फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत अपने बयानों को लेकर लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं. हाल ही में अंग्रेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ में एक इंटरव्यु के दौरान उन्होने दावा किया कि वो भारतीय जनता पार्टी को सपोर्ट करती हैं लेकिन शिवसेना के साथ गठबंधन की वजह से उन्हे मजबूरी में शिवसेना को वोट देना पड़ा था. कंगना ने चैनल की ग्रुप एडिटर नाविका कुमार के साथ बात करते हुए ये दावा किया. उन्होने जो कहा उसका हिन्दी में अनुवाद है ”मुझे राजनीति की ज्यादा समझ नहीं है लेकिन अपने निजी अनुभव से कह सकती हूं कि कि गठबंधन की वजह से वो चुनाव के दौरान शिवसेना को वोट देने के लिए मजबूर हुई थीं.”
कंगना के इस बयान पर इंडिया टुडे ग्रुप के मुंबई के डिप्टी एडिटर कमलेश सुतार ने ट्वीट करके कहा कि कंगना के तथ्य गलत हैं.
इस पर कंगना ने भड़कते हुए जवाब दिया कि वो गलत जानकारी फैला रहे हैं.जिसके लिए उन्हे जेल जाना पड़ेगा.
सोशल मीडिया पर वायरल कंगना के साथ माफिया डॉन अबू सलेम की तस्वीर होने का दावा गलत है
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक कंगन रनौत मुंबई नॉर्थ सेंट्रल लोकसभा सीट और वान्द्रे वेस्ट विधानसभा सीट की वोटर हैं.
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन था. मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट पर गठबंधन की तरफ से पूनम महाजन इस सीट पर उम्मीदवार थीं. पूनम बीजेपी प्रत्याशी थीं. उन्होने ये चुनाव जीता था.
2019 के विधानसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियों का गठबंधन था. औऱ ये वांद्रे वेस्ट की सीट बीजेपी के हिस्से में आई थी. बीजेपी की तरफ से आशीष सेलार प्रत्याशी थे.
साफ है कि कम से कम इन दोनों चुनावों में शिवसेना का उम्मीदवार इन सीटों पर चुनाव ही नहीं लड़ा था. ऐसे में कंगना का ये कहना कि उन्होने मजबूरी में शिवसेना को वोट दिया गलत है. कंगना ने अपने बयान में ये नहीं बताया था कि कि ये कौन सा चुनाव है इसलिए हमने साल 2009, 2014 में हुए लोकसभा औऱ विधानसभा चुनाव की जानकारी भी खोजी.
इस चुनाव में भी महाराष्ट्र में दोनों पार्टियों का गठबंधन था. मुंबई नॉर्थ सेंट्रल की सीट बीजेपी की हस्से में आई थी.
इस चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. वांद्रे वेस्ट से बीजेपी उम्मीदवार ने कांग्रेस को हराया था. शिवसेना तीसरे स्थान पर थी.
इस चुनाव में भी दोनों पार्टियों का गठबंधन था. और मुंबई नॉर्थ सेंट्रेल की सीट से बीजेपी उम्मीदवार ने चुनावा लड़ा था.
इस बार भी वांद्रे वेस्ट से शिवसेना का उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ा था. दोनों पार्टियों का गठबंधन था. इस सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार ने चुनाव लड़ा था.
पूरी जानकारी आप यहां, यहां और यहां पढ़ सकते हैं.
पिछले तीन लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान सिर्फ एक बार साल 2014 के विधानसभा चुनाव में दोनों ही पार्टियों ने अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. बाकी हर बार दोनों दलों का गठबंधन था. और कंगना जहां वोट डालती हैं वहां से बीजेपी का प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में था. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में वांद्रे वेस्ट में दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशी चुनाव लड़े थे. इसलिए कंगना का ये दावा कि गठबंधन की मजबूरी की वजह से उनको शिवसेना को वोट देना पड़ा था झूठ है.
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