सोशल मीडिया पर पंजाब पुलिस का एक वीडियो वायरल है जिसमें कोराना वायरस के संदिग्ध व्यक्ति को पक़ड़कर उसे ले जाया जा रहा है. मॉक ड्रिल के इस वीडियो के बारे में दावा किया जा रहा है पंजाब पुलिस और डॉक्टरों की टीम ने ‘कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को गिरफ्तार किया है. पंजाब पुलिस और डॉक्टर पूरी दुनिया में सबसे काबिल हैं.’ फेसबुक पर वायरल इस वीडियो में गुरुमुखी में संदेश लिखा है.
फेसबुक पर इस पोस्ट के स्क्रीन शॉट आप नीचे भी देख सकते हैं.
ट्विटर पर भी कई लोगों ने इसे पोस्ट किया है.
वीडियो में आप देखेंगे एक व्यक्ति सड़क पर चला आ रहा है. कुछ पुलिसकर्मी उसे रोकते हैं. कुछ डॉक्टर भी वहां मौजूद हैं जो उसे मास्क पहनाते हैं. फिर कुछ पुलिसकर्मी उसे उठाकर एक एंबुलेंस में रखकर ले जाते हैं.
दुनिया भर में कोरोना वायरस से इन दिनों हाहाकार मचा हुआ है. भारत में अब तक इस वायरस से 137 लोग बीमार हैं. 3 लोगों की मौत हो चुकी है. 13 लोग उपचार के बाद स्वस्थ हुए हैं.
फैक्ट चेक
इस वीडियो को ध्यान से देखने पर एंबुलेंस के पीछे लिखे फोन नंबर और नंबर प्लेट से हमे ये पता चला कि ये जगह पंजाब के मानसा की है. Pb31 मनसा की गाड़ियों का कोड है. फोन नंबर 01652-250073 मानसा के एक अस्पताल का है. दरवाजे पर एक तरफ ‘punjab health system corporation’ और दूसरी तरफ ‘civil hospital’ भी लिखा है.
फेस बुक पर कुछ की-वर्डस की सहायता से खोज करने पर हमे ‘District public relation office mansa’ के नाम से एक पेज मिला जिसमें गुरुमुखी में लिखी एक पोस्ट में बताया गया है कि वायरल वीडियो मॉक ड्रिल का है. मनसा में कोई कोरोना वायरस का मरीज नहीं है. ये मॉक ड्रिल जागरूकता फैलाने के लिए कराई गई थी.
हमने मानसा के स्थानीय पुलिस अधिकारियों से भी बात की. उन्होने भी इस वायरल वीडियो को मॉक ड्रिल का वीडियो बताया. ये मॉक ड्रिल मानसा के बछोयाना गांव में हुई थी.
निष्कर्ष
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो मॉक ड्रिल है. कोरोना वायरस को लेकर जागरूकता फैलाने और तैयरियों के लिए इसे किया गया था.
दावा- पंजाब पुलिस ने कोरोना वायरस के मरीज को गिरप्तार किया
दावा करने वाले- सोशल मीडिया यूज़र
सच- दावा गलत है .