गुजरात के मोरबी में हुए हादसे से जोड़कर पीएम मोदी की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. तस्वीर में पीएम मोदी के साथ एक शख्स है जिसके बारे में गलत दावा किया जा रहा है कि वो ओरेवा ग्रुप के मालिक ओधाव पटेल हैं. India Awakened नामक ट्विटर अकाउंट ने इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए दावा किया ”आप जो तस्वीर देख रहे हैं ये है मोदी के साथ ओधव पटेल. इसीको मोरबी ब्रिज के रिपोयर का करोड़ों का टेंडर दिया गया था. आज जो मोरबी गुजरात में 91 लोगों की मृत्यु हुई है, आंकड़ा बढ़ रहा है…उसमे 50 छोटे बच्चे भी हैं.”
रविवार को गुजरात के मोरबी में हुए ब्रिज हादसे में 135 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले में 9 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. 140 साल से भी ज्यादा पुराने इस ऐतिहासिक ब्रिज के रखरखाव का काम 2008 में ओरेवा ग्रुप को दिया गया था. हाल ही में 7 महीने बाद इस ब्रिज को मरम्मत के बाद खोला गया था. राजस्थान यूथ कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से दो तस्वीरों का कोलाज पोस्ट किया गया. पीएम के साथ शख्स की तस्वीर लिखा गया ”मोरबी ब्रिज के ठेकेदार” और हादसे की तस्वीर पर लिखा गया ”मोरबी ब्रिज की जनता”. कैप्शन में दावा किया गया ”अबतक 150 लोगों की मौते. इसका जिम्मदार कौन?” आर्काइव
ओडिशा यूथ कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से भी ये तस्वीर पोस्ट करके दावा किया गया जिसका हिंदी अनुवाद है ”मोरबी ब्रिज की मरम्मत का ठेका जिस व्यक्ति को दिया गया वो भी मोदी का घनिष्ठ मित्र है. मोदी सरकार से सिर्फ उन्ही लोगों को फायदा मिलता है जो चुनावी बॉन्ड और कैश के जरिए भुगतान करते हैं. 40 फीसदी की दर से ये धंधा होता है. ये बड़ा अपराध है.” आर्काइव
फेसबुक पर भी ये तस्वीर इसी दावे के साथ वायरल है.
फेसबुक पर कुछ और दावे यहां भी देख सकते हैं..
सच क्या है ?
इस दावे का सच जानने के लिए हमने वायरल तस्वीर का गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो कई परिणाम मिले। इन परिणामों में सबसे पहले हम एक फेसबुक अकाउंट पर पहुंचे जिसके प्रोफाइल पर वायरल तस्वीर दिखाई दी. इस प्रोफ़ाइल में लिखे विवरण से पता चला कि यह फेसबुक अकाउंट गुजरात के कृषि मंत्री राघवजी पटेल का है। प्रोफ़ाइल में देखा जा सकता है कि यह तस्वीर 4 सितम्बर 2022 को अपलोड की गई थी। राघव जी पटेल ने यही तस्वीर अपने ट्विटर बॉयो में भी लगा रखी है. दोनों तस्वीर के स्क्रीन शॉट आप नीचे देख सकते हैं. ऑऱिजनल तस्वीर यहां और यहां देखिए.
राघवजी पटेल के कार्यालय ने वायरल दावे को फेक बताते हुए फुेसबुक पर लिखा “कुछ शरारती तत्व, भारतीय जनता पार्टी और मेरी साख को खराब करने के लिए मुझे दूसरी पहचान से बदनाम कर रहे हैं। मैं जनता को बताना चाहता हूं कि वायरल तस्वीर में मुझे ओधवजी पटेल के नाम से वर्णित कर रहे हैं। इस साज़िश में शामिल ना हों।”
वहीं 14 अक्टूबर 2021 को गुजराती भाषा में vtv.com नाम की वेबसाइट में हमें एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में प्रधानमंत्री मोदी के साथ तस्वीर में नजर आ रहे शख्स का उल्लेख गुजरात के कृषि मंत्री राघवजी पटेल के रूप में किया गया है।
कौन हैं ओधाव जी पटेल ?
हमने कुछ कीवर्ड्स के साथ सिम्पल गूगल सर्च किया तो हमे ओरेवा ग्रुप के बारे में सर्च किया। हमें 1 नवंबर 2022 को बीबीसी में प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार ओधावजी पटेल ने 1971 में तीन पार्टनर के साथ इस ग्रुप की शुरुआत की थी. उस समय इसका नाम ‘अजंता ट्रांज़िस्टर क्लॉक मैन्युफै़क्चरर’ था. थोड़े दिन बाद अजंता घड़ियां देश भर में मशहूर हो गई. 1981 में तीनों पार्टनर का बंटवारा हो गया. ओधावजी ने अपनी कंपनी का नाम अजंता रखा. साल 2012 में ओधावजी की मृत्यु हो गई. उनके बेटों में कंपनी का बंटवारा हुआ. ओधावजी के बेटे जयसुख पटेल को जो हिस्सा मिला उसका नाम उन्होने ओरेवा रखा. द हिन्दू की रिपोर्ट में भी यही जानकारी दी गई है.इसके बाद हमने गुजरात के कृषि मंत्री राघवजी पटेल और ओरवा ग्रुप के मालिक ओधावजी पटेल की तस्वीरों का तुलनात्मक विश्लेषण किया और पाया कि दोनों अलग-अलग शख्स हैं. ये बात इनके चेहरे की बनावट से भी जाहिर होती है.
निष्कर्ष – गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे के बाद सोशल मीडिया पर वायरल दावे के साथ तस्वीर में पीएम मोदी के साथ दिख रहे शख्स ओरवा ग्रुप के मालिक नहीं बल्कि गुजरात के कृषि मंत्री राघवजी पटेल हैं। ओरवा ग्रुप के मालिक ओधावजी पटेल का 2012 में निधन हो चुका है।
दावा-मोरबी ब्रिज के रखरखाव का काम देखने वाली कंपनी ओरेवा ग्रुप के मालिक ओधावजी के साथ पीएम मोदी की तस्वीर
दावा करने वाले-सोशल मीडिया यूजर्स ,राजस्थान और ओडेशा युवक कांग्रेस के ट्विटर हैंडल
सच-दावा गलत है