प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2 अक्टूबर यानि गांधी जयंती के दिन की एक फोटोशॉप्ड तस्वीर वायरल है. तस्वीर में नरेंद्र मोदी महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते दिखाई देते हैं. और एक फोटोग्राफर जमीन पर लेटकर उनकी फोटो खींचता नजर आता है. गीत वी नामके ट्विटर हैंडल ने तस्वीर पर कैप्शन लिखकर तंज किया ”पत्रकार का चरित्र रेंग रहे कैमरा मैन की तरह होना चाहिए” आर्काइव
मशहूर लोकगायिका नेहा सिंह राठोर (आर्काइव) ने भी ये तस्वीर पोस्ट करके दावा किया ”वाह क्या तस्वीर है”
कुछ तस्वीरें आप यहां, यहां देख सकते हैं.
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सच क्या है ?
तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल से पोस्ट की गई तस्वीर दिखाई दीं. इनमे से एक तस्वीर वही थी जो वायरल हो रही है. तस्वीर में फोटोग्राफर नहीं है. मोदी ने तस्वीर पर कैप्शन लिखा ”दिल्ली में गांधी स्मृति में हुई प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया”
यही तस्वीर न्यूज एजेंसी पीटीआई ने भी जारी की है.
वायरल तस्वीर और ऑरिजनल तस्वीर की तुलना आप नीचे देख सकते हैं.
दोनों की तुलना में आप देख सकते हैं कि ऑरिजनल फोटो में फोटोग्राफर नहीं है. जबकि वायरल फोटो में एडिट करके फोटोग्राफर की तस्वीर डाली गई है. एक और सवाल अभी था कि वायरल फोटो में फोटोग्राफर की तस्वीर कहां से ली गई है. कुछ कीवर्डस की सहायता से गूगल सर्च के जरिए ये भी पता चल गया. स्टॉक फोटो वेबसाइट alamy में फोटोग्राफर की तस्वीर हमे मिली. फोटो ग्राफर का नाम ‘Ingemar Magnusson’ है, स्वीडन के रहने वाले हैं. और इसे 15 मार्च 2017 को लिया गया है.
निष्कर्ष
हमारी जांच में पाया गया कि मोदी की ऑरिजनल तस्वीर में फोटोग्राफर नहीं है. इसे बाद में एडिट करके डाला गया है.
दावा-फोटग्राफऱ ने लेटकर पीएम मोदी की तस्वीर ली.
दावा करने वाले-सोशल मीडिया यूजर
सच-दावा झूठा है