आंध्रप्रदेश सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेजों में जींस-टीशर्ट पहनने पर बैन लगाने का दावा तेलगू मीडिया में किया जा रहा है. 2 दिसंबर 2022 को प्रकाशित ABP News तेलगू की एक रिपोर्ट में कहा गया कि “चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने मेडिकल छात्रों के ड्रेस कोड पर नए नियमों को लागू करने के लिए कदम उठाए हैं। मेडिकल के छात्रों ने जींस पैंट और टी शर्ट नहीं पहनने के उपाय करने की तैयारी कर ली है. इसके अलावा, सहायक, एसोसिएट प्रोफेसर और मेडिकल छात्रों ने भी इस प्रकार के कपड़े पहनने के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है। राज्य के चिकित्सा शिक्षा निदेशालय (डीएमई) ने छात्राओं को साड़ी या चूड़ीदार ही पहनने का निर्देश जारी किया है। इतना ही नहीं, एमबीबीएस और पीजी मेडिकल छात्रों को साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए और क्लीन शेव के साथ आना चाहिए और महिलाओं को अपने बाल खुले नहीं रखने चाहिए। आदेश में यह भी कहा गया है कि स्टेथोस्कोप और एप्रन जरूर पहनना चाहिए।”
इस न्यूज़ को ETV Bharat, Suman TV और News 18 ने भी प्रकाशित किया।
सच क्या है?
हमनें इस खबर की सच्चाई जानने के लिए कुछ कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। इस दौरान हमें जींस और टी-शर्ट पर प्रतिबंध लगाने वाले हालिया आदेश के अलावा कोई अन्य मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। हमने आंध्र प्रदेश चिकित्सा शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट को खंगाला लेकिन यहां पर भी हमें ड्रेस कोड से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली।
इसके बाद हमें आंध्र प्रदेश सरकार के फैक्ट चेक ट्विटर हैंडल से किया गया एक ट्वीट मिला। इसके कैप्शन में लिखा है – “AP मेडिकल एजुकेशन सर्विसेज “मेडिकल कॉलेजों में ड्रेस-कोड के बारे में कुछ मीडिया वर्गों में प्रकाशित समाचार” का खंडन करती है। मेडिकल छात्रों के लिए ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। जो खबर फैल रही है वह आधिकारिक नहीं है।”
ट्विटर हैंडल ने चिकित्सा शिक्षा निदेशक विनोद कुमार का एक पत्र भी साझा किया। पत्र में कहा गया है कि नए ड्रेस कोड की खबर आधिकारिक नहीं है। मेडिकल छात्रों के लिए ऐसा कोई परिपत्र या आदेश जारी नहीं किया गया है।
पत्र में विशेष रूप से सूर्या अखबार और टीवी 9 न्यूज द्वारा प्रकाशित खबर का खंडन करते हुए लिखा गया। इसमें लिखा है – सूर्या अखबार और TV9 समाचार चैनल में “విద్యార్ధులు జీన్స్ జీన్స్, టీ దరించవద్దు ఆదేశాలు చేసిన చేసిన చేసిన చేసిన DME (हिन्दी अनुवाद – छात्रों को हिदायत दी गई कि वे जींस, जींस या टी-शर्ट न पहनें)” कैप्शन के साथ खबर प्रकाशित की गई है। यहां सूचित किया जाता है कि मेडिकल छात्रों के लिए ऐसा कोई आदेश या परिपत्र (सर्कुलर) जारी नहीं किया गया है।
पत्र में आगे कहा गया है कि विभिन्न कर्मचारी संघों और संस्थानों के साथ परामर्श करने के बाद एक कोड तैयार किया जा रहा है जिसमें कार्यालय के दौरान एप्रन, आईडी कार्ड पहनना आदि शामिल हैं।
इसमें यह भी कहा गया कि विस्तृत दिशा-निर्देश/परिपत्र, विचार-विमर्श के बाद ही जारी किए जाएंगे, चारों ओर फैल रही खबर आधिकारिक नहीं है। पत्र के अन्त में चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने अनुरोध करते हुए लिखा कि, “मेरा आपसे अनुरोध है कि इसे(पत्र) प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित करने की कृपा करें”।
निष्कर्ष
आंध्र प्रदेश सरकार के फैक्ट चेक ट्विटर हैंडल,मेडिकल एजुकेशन सर्विसेज एवं चिकित्सा शिक्षा निदेशक विनोद कुमार के पत्र से स्पष्ट है कि मीडिया रिपोर्ट में प्रकाशित हो रही ख़बर बेबुनियाद और झूठी है।
दावा – आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेजों में जींस-टीशर्ट पहनने पर लगाया गया बैन
दावा करने वाला – विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स
सच – दावा गलत है