क्या पीएम मोदी ने कहा ‘1 करोड़ कोरोना मरीजों का फ्री इलाज हुआ’ ? आयुष्मान भारत में मरीजों या इलाज की संख्या 1 करोड़ ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के प्रसारण का एक स्क्रीन शॉट वायरल है. दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है 1 करोड़ कोरोना मरीजों का फ्री इलाज किया गया जबकि इतने मरीज ही नहीं हैं. दावा करने वालों में कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद भी शामिल हैं. ये स्क्रीन शॉट इंडिया टीवी का है. जिसमें एक तरफ पीएम मोदी की तस्वीर है, टॉप हेडर पर लिखा है ‘कोरोना से निर्णायक युद्ध…भारत कब तक कोरोना से मुक्त’ इसका सब हेडर है ‘प्रधानमंत्री की बड़ी बातें’. और उसके नीचे लिखा है ‘1 करोड़ कोरोना मरीजों का फ्री में इलाज किया गया’ कीर्ति आजाद ने इस स्क्रीन शॉट को ट्वीट करते हुए लिखा ‘1 करोड़ कोरोना मरीज का फ्री में इलाज किया, मोदी हाय तेरे पर मर जावां. तेरा फैन हो गया तेरी कसम, अब बस करो मोदी जी, कुछ ज्यादा ही नहीं तेज फेंक रहे , भगवान कसम’. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देख सकते हैं.

दुष्यंत नामके एक ट्विटर यूजर ने भी इसे पोस्ट किया जिसे आप नेता प्रीति शर्मा मेनन ने रिट्वीट किया. अंग्रेजी में लिखे कैप्शन का हिन्दी में अनुवाद है ‘मोदी 1 करोड़ कोरोना मरीजों के इलाज का दावा करते हैं. लेकिन भारत में तो 2 लाख से कम मरीज हैं. पूरे विश्व में 62 लाख हैं. क्या ये रॉयल स्टैग का प्रभाव है ? इसका आर्काइ्व्ड वर्जन आप यहां देख सकते हैं.

इस पोस्ट को अब तक 2 हजार से भी ज्यादा बार रिट्वीट किया जा चुका है. ट्विटर पर और पोस्ट आप यहां देख सकते हैं.

फेसबुक पर भी ये दावा वायरल हो रहा है.

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फैक्ट चेक

सबसे पहले हमने ये पता लगाया कि पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा क्या है. डीडी न्यूज के यूट्यूब चैनल पर हमने 29 मिनट 16 सेकेंड के 31 मई को सुबह 11 बजे प्रसारित कार्यक्रम को सुना. मोदी आयुष्मान भारत योजना का जिक्र करते हुए कहते हैं ‘करीब डेढ़ साल पहले आयुष्मान भारत योजना शुरू की गई थी. कुछ ही दिन पहले आयुष्मान भारत के लाभार्थियों की संख्या 1 करोड़ के पार हो गई है. एक करोड़ से ज्यादा मरीज का मतलब एक करोड़ से ज्यादा परिवार की सेवा हुई है. एक करोड़ से ज्यादा मरीज का मतलब नॉर्वे जैसै देश, सिंगापुर जैसे देश की टोटल जनसंख्या से दोगुना ज्यादा लोगों का इलाज किया गया है. इसके आगे भी वो इस योजना के बारे में लोगों को बताते हैं. ये बात आप 17.25 टाइमस्टैंप से लेकर 22.35 तक सुन सकते हैं.

प्रधानमंत्री ने इस भाग को ट्वीट भी किया है.

प्रधानमंत्री ने कहीं भी ये नहीं कहा कि एक करोड़ कोरोना मरीजों को फ्री इलाज दिया गया है.

क्या इंडिया टीवी ने गलत खबर चलाई ?

हमने इस बात की जांच करने के लिए पहले तो स्क्रीन शॉट की बारीकी से पड़ताल की. लेकिन जांच करने पर पता चलता है कि इसमें कोई भी शब्द अलग से नहीं जोड़ा गया है. इसकी वजह है कि सभी शब्दों के फोंट समान हैं. और शब्दों के एलाइनमेंट में भी कोई गड़बड़ी दिखाई नहीं देती है. खोज के दौरान हमे चैनल की तरफ एक वीडियो मिला जिसमें ये माना गया था कि पीएम के मन की बात कार्यक्रम के दौरान ये गलती हो गई थी. गलती के लिए चैनल की तरफ से खेद प्रकट किया गया था.

इसे एक ट्विटर यूजर ने पोस्ट भी किया है.

क्या आयुष्मान भारत में एक करोड़ से ज्यादा मरीजों का इलाज हो चुका है?

ये पता लगाने के लिए हम आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर गए. वेबसाइट पर दी जानकारी के अनुसार 20 महीने से भी कम समय में इस योजना के तहत 1 करोड़ ट्रीटमेंट किए गए. यानि 1 करोड़ लोगों का नही बल्कि एक करोड़ बार ट्रीटमेंट किए गए. 21 मई 2020 को एक वेबनार के जरिए इस बात की घोषणा की गई थी. इसे आप यहां देख सकते हैं. कुछ और रिसर्च करने पर हमें बीबीसी की संवादादाता सरोज सिंह का 22 मई 2020 को आयुष्मान भारत के सीईओ इंदुभूषण का एक इंटरव्यु मिला जिसमें वो साफ तौर पर कहते हैं कि एक करोड़ ट्रीटमेंट किए गए. इस बात को समझाने के लिए वो बताते हैं कि एक मरीज एक से ज्यादा बार भी ट्रीटमेंट करा सकता है. इसलिए ये संख्या ट्रीटमेंट की है मरीजो की संख्या इससे कम हो सकती है. आप नीचे इसे देख सकते हैं. बीबीसी की रिपोर्ट आप यहां पढ़ सकते हैं.

निष्कर्ष

सोशल मीडिया पर वायरल ये दावा पूरी तरह गलत है कि कि प्रधानमंत्री ने एक करोड़ कोरोना मरीजों का फ्री इलाज करने की बात रविवार को प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कही है. प्रसारण के दौरान इंडिया टीवी ने गलती से ये खबर चला दी थी. इसके लिए चैनल ने खेद भी प्रकट किया है. साथ ही आयुष्मान भारत के तहत 1 करोड़ मरीजों का इलाज नहीं बल्कि 1 करोड़ बार ट्रीटमेंट अब तक किए गए हैं. मरीजों की संख्या कम हो सकती है.

हमारी फैक्ट चेक स्टोरी में अगर आपको कोई गलती नज़र आती है तो आप हमें ज़रूर लिखें. हम अपनी गलतियों को स्वीकार करने के लिए पूरी तरह से हमेशा तैयार रहते हैं. आप हमें info@indiacheck.in या indiacheck1@gmail.com पर मेल कर सकते हैं. हम एक प्रक्रिया के तहत जांच करेंगे औऱ गलती पाए जाने पर स्टोरी को अपडेट करेंगे. आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. हमारा ट्विटर हैंडल है @indiacheck1

Gyan Srivastava

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