दिल्ली में दंगा पीड़ितों के राहत अभियान का वीडियो शाहीन बाग में पैसे बांटने का बताकर वायरल

शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों को पैसा देने का झूठा वीडियो सोशल मीडिया पर फिर वायरल है. वीडियो में एक व्यक्ति मुस्लिम महिलाओं को लाइन में लगवाकर पैसे बांटते हुए दिखाई दे रहा है. जिस जगह वो पैसे बांट रहा है वो एक संकरी गली है. एक तरफ बिना प्लास्टर की दीवार है जिसमें कई जगह ईंट निकली हुई दिखाई देती है. और आसपास कूड़ा पड़ा हुआ है. एक खुली हुई नाली भी वीडियो में दिखाई देती है. फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर इस वीडियो को शाहीन बाग की महिला प्रदर्शनकारियों को पैसे बांटने के दावे के साथ पोस्ट किया जा रहा है. अब तक इसे लाखों लोग देख चुके हैं. कनाडियन लेखक तारिक फतेह ने 29 फरवरी को इस वीडियो को पोस्ट किया. पोस्ट के साथ उन्होने कैप्शन लिखा ‘ये शाहीन बाग का वीडियो सबकुछ अपने आप बता रहा है.’

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इसे रिट्वीट किया.

राहुल महाजन नामके वेरीफाइड ट्विटर हैंडिल से भी इसे पोस्ट किया गया

फेसबुक पर तमाम लोगों ने इसे पोस्ट किया. फेसबुक पर इसे यहां भी आप देख सकते हैं.

वीडियो में कुछ आवाजें भी आ रहीं हैं. इस आवाज में लोग हिंदी में बातचीत कर रहे हैं. बातचीत से ये ज़ाहिर नहीं होता है कि ये जगह कौन सी है लेकिन पैसे बांटने वाले को दुआ देने की एक आवाज आप भी सुन सकते हैं. गौरतलब है कि इस 30 सेकेंड की वीडियो क्लिप को दिल्ली दंगों के दौरान 29 फरवरी को पोस्ट किया गया. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में ये दंगे हुए थे जिनमें 45 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. अभी भी कुछ लोगों के ना मिलने की जानकारी आ रही है.

ये भी पढ़िए

मधु किश्वर ने बांग्लादेश के एक साल पुराने वीडियो को दिल्ली दंगों से जोड़कर बताने की कोशिश करते हुए पोस्ट किया

फैक्ट चेक

ये वीडियो पिछले कई दिन से सोशल मीडिया पर वायरल है. हमारे पास भी ये कई दिन पहले आ चुका था. रिवर्स इमेज सर्च और अन्य तकनीक के ज़रिए खोजने की कोशिश में हम सफल नहीं हो पाए क्योंकि इसे हाल ही में शूट किया गया था और तब तक ऑरिजनल वीडियो को कहीं अपलोड नहीं किया गया था. चूंकि इस वीडियो के बारे में दावा किया जा रहा था कि ये शाहीन बाग का है. हमने शाहीन बाग के ऑफशियल ट्विटर हैंडल पर इसे खोजना शुरू किया. 2 मार्च को इस ट्विटर हैंडल से चेन्नैई के रहने वाले सोशल एक्टविस्ट चंद्रमोहन की एक वीडियो क्लिप पोस्ट की गई जिसमें वो उसी जगह पर गए जहां पैसे बांटने की बात की जा रही थी और वायरल वीडियो में किए जा रहे दावे को गलत बताते हुए पूरी घटना बताई. इस वीडियो में चंद्रमोहन उसी संकरी गली में खड़े हुए दिखाई देते हैं. वो बताते हैं कि ये पुराना मुस्तफाबाद है. यहां ए ब्लॉक की गली नंबर-9 ,बाबरपुर में दंगों के पीड़ितों को राहत देने का अभियान शुरू किया गया था. बहुत सारे मुस्लिम लोग जो शिव विहार से अपने घरो को छोड़कर आए थे वो यहां रह रहे हैं. चंद्रमोहन इस वीडियो में शहजाद मलिक नामके व्यक्ति का परिचय देते हैं जो थोड़ी देर में उनके साथ खड़े हुए दिखाई देते हैं. काले रंग की शर्ट पहने शहजाद के बारे में वो बताते हैं कि इसी व्यक्ति ने यहां पैसे बांटे थे. वो बताते हैं कि शहजाद ने 70,000 रुपए पीड़ितों को बांटे.

चंद्रमोहन ने इस वीडियो को अपने फेसबुक पेज पर भी शेयर किया है.

