मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस के दूसरे दलित अध्यक्ष नहीं, मीडिया संगठनों का दावा गलत-FACT CHECK

26 अक्टूबर को कांग्रेस के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन अपना पद संभालेंगे. इस बीच मेनस्ट्रीम मीडिया का एक सेक्शन गलत दावा कर रहा है कि मल्लिकार्जुन खऱगे कांग्रेस पार्टी के दूसरे दलित अध्यक्ष हैं. और बाबू जगजीवन राम पार्टी के पहले दलित अध्यक्ष थे. हिन्दुस्तान टाइम्स ने 19 अक्टूबर को ट्वीट किया ”अगर मल्लिकार्जुन खरगे अध्यक्ष पद का चुनाव जीतते हैं तो वो पार्टी के दूसरे दलित अध्यक्ष होंगे” इसी दिन शाम को मल्लिकार्जुन खरगे पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव जीते गए थे. आर्काइव

इस ट्वीट के साथ ‘ht tweets’ ने हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट का एक लिंक शेयर किया जिसकी रिपोर्ट में दावा किया ”मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस के दूसरे दलित अध्यक्ष हैं.पहले जगजीवन राम थे” आर्काइव

इसी तरह इंडिया टूडे अपने ट्विटर हैंडल से एक इंफोग्राफिक्स शेयर किया जिसमे आजादी के बाद सभी कांग्रेस अध्यक्ष के बारे में जानकारी दी गई. इसमे नीलम संजीव रेड्डी के कार्यकाल को 1960-1963 तक बताया गया है. 1971-72 के बीच में किसी अध्यक्ष का जिक्र नहीं है. इंडिया टुडे ने अपने कैप्शन में दावा किया ’26 अक्टूबर को मल्लिकार्जुन कांग्रेस के नए अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे.80 साल के बुजुर्ग दूसरे दलित नेता होंगे जो ग्रैंड ओल्ड पार्टी के प्रमुख बनेंगे. वो 9 विधानसभा और 2 लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. आर्काइव

टाइम्स ऑफ इंडिया समेत कई मीडिया संगठन ने 1 अक्टूबर को दावा किया कि जगजीवन राम के बाद मल्लिकार्जुन खरगे का कांग्रेस का दूसरा दलित अध्यक्ष होना तय.

आउटलुक, फर्स्ट पोस्ट ने भी खऱगे को कांग्रेस का दूसरा दलित अध्यक्ष बताया.

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सच क्या है ?

‘India check’ को खोज के दौरान ट्विटर पर कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख जयराम रमेश का 19 अक्टूबर का एक ट्वीट मिला जिसमें उन्होने बताया ”राहुल गांधी ने भारत जो़ड़ो आंदोलन के 42वें दिन 1960 में पहले दलित मुख्यमंत्री और 1962 में पहले दलित कांग्रेस अध्यक्ष दामोदरम संजीवैय्या के भतीजे से मुलाकात की. 60 साल बाद खरगे संजीवैय्या के पदचिन्हों पर चलेंगे”

इस सूचना के आधार पर हमने अपनी खोज आगे बढ़ाई. और कुछ संबंधित की-वर्डस की मदद से गूगल सर्च किया. सर्च में हमे लोकसभा की साइट पर दामोदरम संजीवैय्या का प्रोफाइल मिला. ये प्रोफाइल आप यहां देख सकते हैं. इसमें जानकारी दी गई है कि दामोदरम संजीवैय्या ऑल इंडिया कांग्रेस पार्टी के पहले दलित अध्यक्ष थे. 1962 से लेकर 1964 तक उनका कार्यकाल था. इससे पहले वो आंध्रप्रदेश के पहले दलित मुख्यमंत्री भी थे. प्रोफाइल में आगे लिखा है कि 1971 में उन्हे दोबारा कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया. 8 मई 1972 को दामोदरम का निधन हो गया था. हालांकि दमोदरम दोबारा अंतरिम अध्यक्ष थे या अध्यक्ष थे इस बारे में थोड़ा संशय है. सही जानकारी मिलने पर हम अपडेट करेंगे.

