियम हैं। सभी कॉल रिकार्ड किए गए हैं। सभी काल रिकॉर्डिंग सहेजे गए हैं।व्हाटसएप,ट्विटर,फेसबुक,सभी सोशल मीडिया औऱ मंचों पर नज़र रखी जाएगी। जो लोग नहीं जानते हैं। उनके डिवाइस मंत्रालय प्रणाली से जुड़े हुए हैं। ध्यान रखें अनावश्यक मेसेज ना भेजें। अपने बच्चों, रिश्तेदारों और दोस्तों को जानकारी दें। पुलिस ने एक अधिसूचना को समाप्त कर दिया है.. साइबर अपराध…और कार्रवाई की जाएगी..बस हटाएं नहीं..plz इसे हमारे सभी समूह और व्यक्तिगत सदस्यों को पता हो ।

हिंदी में भाषा की तमाम गल्तियों वाली ये पोस्ट शेयर चैट पर तेज़ी से घूम रही है। दो दिन में 9000 लोग इसे देख चुके हैं।

यही जानकारी अंग्रेज़ी और मराठी में व्हाटस पर भी पिछले 4 दिनों से खूब शेयर की जा रही है।

इसकी भाषा थोड़ी अच्छी है। और एक ही पोस्ट में अंग्रेज़ी औऱ मराठी भाषा में अनुवाद है। लेकिन दोनों ही पोस्ट में जानकारी बिल्कुल एक जैसी है। नीचे की कुछ लाइनें स्क्रीन शॉट में नहीं आ पाई हैं इसलिए नीचे पूरी पोस्ट देख सकते हैं।


From tomorrow onwards there are new communication regulations.
उद्यापासून संभाषणासाठी नवीन नियम लागू होत आहेत.
All calls are recorded
सर्व तोंडी संभाषण रेकॉर्ड केले जाईल.
All phone call recordings saved
सर्व फोनवरचे संभाषण रेकॉर्ड केले जाईल.
WhatsApp, Twitter, Facebook, All social media and forums will be monitored
व्हॅट्सऍप. ट्विटर, फेसबुकवर, सर्व सोशिअल मीडिया आणि फॉर्म्स वर लक्ष ठेवले जाईल.
Inform those who do not know.
सर्वांना याबाबत कळवा.
Your devices are connected to ministry systems.
तुमचे डिव्हाईस (फोन, मोबाईल, लॅपटॉप, कॉम्पुटर) मिनिस्ट्री शी जोडले आहेत.
Take care not to send unnecessary messages
अनावश्यक मेसेजेस न पाठवण्याची काळजी घ्या.
Inform your children, Relatives and friends about this to take care
आपल्या मुलांना, नातेवाईकांना, मित्रांना याबाबत काळजी घेण्याची सूचना करा.
​​Don’t forward any posts or videos etc., you receive  regarding politics/present situation about Government/PM etc.​​ Writing or forwarding any msg on any political & religious debate is an offence now….arrest without warrant…
राजकारण, शासन, मंत्रीवर्ग, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपती, किंवा सद्यस्थिती बाबतची कोणतीही पोस्ट, ऑडिओ, व्हिडीओ फॉरवर्ड / पोस्ट करू नका. कोणत्याही अशो पोस्ट, चर्चा हा गुन्हा आहे आणि त्यासाठी अजामीन पकड वॉरंट सांगितले आहे.
Police have put out a notification termed ..Cyber Crime … and action will be taken…just don’t delete …
पोलिसांनी याबाबत सूचना सायबर सेलला योग्य त्या कारवाईसाठी सूचना दिल्या आहेत. हि सूचना त्यातलीच एक आहे.
This is very serious, plz let it be known to all our groups and individual members as group admin can b in deep trouble.
हे खूप गंभीर आहे, सर्व ग्रुप्स, वैयक्तिक मित्रांना आणि ग्रुपच्या ऍडमिनला यातून भयंकर त्रास होऊ शकतो.
Take care not to send unnecessary messages. Inform everyone about this to take care. 
त्यासाठी योग्य ती सारी काळजी घ्यावी.
Please share it; it’s very much true. Groups please be careful.
पुनः विनंती सर्वांना, ग्रुपला याबाबत कळवा.
ReplyForward


सच्चाई जानने का तरीका

हमने इस संदेश को खोजने के लिए कुछ की-वर्डस का इस्तेमाल किया। औऱ गूगल में उनको सर्च किया। सर्च में आए परिणाम से पता चला कि इस तरह के संदेश 2 साल पहले भी देखे गए थे। उस समय इस संदेश में सबसे ऊपर एक लाइन और जोड़ी गई थी। वो लाइन थी ministry of interior regulation। जो हाल में शेयर किए जा रहे संदेशों में नही है। नीचे पुराने संदेश की एक तस्वीर आप देख सकते हैं। ये 2017 में व्हाटसएप पर फॉरवर्ड किया गया था। संचार मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर भी हमने पता किया। इस तरह की कोई सूचना नहीं है। कम्युनिकेशन नियमों में बदलाव के बारे में कोई जानकारी इस पर नहीं दी गई है। संबधित अधिकारियों ने भी इस खबर को फेक बताया।

इन संदेशो को तमाम अखबारों ने दो साल पहले भी फेक करार दिया था। क्योंकि भारत में मिनिस्टरी ऑफ इंटीरियर नाम का कोई मंत्रालय नहीं है इसलिए इस बार इस लाइन को हटा दिया गया होगा। ये एक अनुमान है।

जांच में एक खास बात औऱ पता चली कि ये संदेश सिर्फ भारत में ही नहीं दूसरे देशों में भी वायरल हो चुके हैं। फेसबुक के पीपल ऑफ सउदी अरब नाम के यूजर ने भी इसी संदेश को 6 जून 2017 को शेयर किया है।

ऐसा ही एक संदेश घाना में खूब वायरल हुआ तो वहां की सरकार ने लोगों को ये बताने के लिए कि ये फेक न्यूज़ है एक नोटिस भी जारी किया था।

नोटिस का हिंदी में मतलब

नोटिस में घाना की मिनिस्ट्री ऑफ इंटीरियर की तरफ से कहा गया कि कम्युनिकेशन के कोई भी नए निर्देश नहीं लागू होंगे। सोशल मीडिया पर घूम रही ये खबर पूरी तरह से गलत है। फोन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी तरह का नियंत्रण सरकार नहीं करने जा रही है। किसी के भी कम्युनिकेशन डिवाइस चाहे वो मोबाइल फोन हो ,कम्प्यूटर हो या कुछ और मंत्रालय अपने किसी सिस्टम से नहीं जोड़ेगी। 26 मई 2917 को ये नोटिस जारी किया गया था।


निष्कर्ष

हमारी जांच में ये दावा कि सरकार ने लोगों की के फोन औऱ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जासूसी करने के लिए कोई डिवाइस लगाया है पूरी तरह से झूठ है। ये अफवाह 2017 में भी फैलाई गई थी। लोगों से अपील है कि ऐसे संदेशों पर ध्यान ना दें।

Indiacheck

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