सोशल मीडिया पर एक वीडियो दो दिन से चर्चा की विषय बना हुआ है. वीडियो में दो पुलिस वाले कुछ लोगों से बात करते हुए दिखाई देते हैं. बातचीत किसी मुस्लिम व्यक्ति से हो रही है. पुलिसकर्मी कहते हैं कि एलजी साहब का आर्डर है कि अजान नहीं होगी. फिर किसी महिला की आवाज आती है. वो कहती है हमे तो नहीं पता ऐसा कोई आर्डर..हम समाचार भी देखते हैं उसमें भी नहीं है. अगर ऐसा कोई आर्डर है तो दिखाओ. महिला और पुलिस के बीच थोड़ी तू-तू-मैं-मै होती है. महिला कहती है कि अज़ान नहीं होगी तो हमे कैसे पता चलेगा कि कब नमाज पढ़नी है. पुलिसकर्मी कहता है कि हम क्या करें आर्डर है. महिला बार-बार आर्डर देखने के लिए कहती है तो पुलिसकर्मी कहता है कि आर्डर देखना है तो प्रेमनगर थाने जाओ. इस वीडियो को ट्वीट करते हुए सीनियर जर्नलिस्ट सबा नकवी कहती हैं “क्या रमज़ान के दौरान दिल्ली में अज़ान की अनुमति नहीं है? ये पुलिसकर्मी कहते हैं कि ये एलजी का आदेश है. सुनिए इनको. दंगों से प्रभावित मुस्तफ़ाबाद का वीडियो है. जहां कई लोग मारे गए और कईयों ने अपने घर और दुकानें खो दीं.”
एबीपी की एंकर रोमाना इसर खान ने सबा के ट्वीट पर लिखा कि सभी धर्मों की चीजे बंद हैं तो अज़ान पर रोक ठीक ही है.
कई और ट्वीट नीचे देख सकते हैं.
23 अप्रैल से ये वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. लोग अपने-अपने तरीके से इस पर अपनी राय रख रहे हैं.
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लेकिन इस सबके बीच ये जानना ज़रूरी था कि माजरा क्या है. मसला कहां का है. चूंकि ये बात लगभग तय हो गई थी कि वीडियो दिल्ली का है. पुलिसकर्मी एलजी का आर्डर बता रहे थे तो दिल्ली में उपराज्यपाल की जगह लेफ्टिनेंट गवर्नर यानि एलजी की नियुक्ति होती है. हालांकि ये व्यवस्था कुछ और राज्यों में भी है लेकिन वीडियो में बातचीत की भाषा सुनकर ये दिल्ली का ही लगता है. इस बात की पुष्टि के लिए हमने उस थाने का पता किया जिसका नाम वीडियो में पुलिसकर्मी ले रहे हैं. यानि प्रेम नगर थाना. गूगल सर्च के ध्दारा पता चला कि ये थाना दिल्ली के रोहिणी इलाके में आता है. इस बीच ट्विटर पर ही दिल्ली पुलिस की तरफ से एक ट्वीट किया गया जिसमें कहा गया कि. अज़ान पर कोई रोक नहीं है. ये एनजीटी के नियमों के तहत जारी रहेगी लेकिन नमाज़ घर पर पढ़ने की हिदायत दी गई है.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस बीच रेडियो ज़ाकी सायमा के एक ट्वीट का उत्तर देते हुए कहा कि अज़ान पर किसी तरह की रोक नहीं है. लॉकडाउन में मस्जिदों में नमाज़ के लिए इकट्ठा होने पर पूरी तरह से पाबंदी है.
पूरी और सही जानकारी ये है कि ये वीडियो दिल्ली के मुस्तफाबाद का नहीं बल्कि रोहिणी इलाके का है. और दूसरी बात एलजी की तरफ से अज़ान बंद करने का आदेश नहीं दिया गया है. अब सवाल बचा कि फिर उन पुलिस वालों ने ऐसा क्यों कहा. बीबीसी ने भी इस वीडियो का फैक्ट चेक किया है. इलाके के डीसीपी एसडी मिश्रा से उसने इस मसले पर बात की तो उन्होने बताया कि कॉन्स्टेबल नमाज़ और अज़ान में फर्क नहीं समझ पाए इस लिए ऐसा बोल गए. दोनों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है.
दिल्ली में मस्जिदों में अज़ान पर रोक का कोई आदेश नहीं है. लेकिन लॉकडाउन के दौरान नमाज़ के लिए मस्जिद जाने पर पाबंदी है. नमाज़ घर से ही पढ़ने के निर्देश हैं.
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