हमने वायरल वीडियो औऱ चंद्रकांत के वीडियो की पड़ताल की. दोनों वीडियो से हमने कुछ स्क्रीन शॉट निकाल कर उनकी तुलाना की जिसे आप नीचे देख सकते हैं.आपको बता दे कि पुराने मुस्तफाबाद में दंगा पीड़ितों को पैसे बांटने का वीडियो 28 फरवरी को 3 से 4 बजे के बीच शूट किया गया था. चंद्रमोहन उस जगह पर 2 मार्च को गए थे और इस पूरे घटनाक्रम को बताया था. वीडियो के बारे में फैलाए जा रहे झूठ का भंडाफोड़ करने के लिए उन्होने शहजाद को भी उन्ही कपड़ों में परिचय करवाया जो वो पैसे बांटने के दिन पहने हुए थे. नीचे हम वायरल वीडियो और चंद्रमोहन के शूट किए हुए वीडियो की तुलना करके सच्चाई पता करते हैं.

पहली तस्वीर

बांए हाथ पर चंद्रमोहन और उनके पीछे दीवार , दांए हाथ की तस्वीर वायरल वीडियो की है जिसमें लाइन में महिलाएं औऱ दीवार

इन दोनों तस्वीर में आप देख सकते हैं कि दीवार लगभग एक जैसी है. दीवार पर प्लास्टर नहीं है, जो लाल मार्क हमने लगाया है उस जगह पर गड्ढा है. दोनों ही तस्वीरों में वो गढ्ढा एक ही जगह पर है.

दूसरी तस्वीर

बांए हाथ की तस्वीर में दीवार से सटी नाली से लगा हुआ कुड़े का ढेर और दांए हाथ पर वायरल वीडियो में कूड़े का ढेर

 इस तस्वीर में चंद्रमोहन एक जगह दिखाते हैं जहां कूड़ा पड़ा हुआ है . उस दिन भी यही कूड़ा नजर आता है.

तीसरी तस्वीर

ये तस्वीर शहजाद मलिक की है. एक तस्वीर में वो शहजाद मलिक के साथ खड़े हैं और दूसरी जो थोड़ी दूरी से दिखाई दे रही है है उसमें शहजाद पैसे बांट रहे हैं.

बांए हाथ पर चंद्रमोहन शहजाद से बात करते हुए और दांए हाथ पर शहजाद की पैसे बांटते हुए तस्वीर

चंद्रमोहन के अनुसार बाबरपुर में दंगा पीड़ितों के पास खाने को नहीं था. शहजाद मलिक लोगों के साथ राशन बांटने का काम कर रहे थे. जब राशन का स्टॉक खत्म हो गया तो उन्होने हर पीड़ित को 500 रुपए दिए जिससे वो अपना काम चला सकें.

निष्कर्ष

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बारे में जो दावा किया जा रहा है वो गलत है. वीडियो में शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को पैसा नहीं बांटा जा रहा है. वीडियो उत्तर-पूर्व दिल्ली के पुराने मुस्तफाबाद का है जहां दंगा पीड़ितों को राहत अभियान के तहत उनके राशन के लिए शहजाद मलिक नामका व्यक्ति पैसे बांट रहा है.

दावा- शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को पैसे देकर बुलाया जाता है.

दावा करने वाले- तारेक शाह, राहुल महाजन, अन्य सोशल मीडिया यूज़र और फेसबुक पेज

सच-दावा झूठा है

हमारी फैक्ट चेक स्टोरी में अगर आपको कोई गलती नज़र आती है तो आप हमें ज़रूर लिखें. हम अपनी गलतियों को स्वीकार करने के लिए पूरी तरह से हमेशा तैयार रहते हैं. आप हमें info@indiacheck.in या indiacheck1@gmail.com पर मेल कर सकते हैं. हम एक प्रक्रिया के तहत जांच करेंगे औऱ गलती पाए जाने पर स्टोरी को अपडेट करेंगे. आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. हमारा ट्विटर हैंडल है @indiacheck1

Meenu Chaturvedi

Recent Posts

Fact-Check : क्या हमास का समर्थन करने वाले केरल के लोगों ने इटली के झंडे लेकर पैदल मार्च किया ? सच यहां जानें

7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास के द्वारा इजराइल पर हमला किए जाने के…

1 year ago

Fact-Check : इजरायल-फिलीस्तीन संघर्ष के बाद सोशल मीडिया पर आई वायरल वीडियो की बाढ़, वायरल वीडियो का सच जानें !

Israel-Philistine Conflict Viral Video : 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास के द्वारा इजराइल…

1 year ago

Fact-Check : दैनिक जागरण ने भारतीय सेना के द्वारा पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक किये जाने की फेक न्यूज़ प्रकाशित की

मंगलवार को ‘दैनिक जागरण’ ने राष्ट्रीय संस्करण में पहले पृष्ठ पर ‘भारत ने पाकिस्तान पर फिर की…

2 years ago

Fact-Check : दरभंगा एम्स पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दावा गलत, एम्स निर्माण के लिए अभी जगह तय नहीं हुई

12 अगस्त 2023 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पश्चिम बंगाल…

2 years ago

Fact-Check : असंबंधित विरोध प्रदर्शन की पुरानी तस्वीरें हरियाणा हिंसा से जोड़कर शेयर की गईं

हरियाणा में नूंह हिंसा में अबतक 83 एफआईआर दर्ज, 159 लोग गिरफ्तार किये जा चुके…

2 years ago