असम में CAB पर हिंसा के नाम पर झारखंड का वीडियो पोस्ट किया, बाद में मांगी माफी

नागरिक संशोधन बिल का असम में जबरदस्त विरोध हो रहा है. विरोध के दौरान हुई हिंसा में 2 लोग मारे गए हैं. बहुत सारी सरकारी प्रॉपर्टी का नुकसान हुआ है. राज्य में इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई है. इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें पुलिस कर्मी प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाते नजर आ रहे हैं. इसे ट्विटर पर पोस्ट किया गया है. इस वीडियो के साथ एक संदेश भी है जिसमें कहा गया है ‘’ये गुवाहटी में हो रहा है. मीडिया को वहां कुछ भी रिपोर्ट करने पर रोक लगा दी गई है. इसीलिए आपने भरोसा करने के वादे के साथ वोट मांगा था नरेंद्र मोदी’’

इस वीडियो को खबर लिखे जाने तक 414 रिट्वीट किए जा चुके हैं. इसका आर्काइव्ड वर्जन आप यहां देख सकते हैं.

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नागरिक संशोधन बिल हाल ही में संसद के दोनो सदनों में पास हो गया है. इस बिल के अनुसार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए शरणार्थियों को धर्म के आधार पर नागरिकता देने का प्रावधान है. बिल के मुताबिक तीनों देशों में रहने वाले हिन्दू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध औऱ इसाईयों को भारत में नागरिकता दी जाएगी लेकिन मुसलमानों को इसमें शामिल नहीं किया गया है. सरकार का तर्क है कि इन देशों मुसलमानों को छोड़कर बाकी सभी अल्पसंख्यक हैं जिन पर धर्म के आधार पर अत्याचार किया जा है. इसलिए इनको नागरिकता दी जाएगी.

फैक्ट चेक

India check ने इस वीडियो का फैक्ट चेक कुछ दिन पहले किया था. उस दौरान इसे कश्मीर से जोड़कर वायरल किया गया था.

अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद कश्मीर से जुड़ी कई तस्वीरें औऱ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे जिनका फैक्ट चेक हमने एक साथ किया था. उसी में ये वीडियो भी शामिल था. इस फैक्टचेक स्टोरी को आप यहां देख सकते हैं.

असल में ये वीडियो पुलिस की एक मॉक ड्रिल है. झारखंड के खूंटी में पुलिस के रिहर्सल के दौरान का ये वीडियो है जिसे 1 नवंबर 2017 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था. लोगों ने इसे अपने मोबाइल फोन से रिकॉर्ड किया था. वीडियो में आप आसपास की दुकानों के साइन बोर्ड देख सकते हैं जो हिन्दी भाषा में लिखे गए हैं जबकि गुवाहटी में स्थानीय भाषा या अंग्रेजी में लिखे जाते हैं.

हालांकि बाद में इस वीडियो को असम के नाम पर पोस्ट करने के लिए ट्विटर यूजर ने माफी मांग ली है.

निष्कर्ष

असम में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है लेकिन ये वीडियो गुवाहटी का नहीं झारखंड का है. ये एक पुलिस मॉक ड्रिल है. 1 नवंबर 2017 को इसे अपलोड किया गया था

Meenu Chaturvedi

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