सोशल मीडिया पर एक गरीब बच्ची की तस्वीर वायरल है. इस ग्राफिक इमेज में तीन तस्वीरों का कोलाज है. एक तस्वीर में दिवाली की रात में बच्ची अयोध्या में दियों से तेल इकट्ठा करते हुए दिखाई दे रही है. दूसरी तस्वीर के बारे में कहा जा रहा कि ये रोहिंगया मुस्लिम है.औऱ फिर दोनों बच्चियों को एक ही बताने का दावा किया जा रहा है. कोलाज में नीचे गूगल इमेज सर्च के परिणाम का स्क्रीन शॉट है. इसके सर्च बॉक्स में ‘रोहिंगया’ लिखा है. इस कोलाज पर लिखा है ”ये मुस्लिम लड़की यहां से यहां कैसे पहुंची..सबकुछ प्रायोजित था,नज़दीक से फोटो लेना और वायरल करना” इस तस्वीर के साथ एक संदेश भी लिखा गया है जिसमें कहा गया है ‘’इस अवैध रोहींगया लड़की को वाम और सेकुलर गैंग ने एक षड़यंत्र के तहत अयोध्या पहुंचाया ज़िससे एक झूठा प्रोपेगैंडा फैलाय़ा जा सके , अरे बेशर्मो तुम्हारा प्लान फेल हो गया’’
धर्मेंद्र सिंह ठाकुर नामके इस ट्विटर हैंडल के प्रोफाइल पर लिखा है रेलमंत्री पीयूष गोयल का ट्विटर हैंडल ”office of piyush goyal”उसे फॉलो करते हैं. इस हैंडल के 10 हज़ार से ज्यादा फॉलोअर हैं. इसी तरह फेसबुक पर भी ये तस्वीर वायरल है. ”हिन्दू धर्म योद्दा” नामके फेसबुक पेज ने इसे पोस्ट किया है. अबतक 15000 बार इस पोस्ट को शेयर किया जा चुका है.
ट्विटर और फेसबुक पर ये तस्वीर वायरल है.
वायरल तस्वीर के बारे में दावा किया जा रहा है कि अयोध्या में दिवाली की रात दियों से तेल एकत्रित करने वाली छोटी बच्ची रोहिंगया मुस्लिम है. जिसे अयोध्या के भव्य दीपोत्सव कार्यक्र्म की आलोचना करने के लिए झूठे संदेश के साथ प्रसारित किया जा रहा है. गौरतलब है कि अयोध्या में हुए दिवाली के कार्यक्रम के बाद सोशल मीडिया पर एक गरीब बच्ची की दियों से तेल निकालने की तस्वीर काफी लोगों ने शेयर की थी. दीपोत्सव कार्यक्रम यूपी सरकार ने आयोजित किया था. इस कार्यक्रम में 1 करोड़ 33 लाख रुपए खर्च किए गए थे. गरीब बच्ची की तस्वीर योगी सरकार पर तंज करते हुए पोस्ट की गई थी.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस तस्वीर को शेयर किया था
इस तस्वीर को शेयर करने के बाद से ही इसे गलत बताने का दावा किया जा रहा है. इस बच्ची के बारे में कहा जा रहा है कि ये रोहिंग्या मुसलमान है औऱ योगी सरकार के कार्यक्रम के खिलाफ इसे इस्तेमाल किया जा रहा है. जबकि अयोध्या से इसका कोई लेना देना नहीं है. वायरल कोलाज में एक अन्य बच्ची की तस्वीर को इसी की तस्वीर बताने का दावा किया जा रहा है. इस दूसरी बच्ची को रोहिंगया मुसलमान बताया जा रहा है. इसे साबित करने के लिए गूगर सर्च के परिणामों का स्क्रीन शॉट भी लगाया गया है.
