किरेन रिजिजू ने तवांग दौरे की 3 साल पुरानी तस्वीर पोस्ट की, मेन स्ट्रीम मीडिया ने भारत-चीन सैनिकों से झड़प के बाद की बतायी-FACT CHECK

अरूणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र में 9 दिसम्बर 2022 को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई तनातनी को लेकर देश का माहौल गर्म है जहां शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष लगातार इस तवांग मुद्दे को सदन में उठा रहा है वहीं केन्द्र सरकार विपक्ष के द्वारा लगाए जा रहे आरोप-प्रत्यारोप का जवाब दे रही है। इस दौरान तनातनी वाले क्षेत्र तवांग में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को सेना के अधिकारियों के साथ अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग में यांग्त्से क्षेत्र “भारतीय सेना के बहादुर जवानों की पर्याप्त तैनाती के कारण अब पूरी तरह से सुरक्षित है।”

किरेन रिजिजू ने इस तस्वीर में कही समय का जिक्र नहीं किया कि ये तस्वीर कब की है? केन्द्रीय मंत्री के द्वारा शेयर की गई तस्वीर को भारतीय मीडिया और तमाम समाचार एजेंसियों ने न्यूज़ चैनलों और वेब पोर्टल पर इसे आधार बनाकर शेयर किया और बताया गया कि ये तस्वीर तवांग में भारत-चीन सैनिकों की 9 दिसंबर को हुई झड़प की घटना के बाद की है।

समाचार एजेंसी एएनआई ने रिजिजू के ट्वीट का हवाला देते हुए ट्वीट में लिखा – केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट किया, “भारतीय सेना के बहादुर जवानों की पर्याप्त तैनाती के कारण अरुणाचल प्रदेश के तवांग में यांग्त्से क्षेत्र अब पूरी तरह से सुरक्षित है।”(हिन्दी अनुवाद) आर्काइव

सरकारी ऑल इंडिया रेडियो न्यूज ने दावा किया ‘केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने तवांग इलाके का दौरा किया और कहा कि भारतीय सेना के बहादुर जवानों की तैनाती से ये क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भारतीय सेना का अपमान करने करने के लिए कड़ी आलोचना की और कहा कि वह देश की इमेज खऱाब कर रहे हैं’

न्यूज़ ओन ऐयरप्रसार भारती न्यूज़ सर्विस और ऑल इंडिया रेडियो न्यूज़  द्वारा भी यह तस्वीर इसी दावे के साथ साझा की गई ।  आर्काइव आर्काइव 

भारतीय मेन स्ट्रीम मीडिया ने रिजिजू के ट्वीट की गई तस्वीर को ब्रेकिंग न्यूज की तरह चलाई और दावा किया कि कानून मंत्री ने तवांग भारतीय सैनिकों से मुलाकात की।

कुछ और मीडिया संगठनों के स्क्रीन शॉट आप नीचे देख सकते हैं।

सच क्या है ?

किरन रिजिजू द्वारा शेयर की गई तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने इसे गूगल रिवर्स इमेज सर्च पर डाला इस दौरान हमें बहुत सारे मीडिया आउटलेट्स के द्वारा हाल ही में साझा की गई यह तस्वीर दिखी। इस बीच हमें एक फेसबुक अकाउंट का लिंक भी दिखा जिस पर यह तस्वीर शो हो रही थी हमनें इस लिंक पर क्लिक किया। क्लिक करने के बाद हमें ज्ञात हुआ कि यह केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू के आधिकारिक फेसबुक अकाउंट का लिंक है। यहां हमें एक तस्वीर भी देखने को मिली। फेसबुक पर इस तस्वीर को View Full Size में देखने पर प्रतीत हुआ यह रिजिजू की सैन्य अधिकारियों से घिरी वही तस्वीर है जिसे हाल ही का बताकर रिजिजू और भारतीय मीडिया के द्वारा शेयर किया गया।

source : facebook account Kiren Rijiju

तस्वीर 29 अक्टूबर 2019 को शेयर की गई थी। इसके अलावा 4 और तस्वीर 28-29 अक्टूबर को रिजिजू के शेयर की गई थीं। 

इन तस्वीरों में से किसी एक की हाल ही में साझा की गई तस्वीर से तुलनात्मक विश्लेषण करने पर हमने पाया कि फोटो में रिजिजू के द्वारा पहनी गई वेशभूषा में समानता है। 

हमें केन्द्रीय मंत्री का 29 अक्टूबर 2019 को किया गया ट्वीट भी मिला। जिसमें उन्होंने अरूणाचल प्रदेश में सेना के अधिकारियों से घिरी वही तस्वीर भी शेयर की। ट्वीट के कैप्शन में लिखा है -“अरुणाचल स्काउट्स भारतीय सेना की एक पैदल सेना रेजिमेंट है। यह अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ भारत की सीमा की रखवाली कर रहा है। यह पहाड़ी युद्ध में माहिर है। दिवाली के शुभ अवसर पर उनके साथ रहकर खुशी हुई। (हिन्दी अनुवाद शब्दशः) आर्काइव 

उनके ट्वीट में एक यूजर ने जब रिजिजू से पूछा कि “सेना के सभी जवान बिना दस्तानों के हैं और आपने!” इसका रिप्लाई करते हुए रिजिजू ने लिखा “मैं बाइक चला रहा था”। 

किरण रिजिजू की इस तस्वीर को गूगल लेंस पर डालने पर हमें यहां पर भी उस तस्वीर के साथ अन्य दो तस्वीरें देखने को मिलीं। इनमें एक तस्वीर में रिजिजू सेना अधिकारियों के साथ मिठाई बांटते नजर आ रहे हैं। 

निष्कर्ष

इंडिया चेक ने अपनी पड़ताल में समाचार एजेंसी और मीडिया के द्वारा शेयर की गई किरण रिजिजू की इस तस्वीर को 3 साल पुराना पाया है।

दावा – केन्द्रीय मंत्री किरण रिजिजू अरूणाचल प्रदेश के तवांग दौरे पर गए थे( सैन्य अधिकारियों के साथ फोटो शेयर करते हुए)

दावा करने वाला – समाचार एजेंसी और भारतीय मीडिया

सच – दावा गलत है, तस्वीर 3 साल पुरानी है

Pratayksh Mishra

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