पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से तीन वीडियो शेयर किए जिनके बारे में उन्होने दावा किया कि ये यूपी में पुलिस का मुसलमानों पर की गई हिंसा के वीडियो हैं. धर्म के आधार पर मोदी सरकार मुसलमानों का सफाया कर रही है. एक वीडियो में पुलिस प्रदर्शनकारियों को पीट रही है. नीचे इस वीडियो का स्क्रीन शॉट देख सकते हैं. बाद में इमरान ने इस वीडियो को डिलीट कर दिया
पहला वीडियो
इसका आर्काइव्ड वर्ज़न आप यहां देख सकते हैं. वीडियो के स्क्रीन शॉट में सुरक्षा कर्मियों की वर्दी पर ‘RAB’ लिखा हुआ है. इसका मतलब होता ‘RAPID ACTION BATTALION’. ये बांग्लादेश की अपराध और आतंकवाद से निपटने के लिए बनाई गई फोर्स है.
फैक्ट चेक
संबधित की-वर्डस के इस्तेमाल के जरिए हमे ये वीडियो यूट्यूब पर मिला जिसे 2013 में अपलोड किया गया था. अपलोड किये गये वीडियो में काफी हिंसा दिखाई गई है. ये देखने योग्य नहीं है. जो लोग हिंसा नहीं देखना चाहते वो इसे ना प्ले करें. इस वीडियो में आप इमरान के वीडियो के स्क्रीन शॉट देख सकते हैं.
अखबारों की रिपोर्ट के अनुसार इस घटना में 27 लोग मारे गए थे और दर्जनों घायल हुए थे. बांगलादेश की राजधानी ढाका में हिफाज़त-ए-इस्लाम नामके संगठन ने इस विरोध प्रदर्शन को आयोजित किया था.ये विरोध कड़े इस्लामिक कानून लागू करने की मांग को लेकर किया गया था.
यूपी पुलिस ने भी इमरान के इस वीडियो के गलत बताते हुए ट्वीट किया है
दूसरे वीडियो का स्क्रीन शॉट
इस वीडियो में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष होता हुआ दिखाई दे रहा है. पुलिस भीड़ पर लाठीचार्ज करते हुए खदेड़ते हुए दिखाई दे रही है. रिवर्स इमेज सर्च के जरिए पता करने पर यूट्यूब पर इस वीडियो के कई परिणाम मिलते हैं. दरअसल ये घटना 16 नवंबर 2019 की उन्नाव की है. इसका नागरिकता कानून से कोई लेना देना नहीं है. उस समय संशोधित नागरिकता कानून संसद से पास भी नहीं हुआ था. इस घटना में किसानों और पुलिस के बीच ज़मीन विवाद को लेकर संघर्ष हुआ था. न्यूजसएजेंसी एएनआई ने बी ये वीडियो टिवीट किया था. नीचे ये वीडियो आप देख सकते हैं.
तीसरे वीडियो का स्क्रीन शॉट
इस वीडियो का हमे कोई वेऱिफाइड सोर्स नहीं मिला है. जैसे ही हम इसका पता लगा लेंगे आपको इसकी जानकारी देंगे.
निष्कर्ष
इमरान खान ने नागरिकता कानून से जोड़कर जो वीडियो पोस्ट करके मुसलमानों के किलाप पुलिस हिंसा का आरोप लगाया है वो झूठे हैं. इनका नागरिकता कानून से कोई मतलब नहीं है.