दिल्ली एयरपोर्ट में मिले संदिग्ध बैग पर कुछ मीडिया संस्थानों की गैरज़िम्मेदाराना रिपोर्टिंग
साधारण गूगल सर्च में हमने की-वर्ड ‘rohingya girl’ डाला तो हमे बहुत से परिणाम मिले. इन परिणामों में एक तस्वीर इस बच्ची की दिखाई जो सोशल मीडिया पर वायरल कोलाज में थी.
इस तस्वीर को जब हमने क्लिक किया तो ये हमे thetimes.com के पेज पर ले गया. The Times ने अपनी वेबसाइट पर इस तस्वीर के साथ एक रिपोर्ट 7 सितंबर 2017 को प्रकाशित की थी.रिपोर्ट म्यानमार की नेता आंग सान सू की के इंटरव्यु पर आधारित थी जिसमें उन्होने रोहंगिया मुसलमानों पर अत्याचार को झूठ बताया था. तस्वीर के कैप्शन में उन फोटोग्राफर का नाम मिला जिन्होने इसे अपने कैमरे में कैद किया था. फोटोग्राफर का नाम है केएम असद. उनके साथ न्यूज एजेंसी ‘AFP’ और आर्काइव तस्वीरों की वेबसाइट ‘GETTY IMAGES’ को भी क्रेडिट दिया गया था.
Getty Images की वेबसाइट पर हमे ये तस्वीर मिली. तस्वीर के कैप्शन में मिली जानकारी के अनुसार ये बच्ची 6 सितंबर 2017 में म्यानमार से बांग्लादेश भागकर आई थी. इस दौरान 1 लाख 25 हज़ार रोहिंगया शरणार्थी भागकर बांग्लादेश पहुंचे थे. उन्ही में से एक बच्ची ये भी थी. AFP न्यूज़ एजेंसी के फोटोग्राफर केएम असद ने इस बच्ची की तस्वीर उसी दौरान ली थी.
हम फोटोग्राफर केएम असद की वेबसाइट पर भी गए वहां भी ये तस्वीर उनकी फोटो गैलरी में दिखाई दी. इस तस्वीर को ‘THE GUARDIAN’ अखबार की वेबसाइट ने भी इस्तेमाल किया है.
आइए अब दोनो बच्चियों की तस्वीरों को साथ रखकर विश्लेषण करते हैं
अगर गौर से इन दोनों तस्वीरों को देखें तो चेहरे के फीचर एकदूसरे से मेल नहीं खाते हैं. आंखें, नाक, ओंठ और भौवों की बनावट अलग-अलग है. चेहरे की बनावट से दोनों बच्चियां समान नहीं हैं. अयोध्या में दियो से तेल निकालती बच्ची की हमे रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिए 29 अक्टूबर 2019 से पहले की कोई तस्वीर दिखाई नहीं दी. अलग-अलग कीवर्ड की सहायता से भी हमने खोजने की कोशिश की लेकिन हमे इस बच्ची की तस्वीर नहीं मिली. दिवाली की रा
अयोध्या में जब दिवाली की रात लोग जश्न मना रहे थे तो एक गरीब बच्ची दियों से तेल एकत्रित कर रही थी. हमने इसके बारे में पता करने की कोशिश तो हमे यूपी के न्यूज चैनल की वेबसाइट पर एक रिपोर्ट दिखाई दी. चैनल के रिपोर्टर ने इस बच्ची से मुलाकात की. रिपोर्ट के अनुसार इस बच्ची का नाम मुस्कान है औऱ ये अपने परिवार के साथ खुले आसमान में अयोध्या के नया घाट इलाके में रहती है. मुफलिसी का आलम ये है कि भीख मांगकर इसे अपना गुजारा करना पड़ता है. ये पूरी रिपोर्ट आप यहां पढ़ सकते हैं.
हमारी जांच में अयोध्या में दियों से तेल एकत्रित करने वाली बच्ची और रोहिंग्या मुस्लिम बच्ची की तस्वीर में कोई समानता नहीं मिली. दोनों तस्वीरों को एक बताने का दावा करने वालों का मकसद अफवाह फैलाना है. दोनो बच्चियां अलग-अलग हैं.
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