पीएम केयर्स फंड से राज्यों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने को लेकर एक गुमराह करने वाला दावा किया जा रहा है. दावे में कहा जा रहा है कि दिल्ली और महाराष्ट्र ने पीएम केयर्स से फ्लांट लगाने के लिए फंड का सही इस्तेमाल नहीं किया. फिल्म अभिनेत्री कंगना रनावत ने ट्वीट करके दावा किया ”खा गया पीएम केयर्स का पैसा और अब ऑक्सीजन के लिए पूछ रहा है…कहां गया पैसा ? इन दो लोगों ने क्यों नहीं बनाए ऑक्सीजन प्लांट ? क्यों? हमे दिए गए पैसे का हिसाब चाहिए”
इसी तरह के कुछ और दावे भी आप नीचे देख सकते हैं. जिसमें कहा जा रहा है कि इऩ राज्यों ने पीएम केयर्स फंड से मिले पैसे का दुररुपयोग किया.
केंद सरकार ने पीएम केयर्स फंड से देश भर में ऑक्सीजन प्लांट लगने की मंजूरी दी थी. इसके तहत 162 पीएसए आक्सीजन प्लांट लगाए जाने थे. इन प्लांटो के लिए 201 करोड़ रुपए का फंड एलॉट किया गया था. महाराष्ट्र में 10 और दिल्ली में 8 प्लांट लगाए जाने थे. बाकी अन्य राज्यों में लगने थे.
हमे सरकार की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज मिली जिसमें पीएम केयर्स फंड से 162 ऑक्सीजन प्लांट लगाने की जानकारी दी गई थी. रिलीज में हर राज्य में कितने प्लांट लगाए जाने हैं इस बात का ब्योरा दिया गया है. खास बात ये है कि इसमे पीएम केर्यस फंड से 201.58 करोड़ रुपए का आंबटन केंद्र सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के तहत आने वाली एक संस्था ‘CMSS’ यानि सेंट्रल मेडिकल सप्लाई स्टोर नामकी एक ऑटोनॉमस संस्था को दिया गया था. ‘CMSS’ को ही वेंडर तलाशने, प्राइस तय करने से लेकर सामान पहुंचवाने तक की जिम्मेदारी दी गई थी. केंद्र सरकार के पीआईबी विभाग की तरफ से इस साल 1 जनवरी को जारी इस प्रेस रिलीज को आप यहां देख सकते हैं. इसमें कहीं भी राज्यों को पैसा देने की बात नहीं कही गई है.
रिलीज के मुताबिक प्लांटस राज्यों की सलाह पर चिन्हित किए गए अस्पताल में लगाए जाएंगे. इनका दैनिक ऑपरेशन और मेंटेनेंस संबधित अस्पताल और राज्य करेंगे.केंद्र की तरफ से 10 साल तक इनका खर्चा उठाया जाएगा. उसके बाद राज्य इनका पूरा प्रबंधन देखेंगे.पिछले साल अक्टूबर में CMSS ने 150 ऑक्सीजन प्लांट के लिए टेंडर जारी किए. राज्यों में जिन अस्पतालों में ये प्लांट लगाए जाने थे उनको भी चिन्हित कर लिया गया था. अस्पतालों से जगह और बिजली सप्लाई की व्यवस्था के लिए राज्यों को जिम्मेदारी दी गदई थी. आक्सीजन प्लांट लगाने की जिम्मदारी CMSS की थी.
केंद सरकार की तरफ से जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 162 आंबंटित प्लांट में से 33 पूरी तरह से तैयार किए गए हैं. इनमें से एक दिल्ली और एक महाराष्ट्र में लगाया गया है.यूपी , हरियाणा, केरल, आंध्रप्रदेश में भी एक-एक प्लांट लगाया गया है. मध्यप्रदेश में 5 लगाए गए हैं. पूरी लिस्ट आप नीचे हेल्थ मिनिस्ट्री के ट्वीट में देख सकते हैं. मंत्रालय के अनुसार इस साल अप्रैल के अंत तक 59 और मई के अंत तक 80 प्लांट लगाने की योजना बनाई गई है.
ऑक्सीजन प्लांट को लेकर छिड़े विवाद पर SCROLL औऱ PRINT न्यूज वेबसाइट नें भी रिपोर्ट पब्लिश की है. इसे आप यहां और यहां देख सकते हैं. दिल्ली सरकार ने एक बयान जारी करके कहा है कि उन्हे केंद्र की तरफ से ऑक्सीजन प्लांट लगाने का एक पैसा नहीं दिया गया है. ये काम केंद्र को खुद करना था. पूरा बयान आप यहां देख सकते हैं. महाराष्ट्र सरकार की तरफ से प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने भी केंद्र की तरफ से महाराष्ट्र को कोई पैसा मिलने की बात को झूठ बताया
हमारी जांच में ये बात साबित हुई है कि ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए सीधे राज्यों को पैसा नहीं दिया गया था. केंद्र ने इस काम के लिए हेल्थ मिनिस्ट्री के तहत आने वाली ऑटोनॉमस संस्था ‘CMSS’ को फंड जारी किया था. राज्यों को जमीन, बिजली कनेक्शन आदि मुहैया कराने के लिए कहा गया था. दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार ने कितने अस्पतालों में जमीन और बिजली मुहैया कराई इस बारे में हमने जांच नहीं की है.
दावा- पीएम केयर्स फंड से ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए दिए पैसे का का दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार ने दुरुपयोग किया.
दावा करने वाल-कंगना रनौत, सोशल मीडिया यूजर
सच-दावा गुमराह करने वाला है
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