सौजन्य-लोकसभा वेबसाइट

इंडिया टुडे ने अपने इंफोग्राफिक्स में दावा किया कि नीलम संजीव रेड्डी 1960-1963 तक कांग्रेस अध्यक्ष रहे. ये दावा गलत है. दिसंबर 1959 में उनको अध्यक्ष चुना गया औऱ जून 1962 तक उनका कार्यकाल रहा. 1962 में ही वो एक साल के लिए आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. कांग्रेस की आधिकारिक वेबसाइट में ये जानकारी आप यहां देख सकते हैं.

इस दौरान हमने कांग्रेस की आधिकारिक वेबसाइट को भी खंगाला लेकिन उसमें दामोदरम संजीवैय्या का नाम कांग्रेस अध्यक्ष की लिस्ट में नहीं था. इस बारे में हमने जयराम रमेश से संपर्क किया तो उन्होने कहा ”दामोदरम संजीवैय्या कांग्रेस के पहले दलित अध्यक्ष थे”. इस सवाल पर कि उनका नाम कांग्रेस की वेबसाइट में क्यों नहीं है उन्होने बताया ”दामोदरम ने कांग्रेस के किसी प्लेनरी सेशन की अध्यक्षता नहीं की थी इस वजह से वेबसाइट पर उनका नाम छूट गया. अगर 1963 में सेशन होता तो वो कर सकते थे लेकिन नहीं हुआ.1964 में सेशन हुआ तब कामराज अध्यक्ष बन चुके थे.” उन्होने ये भी कहा ”वेबसाइट पर इस बात को स्पष्ट करना चाहिए”. उन्होने nehruselectedworks.com का रिफरेंस देकर बताया कि दूसरी सीरीज के के वॉल्यूम 77 के पेज नंबर 247-48 पर दामोदरम के अध्यक्ष चुने जाने की डिटेल है. हमने इस वेबसाइट के लिंक पर जाकर देखा तो वहां 6 जून को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के मिनट्स दिए गए हैं. जिसमे दामोदरम को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव किया गया. 6 जून को 3.30 बजे शाम को तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष नीलम संजीव रेड्डी ने अपनी जगह अगले अध्यक्ष के नाम का प्रस्ताव देने के लिए सदस्यों को आमंत्रित किया. इंदिरा गांधी ने डी. संजीवैय्या के नाम का प्रस्ताव किया जिसका अनुमोदन महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता वाईबी चव्हाण ने किया.बैठक में किसी और नेता के नाम का प्रस्ताव नहीं किया गया इसलिए दामोदरम को कांग्रेस अध्यक्ष चुन लिया गया. लिंक

सौजन्य-nehruselectedworks.com

बैठक में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपना भाषण खत्म करते हुए नए कांग्रेस अध्यक्ष को बधाई भी दी. इसे आप यहां देख सकते हैं.

सौजन्य-nehruselectedworks.com

निष्कर्ष

मीडिया संगठनों का ये दावा कि मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस के दूसरे दलित अध्यक्ष हैं सही नहीं है. Indiacheck ने अपनी जांच में पाया कि खरगे तीसरे दलित अध्यक्ष हैं.पहले दलित अध्यक्ष दामोदरम संजीवैय्या थे. उनका कार्यकाल 1962 से 1964 तक था. दूसरे दलित अध्यक्ष बाबू जगजीवन थे. इनका कार्यकाल 1970-71 था. दामोदरम 1971 से लेकर 1972 तक भी कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. मल्लकार्जुन खरगे कांग्रेस के तीसरे दलित अध्यक्ष हैं. यहां एक बात और गौर करने लायक है कि कुछ मीडिया संगठनों ने खरगे को बाबू जगजीवन राम के बाद दूसरा अध्यक्ष बताया है. तकनीकि रूप से ये बहस का विषय़ हो सकता है लेकिन इसका आशय यही है कि वो जगजीवन राम को पहला अध्यक्ष मान रहे हैं जो कि गलत है.

दावा-मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस के दूसरे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं

दावा करने वाले- मेन स्ट्रीम मीडिया

सच-दावा गलत है

Meenu Chaturvedi

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